Post of 5 December 2022

भारतीय रिज़र्व बैंक का आँकड़ा कहता है कि वर्ष 2022-23 में भारतीय प्रवासी मज़दूर, कामगार तथा तकनीकी व्यक्ति भारत को $100 billion का विदेशी मुद्रा भेजे गे जो दुनिया मे सब से ज्यादा है।

रिज़र्व बैंक का कहना है की मुस्लिम देश मिडिल ईस्ट् से 2016-17 मे 54% विदेशी मुद्रा भारतीय प्रवासी मज़दूरों ने भेजा जबकि अमेरिक, सिंगापुर, मलेशिया वगैरह से केवल 26% भारतीय प्रवासीयों ने भेजा।

#नीचे वर्ल्ड बैंक/ Bloomberg का ग्राफ देखिये, भारत और चीन की आबादी तकरीबन 130 करोड है मगर भारतीय लोग विदेश मे काम कर $100 billion भारत पैसा भेज रहे हैं जिस से भारत की अर्थव्यवस्था जिंदा है।मगर चीन मे केवल $48 billion भेज रहे हैं क्योकि चीन के लोग अरब या दूसरे मुस्लिम देशों मे मज़दूरी करने नही जाते हैं।चीन के प्रवासी चीन के प्रोजेक्ट पर विदेश मे काम कर पैसा चीन भेजते हैं।

#पाकिस्तान की आबादी 24 करोड और फिलीपींस की 11 करोड है।भारत के तरह फ़िलीपींस के लोग दुनिया के सब से बडे Labour Market अरब देश मे काम कर $45 billion अपने देश पैसा भेजते हैं जबकि पाकिस्तानी अरब मे कम काम करते है और कम पैसा पाकिस्तान मे आता है।

#मैक्सिको $350-375 billion का निर्यात केवल अमेरिका को करता है मगर उस के सब से ज्यादा लोग अमेरिका मे मज़दूरी करते हैं।मैक्सिको की आबादी 12 करोड है और अर्थव्यवस्था $1.4 trillion है मगर भारत के तरह मज़दूरी करने विदेश जाते हैं क्योकि वहॉ गरीबी बहुत है।मैक्सिको मे चंद लोगो के पास पैसा बहुत है जो अपना पैसा अमेरिका के बैंक मे रखते हैं और मौज मस्ती करते हैं।यही कारण था कि राष्ट्रपति ट्रम्प अमेरिका-मैक्सिको के बोडर पर दिवार बना रहे थे।

#नोट: दुख की बात यह है कि उत्तर प्रदेश मे राम मंदिर बन गया मगर उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग पंजाब और कशमीर मे मज़दूरी करने जाते हैं और मुम्बई दिल्ली मे दूध बेचते हैं और भारतीय अरब मे काम कर भारत को जगतगुरू बनने का सपना देखते हैं।जय अल हिन्द।
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Some comments on the Post

Syed Abid Naqvi सर भारतीय अर्थव्यवस्था को भारतीय मुसलमान ही चला रहे थे, यह इन अक्ल के अंधों की समझ में नहीं आ रहा, मेरा ऐसा मानना है कि यही लेबर अगर भारत के लिए काम करती तो कितना अच्छा होता, असल मायनों में तो यही स्किल्ड लेबर ही किसी कारखाने को या किसी और संस्थान को चलाती है, यह बात पहले भी आपकी कई पोस्ट पर लिखी है और आपने मुहर भी लगाई है, इसे ही ब्रेन ड्रेन कहते हैं।।

  • Mohammed Seemab Zaman, Syed Abid Naqvi साहेब, आप ने सही लिखा है। यही वजह है हम हमेशा इस बात को लिखते है ताकि बहुसंख्यक को यह समझ मे आये Brain drain से भारत को बहुत बडा घाटा है। मगर यह “प्रवासी भारतीय” से गौरवमयिए होते रहते हैं।कुछ दिन और सबर किजये, बहुत अच्छा दिन आये गा।