Post of 14 February 2022

हमारे योगी आदित्यनाथ ने कहा है “देश संविधान से चलता है शरीयत से नही”. हम योगी जी से पूछते हैं यह तिलाक़ भारतीय संविधान मे कहॉ से आया?

यहॉ हम योगी आदित्यनाथ को याद देला दे जब वह उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री बने थे तो राजा दिग्विजय सिंह ने संसद भवन मे उन का पैर छू कर स्वागत किया था।एक राजा ने योगी का पैर छु कर आशिर्वाद लिया।

यह वही राजा दिग्विजय सिंह हैं जिन्होंने एक शादीशुदह औरत अमरिता राय को अपने शौहर से #तिलाक़ देलवा कर दूसरी शादी किया था और आज वह अमरिता सिंह के नाम से जानी जाती हैं।

अगर भारतीय संविधान मे यह #शरियत कानून नही होता तो दिग्विजय सिंह इज्जत के साथ कानूनी तौर पर अमरिता राय को अपनी पत्नी अमरिता सिंह नही बना सकते थे। शरियत का शुक्रिया अदा करो योगी आदित्यनाथ जी।

पूरी दुनिया के संविधान मे शरियत ने ही औरत और मर्द को यह #तिलाक़ की सुविधा दिया है।यह सिर्फ हम ने शरियत का एक उदाहरण दिया है।आईंदा से सोंच समझ कर लोग संविधान, शरियत और मनु स्मृति की तुलना किया करें।

#नोट: Please उर्दु नाम वालों कौमेंट मे कुरआन, हदीस का हवाला दे कर जानकारी नही दिजये गा। नीचे तस्वीर है, योगी आदित्यनाथ, दिग्विजय सिंह और अमरिता सिंह (राय) की।

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Some comment on the Post

Aftab Yousufzai सर, बहुत ही क्लियर और सच्चाई के साथ लिखा है.. जो कि आम तौर पर ख़ुद को सेकुलर और सच्चा कहने वाले चुप्पी साध लेते हैं..लेकिन आपने जैन साहब को भी आईना दिखाया और यहाँ भी लॉजिक के साथ लिखा है..अल्लाह सलामत रखे..

  • Mohammed Seemab Zaman जैन साहेब का ही पोस्ट सुबह मे देख कर यह पोस्ट लिखा। बस अल्लाह ताला से दुआ किजये गा मेरी याददाश्त मरते वक्त तक सही रखे।

Misbah Siddiki जब इन्हें शादी करनी होती है तो उसी शरियत का सहारा लेते हुए हेमामालिनी, धर्मेंद्र की दूसरी बीवी बनने के लिए आयशा बी और धर्मेंद्र देओल दिलावर ख़ान बन जाते हैं। और आगे चलकर दोनों भाजपा से से अपने असल नाम से सांसद भी बनते हैं।

Mozaffar Haque मैं ने Kamal Siddiqui saheb की पोस्ट पर लिखा तो था कि जो लोग एक देश एक क़ानून की बात कर रहे हैं और चिल्ला रहे हैं कि शरीयत से देश नहीं चलेगा वोह बताएँ कि एक देश एक क़ानून में divorce का provision होगा या नंदू की तरह पत्नी छोड़ कर भागने का provision होगा, अगर divorce का provision होगा तो उसका स्रोत क्या होगा? और आज भी अगर संविधान में divorce का provision है तो उसका स्रोत क्या है ?

  • Mohammed Seemab Zaman, Mozaffar Haque साहेब, यह तलाक़ का मसला ही एक नही है संविधान मे, बहुत सी चीज़ है जो शरीयत से लिया है। यह जो संविधान मे Preamble है वह भी इस्लाम ही की देन है।

Arif Kamal बेहतरीन पोस्ट सर्।शरीयत की परिभाषा क्लियर होनी चाहिए।कुरानिक निज़ाम ने दुनिया को इंसानियत के बहुत सारे पैमाने दिए।जिन इंसानी पहलुओं को लोग सोचते तक नही थे उनको उनकी ज़िंदगी का अभिन्न अंग बना दिया।लेकिन शरीयत के नाम पर मुस्लिम आलिमो ने जो अपनी सोच घुसाई उसने कालान्तर में शरीयत के निजाम को नुकसान पहुचाया।मुसलमानो को रूढ़िवादी बनाया।

Verma Rajesh कांग्रेसियों ने भारतीय मुसलमानों को मुख्य धारा से दूर रखने और डरा हुआ समुदाय बनाया है। मौका पातै ही हिंसा।

  • Mohammed Seemab Zaman बिलकुल सही कहा कांग्रेसीयों ने ही मुस्लिम को दंगा करा करा कर मुख्य धारा से अलग रखा और आज यही सारे कांग्रेसीयॉ बीजेपी मे चले गये क्योकि यह सत्ता के लोभी हैं।
Digvijay Singh and Yogi Adityanath
Digvijay Singh and Amrita Singh