Post of 11 October 2022
पंडित नेहरू और बिहार के श्री बाबू के बाद उत्तर भारत मे कोई ऐसा नेता नही पैदा हुआ जो भारत के विकास और तरक्की की सोंच रख कर मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बना हो।
सारे नेता सब भारत माता की जय, वन्दे मातरम, अखंड भारत, जय श्री राम, गंगा मैय्या का नारा लोगो से लगवाता रहा और देश को बरबाद कर अपने को बडा #राजनेता या भारतीय राजनीति का चाणक्य मनवाते रहे।
भारत का पडोसी चीन देशभक्त नेता पैदा किया और आज दुनिया का आर्थीक और सैन्य शक्ति हो गया और आज हमारे नेता लोगो ने अमृत काल मे एक नया नारा दे दिया “भूखमरी, ग़रीबी, बेरोजगार भारत”
BBC के रेहान फ़ज़ल का शांदार हेड लाईन पढई, “सियासी अखाड़े के बडे खिलाड़ी, जिन्होने कई सरकारें बनाई और बिगाड़ी”. यही श्रधांजलि मुलायम सिंह के लिए सही है, न की समाजवादी, संघी, सेकुलर, विकास पुरूष या कुछ भी।
मुलायम सिंह की सलाहियत बस यही अखाड़े के खेलाडी की थी मगर वह आदमी उस भारत के प्रधानमंत्री बनना चाहते थे जिस का हुक्मरान अकबर, शाहजहॉ और औरंगजेब हुआ।दुनिया मे सब से पहले “औद्योगिक क्रांति” (Industrial Revolution) भारत मे औरंगजेब ने किया और विश्व को 30% GDP भारत ने दिया।उस के बाद फ्रांस मे 1776 मे “औद्योगिक क्रांति” हुई।
अगले बीस साल मे भारत के जो नेता मरें गें उन सब को #सयासी_खेलाडी ही कहा जाये गा, न की राष्ट्रवादी, देशभक्त या समाजवादी।
#नोट: असल राष्ट्रवादी, देश्भक्त पत्रकार रेहान फ़ज़ल साहेब हैं जिन्होने भारतीय नेताओ की सच्चाई लोगो के सामने रख दिया।
https://www.bbc.com/hindi/india-52616262?fbclid=IwAR0ssxVh302nLwum-bz1tGilKA6ZPANFSpud2NLljD4nws-g_XdfgaUMuWo
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman आज तक उत्तर प्रदेश का कोई नेता गंगा नदी को pollution मुक्त नही कर सका मगर नारा लगायें गे की “गंगा ने बोलाया है” बनारस जो मथुरा के बाद उप्र का शहर बना वहॉ गंगा मे लाश तैरती है मगर कोई नेता सफ़ाई नही करवा सका।
Dr Shakil Ahamed Moin सही कहा, आपने।
- Mohammed Seemab Zaman, Dr Shakil Ahamed Moin साहेब, ग़ौर से इस हेडलाईन को पढिये फिर पिछले चालीस साल (1977) के उत्तर भारत की राजनीति को देखये तो लगे गा यही सच्चाई है जो हम लोगो को बुद्धिजीवियों या कुऑ का मेढक पत्रकारों ने कभी बताया ही नही। यह सब “हिन्दु-मुस्लिम” ही करता रह गया और इसी तरह का सवाल इन नेताओ से चालीस साल से पूछता रहा या इन नेताओ को इन्ही सवालों के पिछे नेता बनाता रहा।
Skand Kumar Singh सर श्री बाबू का पूरा नाम लिखें,समझ ना आया.
- Mohammed Seemab Zaman, Skand Kumar Singh साहेब, श्री बाबू का नाम श्री कृष्णा सिन्हा था मगर सब लोग श्री बाबू कहते थे। हम ने इन को नही देखा मगर इन के बेटा से पटना मे मिले हैं। हम अपना पिता जी और दादा से हमेशा श्री बाबू सूना। वह बिहार के मुख्यमंत्री 1936-1961 तक थे। आज जो बिहार है वह उन ही की दैन है।
Rukmanath Paudel पिताजी २००१ या २००२ में लगभग ६ महीना हरिद्वार में रहे । वे कहते थे— देखना अब के २०–२५ साल बाद इन्डिया के २०–२५ टुकडे हाेंगे, अपने काे हिन्दू कहने वाले इन्डियन ही इस के कारक हाेंगे, हाँ संजय गान्धी न मारा जाता इन्दिरा दाे चार साल ज्यादा शासन कर पाती ताे यह नाैवत न अाती !!!
- Mohammed Seemab Zaman, Rukmanath Paudel साहेब, बिल्कुल सही कहते थे पिता जी ने “हिन्दु कहने वाले इन्डिया के बरबादी के कारक हो गें।” आज आठ साल मे नज़र सब को आ रहा है, जो पार्टी हिन्दु का ठिकेदार अपने को बताती थी, उस के सत्ता मे आते बरबादी शुरू हो गई। यही वजह था जो हम ने 2019 के चुनाव मे नारा दिया था, “Once more Modi” और 2021 में “Once more Shazada Salim Jogi” जो बरबाद किया है वही भूगते, फिर अफसोस नही होगा संघ की सरकार नही बनी वरना हम लोग विश्वगुरू हो जाते।
Syed Abid Naqvi सर, मुलायम सिंह यादव का इससे अच्छा एनालिसिस नहीं हो सकता, भारतीय राजनीतिज्ञ पढ़े लिखे हैं ही नहीं साथ में गुने भी नहीं है, न पढ़े लिखे लोगों के साथ थोड़ा बहुत टाइम बिताना पसंद करते हैं तो इनकी सोच क्या होगी।
Bheem Singh Gill वाह सर सचाई बिलकुल यह नेता लोग सिर्फ भारत के अंदर ही बडे नेता थे यूरोप के नेता लोगों की सोच के साथ इनका कोई लेना देना पहले भी नहीं था आज भी नहीं
- Mohammed Seemab Zaman, Bheem Singh Gill साहेब, कल World Bank का report आया है जिस मे लिखा है कि चीन ने चालीस साल मे 77 करोड लोग को ग़रीबी रेखा से उठा कर Middle & Upper Middle Class बना दिया। क्या यह सब रिपोर्ट हमारे बूद्धिजिवी या पत्रकार नही पढते हैं।नेहरू जी के बाद कोई दुनिया देखा नेता पैदा ही नही हुआ, सब अंदर के बडे नेता थे।
Neeraj Singh सहमत