Post of 8 May 2023
गोवा मे शंघाई कान्फ्रेंस (SCO) के प्रस वार्ता मे भारत द्वारा रूस से कम दाम के तेल रूपये मे ख़रीदने के सवाल के जवाब मे रूस के विदेशमंत्री सर्गेई लावरोफ ने सब के सामने बहुत सख़्त महावरा कहा, “भारत केक भी खाना चाहता है और रखना भी चाहता है (India wants to eat the cake and have it too)”.
*इस अंग्रेज़ी महावरा का हिन्दी मे महावरा है, “चित भी मेरी, पट भी मेरी” यानि हर हाल मे हम ही जितें।उर्दु मे इस को कहते हैं, “भारत दोनो हाथ मे लड्डू चाहता है”
रूसी विदेश मंत्री ने कहा वह भारत को तेल रूपये मे बेचना स्थगित करें गें क्योकि भारत से रूस केवल $2.8 billion का सामान आयात करता है और $41.56 billion का निर्यात भारत को करता है।इतना रूपया भारतीय बैंक मे रख कर रूस को कोई भायदा नही है, रूस अब तेल भारत को चीनी मुद्रा युआन या डॉलर मे ही बेचे गा।
भारत के कथित बुद्धिजीवि तथा वरिष्ठ पत्रकार भारत को चीन और सेंट्रल एशिया द्वारा बनाये SCO और BRICS से निकलने की सलाह देते हैं और अमेरिका से Modern Arms खरीद कर चीन से लड कर क़ब्ज़ा ज़मीन को वापस लड कर लेने की बात करते हैं मगर उन दिल के अंधे बूद्धिजीवीयों को अच्छी तरह पता है कि अमेरिका या यूरोप यूक्रेन को रूस के खेलाफ Modern Arms दे ही नही रहा है, वह भारत को भी कभी नही दे गा।
लावरोफ का प्रेस वार्ता मे विदेशमंत्री जय शंकर के सामने #केक वाली बात कहना भारत के लिए चिंता का विषय है क्योकि भारत ने रूस से S400 डॉलर मे कैश दे कर खरीदा है जिस की आपूर्ति Sanctions के कारण अब रूस भविष्य मे भारत को नही करे गा।
*भारत कशमीर मे 370 हटा कर चीन को गलवान मे “मुख्य अतिथि” बना कर एक नया विवाद खडा कर दिया और मणिपुर मे क्रिसचन और यहूदी कुकी तथा नगा जनजाति के 371 कानून मे छेद कर दंगा करा कर मणिपुर को दूसरा कशमीर बना दिया।आज मणिपुर से मैतई तथा दूसरे भारतीय समुदाय इम्फ़ाल से उसी तरह से भाग रहे हैं जैसे 1989 मे कशमीर से कश्मीरी पंडित भागे थे।
#नोट: पलिज़ वन्स मोर……
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman भारत की विदेश नीति #धोती के तरह हो गई है। अंग्रेज़ी मे धोती का परिभाषा है “A white sheet wrapped in between the legs.”