Post of 5th March 2021
संघ की मोदी सरकार ने 2016 मे हिन्द महासागर और बंगाल के खाडी मे सागरमाला योजना का ऐलान कर बंदरगाह और दूसरी ब्लू एकोनौमी के योजना का ऐलान किया था मगर हुआ कुछ नही क्योकि मोदी जी चीन और अमेरिका का तुष्टीकरण करते रहे।
अब जब चीन गलवान और अरूनाचल मे गॉव बसा दिया तो फिर मोदी सरकार की देशभक्ती जागी है और 2035 तक $82 बिलियन खर्च कर 574 योजना पर काम करने का फिर सोंच रहे हैं (लिंक कौमेंट मे देखें)
हम ने मई 2019 के पोस्ट मे लिखा था दुनिया के दस (10) बडे बंदरगाह मे चीन के पास सात (7) बंदरगाह है और तीन (3) हौलॉंड, अमेरिका, सिंगापुर मे है। मोदी जी बीस साल से सत्ता मे हैं मगर गुजरात मे विश्व स्तर का बंदरगाह नही बना पाये जब कि मोग़ल बादशाह अकबर ने सूरत मे एशिया का सब से बडा बंदरगाह बनाया था।
नीचे तस्वीर देखये जिस को पिछले हफ्ता दि एकोनौमिस्ट, लंदन ने छापा है जिस मे चीन के ताईवान से लेकर हनोई (Hanoi) तक सात बंदरगाह का ज़िक्र किया है। लिखता है अब चीन आसियान (ASEAN) के दस देशो मे Railway, Oil & Gas pipelines, Ports का जाल वाइटनाम, कम्बोडिया, थाईलैंड, लाओस, म्यान्मार, इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर मे बिछा रहा है।
जब संघ के गुजरात मॉडल के सरकार को 2000-2020 मे सागरमाला बनाना था तो यह मुस्लिम के खेलाफ ज़हर फैला रहे थे और दुनिया का सब देश देख और सून रहा था और चीन मे निवेश कर रहा था। चीन आज South East Asia से लेकर Egypt Suez Canal तक समुंदर मे #सागरमाला बना चूका है।
भारत के बौद्धिक ग़ोलामो या बूद्धिजिवी ने जो किया वह हम लोगो की कई पिढी भूगते गी मगर अभी संघ के मोदी जी को गद्दी पर रखना है ताकि यही लोग सब गोबर जो फैलाया है साफ करे।