Post of 7th June 2022

2022 मे हिन्दुस्तान ने मिडिल इस्ट उसी तरह से खो दिया जिस तरह से बोलशोविक क्रांती के नशा मे सोवियत संध के राषट्रपति स्टैलिन ने सऊदी अरब 1938 मे 54 साल के लिए खो दिया था।स्टैलिन की एक गलती ने अमेरिका को सौ साल के लिए पेटरो डौलर (petro-dollar) के कारण सुपर पावर बना दिया।

मिडिल इस्ट के देश सऊदी अरब, बहरैन, यूऐई, कोवैत, ओमान, यमन, इराक़, कतर, जोर्डन वगैरह के 390 अरब परिवार दुनिया के ट्रिलियन डौलर से अधिक सम्पत्ति के मालिक हैं।अमेरिका मे अरब लोगो का बहुत इंवेस्टमेंट है और अगर आज अमेरिका मिडिल ईस्ट की दौलत को निकालना चाहे भी तो 20 साल मे भी निकाल कर replace नही कर सकता है। हमारे दार्शनिक और बुद्धिजीवि हम लोग को झूठा विश्वगुरू का सपना देखाते रहे और मिडिल ईस्ट को पिछले तीस साल (1992) मे बाबरी शहादत, मक़बूल फेदा हुसैन, ज़ाकिर नायक और तेजस्वी सूर्या और नूपुर शर्मा ने 50 साल के लिए खो दिया।

1924 मे सोवियत रूस ने करीम खाकीमोव (Karim Khakimov) कौनस्लर जेनरल बना कर जद्दह भेजा। उन्होंने अरब और सऊदी अरब से सोवियत रूस की दोस्ती को प्रवान चढ़ाया।राजदूत करीम की बीवी डाक्टर थी और रूस से दवा ला कर हज के ज़माने मे तीन महीना मक्का मे हाजियों की सेवा करती थी।करीम खाकीमोव जो तातार थे, शाह अबदुल अज़ीज़ के साथ उमरा करते थे।

रूस से केरासन तेल और खाने का सामान आज के यूक्रेन के ओडेसा (Odessa) बंदरगाह से जद्दह बंदरगाह पर आता था।एसी दोस्ती थी कि 1932 मे शाह अबदूल अज़ीज़ ने मौसको का दौरा किया।मगर कहा जाता है कि जर्मनी के हिटलर के कहने पर स्टैलिन ने सऊदी अरब से मूँह मोड लिया और जद्दह से राजदूत करीम को 1937 मे वापस बोला लिया और जनवरी 1938 मे फॉसी दे दिया।स्टैलिन ने सऊदी अरब दूसरा राजदूत भेजा मगर रेयाद ने इंकार किया और सोवियत रूस के दूतावास को 1938 बंद कर दिया।

चार महीना बाद 1938 के अप्रील मे दम्माम मे एक अमेरिकी तेल कम्पनी को दुनिया का सब से बडा तेल का ख़ज़ाना मिला। फिर 1939 मे दूसरा विश्वयुद्ध शुरू हो गया और लडाई के दौरान फरवरी 1945 मे शाह अबदूल अज़ीज़ और अमेरिका राष्ट्रपति रूज़वेल्ट एक पानी के जहाज़ पर मिले और तेल निकालने और डॉलर मे बेचने का समझौता हुआ और फिर दोनो की दुनिया बदल गई।

#नोट: दूसरे विश्व युद्ध के बाद स्टैलिन और दूसरों ने बहुत कोशिश किया सऊदी अरब से दोस्ती करने तथा दूतावास खोलने की मगर कामयाब नही हुऐ।1990 मे सोवियत संध टूटने के बाद 54 साल बाद रूस का दूतावास 1992 मे रेयाद मे खुला।
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Some comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman, हम ने बहुत पहले एक पोस्ट करीम खाकीमोव पर लिखा था और लोगो को याद दिलाया था कि हम लोग 80% तेल और 90% LNG मिडिल इस्ट से खरीदते हैं। आज उस कड़ी का यह आखरी पोस्ट है।

तीस साल से हम लोगो के बुद्घिजीवियो का दिल अंधा हो गया था और हर कुछ दिन पर 12% मुस्लिम को तख्त-ए-मशक बना कर शैतान साबित करने पर लगे रहे थे। कभी दंगा, कभी बाबरी, कभी मक़बूल फेदा हुसैन, ज़ाकिर नायक, तबलीग़ी जमात, ज्ञयानवापी, मथुरा … करते करते इतना दिल बढ गया कि तेजस्वी सूर्या और नूपुर पैदा हो गये। हम ने बहुत कम लिखा है मगर लोग इस पोस्ट को याद रखें।

Mohammad Ishteyaque वाह ….बेहतरीन….!! अक्षरशः सत्य ….. एक एक शब्द दास्तां कह रहा है….।।

Farhanul Haque

بہ مصطفیٰ بہ رساں خویش را کہ دیں ہم اوست

اگر بہ او نہ رسیدی تمام بو لہبی است

کتاب ملت بیضاء کی پھر شیرازہ بندی ہے

یہ شاخ ہاشمی کرنے کو ہے پھر برگ و بر پیدا

(اقبال)

Shalini Rai Rajput इतिहास जो हमेशा उलझा हुआ होता है आपने बहुत सरल शब्दों में बयां किया है। आपकी पोस्ट से इतिहास की समझ और वर्तमान का परिदृश्य समझ आता है। शुक्रिया.

Naresh Mishra ग़ज़ब की जानकारी है आपकी मो सिमाब ज़मान साहेब.

Shashi Kant Tripathi आपकी भविष्यवाणियां सही हो रही है सर , आगे क्या होगा इस देश का.

Anish Akhtar शानदार…मुझे राजदूत करीम पर आपका पोस्ट याद है.

Javed Hasan अस्सलाम वालेकुम, सर आपकी हेडलाइन से ज्यादा आपके नोट ने हमे हिला दिया. बिट विन दा लाइन बहुत कुछ लिख दिया.

Sanjay Nagtilak ज़ाकिर नाईक को कोकण के लोग बहुत अच्छी तरह से जानते हैं. इनके और दाऊद इब्राहिम कासकर के पूर्वज पेशवाओं की सेवा में काम करते थे.

Sanjay Nagtilak मकबूल फिदा हुसैन का दिल माधुरी दीक्षित पर आया था, इस लिए उन्होंने उसे लेकर एक फिल्म बनाई थी.

Neeraj Singh आज भी हिंदी अखबार दैनिक जागरण, हिंदुस्तान, अमर उजाला गोबरपट्टी में सिर्फ अंधकार ही फैला रहे है। आज एक मेज पर अमर उजाला रखा हुआ था। मैने अखबार को हांथ लगाए बिना फ्रंट पेज की हेडलाइन पढ़ा। पूरा हेड लाइन इस तरह तैयार की गई है मानो नूपुर शर्मा कोई बहुत बड़ा राष्ट्रीय महत्व का काम किए हो। इस पूरे प्रकरण को अखबार ने गल्फ के साथ इस तरह छापा है जैसे कि गल्फ ने कोई बहुत बड़ी गलती की है और मोदी ने ऐसा जवाब दिया हो की गल्फ घुटनों पर आ गया हो!
Google plz once more Shahzada Salim Jogi 😀 अंग्रेजी की पूरी लाइन google की ऑटो स्पेल है