Post of 13 November 2022
“कोई तक़दीर की मनतिक़ समझ सकता नही वरना
न थे तुर्कान् उसमानी से कम तुर्कान् तैमूरी” (इक़बाल)
“کوئ تقدیر کی منطق سمجھ سکتا نہی ورنہ
نہ تھے ترکان عثمانی سے کم ترکان تیموری”
मोहम्मद बदिउज़्ज़मॉ साहेब लिखते हैं कि “तुर्कान् तैमूरी” से मुराद तुर्क हैं जिन्होने 1526 मे बाबर की क़यादत मे हिन्दुस्तान को फ़तह किया और सल्तनते मुग़लिया क़ायम की। “तुर्कान् उसमानी” से मुराद वह तुर्क हैं जो अपने सरदार तुग़रल की क़यादत मे एशिया-ए-कूचक मे आबाद हो गये थे और जब उस्मान बीन अर तुग़रल ने 1288 मे अपनी हकुमत क़ायम की तो तारीख़ मे “तुर्कान् उसमानी” के लक़ब से नवाज़े गऐ, जिन्होने 500 सालो तक हकूमत की।”
ज़मॉ साहेब लिखते हैं कि इक़बाल की मुराद इस शेर मे यह है कि “तक़दीर की मनतिक़” यानी मशीयत् एज़दी को क्या किजये के दोनो तुर्क थे मगर “तुर्कान् तैमूरी” का हिन्दुस्तान मे नाम व निशान मिट गया मगर “तुर्कान् उसमानी” अभी भी तुर्की मे हुकमरॉ हैं।
मेरा कहना है कि 1920 के बाद 70 साल “एशिया-ए-कोचक” यानी सेन्ट्रल एशिया के तुर्कों का स्टैलिन तथा कोसीजिन के क़त्ल-व-ग़ारत के बाद जब 1990 मे सोवियत संघ टूटा तो यह तुर्क तीस साल मे फिर दुनिया मे अपनी पहचान बनाने मे सफल होते नज़र आ रहे हैं।
तुर्किया, अज़रबाइजान, तुर्कमिनस्तान, उज़बेकिस्तान, क़ज़ाखस्तान अब वही पुरानी तुर्कान् उसमानी की पहचान बना रहे हैं।जिस Aral Sea (68,000 sq.km) को सोवियत संघ ने 1966-90 तक सुखा कर रेगिस्तान बना दिया था वहॉ आज तेल और गैस का भंडार मिला है जिस को उज़बेकिस्तान 2023 से निकालना शुरू करे गा।
सेन्ट्रल एशिया के देश पाइपलाईन बिछा कर तुर्किया को Gas Hub बना कर यूरोप को तेल और गैस बेचें गें और यह देश मध्यपूर्व के देशो के तरह विकास पैदा करें गेँ।
मेरा कहना है कि सम्राट अशोक के हजारो साल बाद “तुर्कान् तैमूरी” बाबर ने भारत को विश्वगुरू बनाया।अकबर और शाहजहॉ ने आलीशान अद्भुत एमारत बनाई, औरंगज़ेब ने दुनिया मे पहली औद्योगिक क्रांति भारत मे शुरू किया, भारत दुनिया को 30% GDP देता था…….
#नोट: अब समय आ गया है कि भारत तुर्क देशो का समूह #OTS का सदस्य यूरोपियन देश हंगरी के तरह बन जाये।भारत #बाबर के नाम पर OTS की सदस्यता ले और सेन्ट्रल एशिया के देश से तेल, गैस, सोना, यूरेनियम, रेयर अर्थ मेटल्स आदि इत्यादि लेकर विकास पैदा करे और हम सब भारतीय लोग विश्वगुरू बन जायें।