Post of 24 September 2023

1968 मे इंदिरा गांधी ने R&AW बनाया और दुनिया का पहला आतंकी संघठन “मुक्ति वाहिनी” हम लोगों ने बनाया जिस ने एक करोड़ शरणार्थी पैदा किया और लाखों लोगों का कत्ल आम करवाया।16 दिसंबर 1971 को 90,000 पाकिस्तानी सेना को जेनरल जगजीत सिंह अरोड़ा ने सरेंडर करवाया और बांग्लादेश बन गया।

“मुक्ति वाहिनी” को हम लोगों ने ख़त्म कर दिया मगर उस के बाद दुनिया मे आतंकी संघठन बन्ने और बनाना का इतिहास शुरू हुआ।दूसरा आतंकी संघठन LTTE हम लोगों ने प्रभाकरण से बनवाया जिस का ड्राइविंग लाइसेंस पटना से बनता था और मद्रास में वह कार चलाता था।तीसरा संगठन PLO बना, फिर अलक़ायदा, तालिबान, ISIS बनाया गया।

बहुत कम लोगों को यह याद होगा कि बांग्लादेश बन्ने के दूसरे दिन अमेरिका के अख़बार मे खालिस्तान का Full page advertisement निकला था।बांग्लादेश बन्ने के बाद भारत मे खालिस्तान आंदोलन शुरू हुआ और यही जेनरल जगजीत सिंह अरोड़ा ने 1984 के Operation Blue Star की आलोचना किया।

सोवियत संघ ने दूसरे विश्वयुद्ध में यूरोप का साथ दिया मगर 1945 मे युद्ध ख़त्म होने के बाद यूरोप ने 1947 मे मॉस्को पर परमाणु बम गिराने की धमकी दिया (कल यह बात रूसी विदेश मंत्री लेवरोव यूएनओ में बोले हैं)।

सोवियत संघ ने अगस्त 1949 को कज़ाखस्तान मे परमाणु बम का परीक्षण किया और हंगरी, बुल्गारिया क़ब्जा करते करते 1979 में अफ़ग़ानिस्तान क़ब्ज़ा कर लिया।अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान मे अलक़ायदा आतंकवादी संगठन बनवाया, 1992 मे सोवियत संध को तोड़ दिया और 60-65 साल बाद यूरोप और एशिया मे कई मुस्लिम देश आज़ाद हो गये।

2011 में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आतंकवाद शुरू किया और राष्ट्रपति क्लिंटन के ISIS संघठन को पुनर्जीवित कर अरब देशों मे आतंक फैला जिस का अंत्येष्टि 15 अगस्त 2021 को “फ़ॉल ऑफ काबूल” से हो गया, मगर अभी भी मुक्ति बाहिनी वाला खलिस्तान का आतंकवाद ज़िंदा है जबकि LTTE मई 2009 मे प्रभाकरण के मरने के बाद ख़त्म हो गया।

#Note: अभी जो कनाडा प्रकरण की खबर पर जो आतंकी तांडव हो रहा है, उस की खबर हमारे नये दोस्त अमेरिका ने पिछले महीना कनाडा को दिया है, फिर बाईड़ेन और ट्रूडो ने 9-10 के भव्य समारोह में दिल्ली में भारतीय प्रधानमंत्री को यह बात स्वयं कहा।

इस तरह से 52 साल बाद हम लोगों का यह “मुक्ति वाहिनी” से “खालिस्तान” तक का सफ़र मुकम्मल हुआ।
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Some comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman Please इस पोस्ट को खूब शेयर किजये ताकि नये पिढी के हिन्दी नाम वालो को भी पता चले की “हम लोगो ने दुनिया मे पहला आतंकी संघठन मुक्ति वाहिनी बनाया था” बहुत से उर्दु नाम वालो को भी यह बात नही मालूम होगी।
आज न कल तो पाकिस्तान तो दो हिस्सा मे टूटता ही। यह सब को मालूम था कि बंगाली अपना ज़बान का बहुत बडा प्रेमी है वह कभी भी “उर्दु” ज़बान को नही अपनाये गा। मगर आतंक फैला कर क्यो तोडा हम लोगो ने और फिर श्रीलंका मे क्यो प्रभाकरण को पैदा किया?

Saheel Shaikh, Mohammed Seemab Zaman साहब, क्या मुक्ति वाहिनी अभी भी वजूद में हैं या फिर खाली स्थान का कुछ बड़ा होने वाला हैं।

  • Mohammed Seemab Zaman मुक्ति वाहिनी को इंदिरा गॉधी ने बंग्लादेश बने के बाद ख़त्म कर दिया। सब को रिटायर करवा दिया या जमीन, पेट्रौल पम्प देकर मुआवज़ा दे दिया गा। बंग्लादेश मे सब को आर्मी मे adjust कराया, जिन लोगो ने उपद्रव शुरू किया तो जेनर ज़िया और दूसरों ने मोजिबूरहमान की हत्या कर दिया …….

Misbah Siddiki कभी चितपावनियों ने भी एक संघठन बनाया था जिससे मुतास्सिर होकर एक शिद्दत पसंद ने बाबा-ए-क़ौम को गोली मारी थी।अगर हमारे द्वारा दुनिया से खाली स्तान को आतंकवाद कहा जायेगा तो दुनिया हिंद स्थान को भी उसी आतंकवाद की श्रेणी में शुमार करेगी ही, जिसकी बानगी पिछले साल इन्ही दिनों (सितंबर 2022) लेस्टर, यूके में हुआ दंगा आपको भी याद होगा। फरवरी 2020, ट्रम्प का दौरा और दुनिया भर की मीडिया के रहते दिल्ली दंगा भी शुमार किया जा सकता है।

Saeed Khan Arshi, Mohammed Seemab Zaman सर मेरे बॉस रहे करनल डॉक्टर शर्मा अपनी आर्मी लाइफ बताते वक्त कई बार बंगाल युद्ध का तफ़्सीरी ज़िक्र करते हुए बताते थे कैसे इंडियन आर्मी ने युद्ध लड़ा जिसमें वह खुद शामिल थे। मगर कभी मुक्ति वाहिनी का ज़िक्र नहीं किया।
सर जब कुछ वक्त पहले अपने मुक्त वाहिनी पर पोस्ट किया था तब मैंने पहली बार मुक्ति वाहिनी के बारे में सुना था। कुछ महीने पहले मेरी एक शक्स से मुलाकात हुई मैंने उनके पास एसॉल्ट राइफल देखी। मैंने उससे पूछा इसका तो लाइसेंस नहीं मिलता आपके पास कैसे हैं। तब उसने बताया कि उसके पापा पुलिस इंस्पेक्टर थे उन्होंने उसे एक फौजी से खरीदी वह मुक्त वाहिनी में था। इंदिरा गांधी जी ने बांग्लादेश बनाने की खुशी में जो फौजी मुक्ति वाहिनी में थे उन सभी को मुक्ति वाहिनी में इस्तेमाल होने वाली एसॉल्ट राइफ वापस न लेकर गिफ्ट में दी थी।
तब मुझे आपकी मुक्त वाहिनी पर पोस्ट याद आई।
आपसे बहुत कुछ जानने को मिला इसके लिए आपका तह दिल से शुक्रिया अल्लाह आपको सलामत रखे।

Kamil Khan आधुनिक दुनिया ने सरहदें बनाई पासपोर्ट बनाया ताकि सब अपनी सरहदों में अपनी पहचान बना सके, मगर ये सिस्टम भी फेल हो गया, आज भी दुनिया में नई सरहदें बन रहीं हैं नये देश बन रहे हैं, पहले जो बागी कहे जाते थे अब उनका नाम आतँकवादी हो गया, बिगड़ेगी और बनेगी दुनिया यही रहेगी, होंगे यही झमेले होंगे यही झमेले. ये जिंदगी के मिले दुनिया में कम न होंगे, अफसोस हम न होंगे