May 16th 2021 Post
सात दिन से सोशल मिडिया, विडिव या बातचीत वगैरह कर देख रहे हैं कि फलस्तीन-इसराईल मामले मे कोई आले सऊद को गाली बक रहा है तो कोई अरदोगान को तो कोई ईरान को।
सब उर्दु नाम वाले भारतीय पढे लिखे लोग इस मुद्दा पर अपनी हमदर्दी फलस्तीन/मुस्लिम/क़िब्लै औवल वगैरह से देखा रहे हैं। भारतीय मुस्लिम का भी वही हाल है जिस तरह से हिन्दु मानसिकता पिछले चालीस साल से रही है कि हिन्दु पूरी दुनिया मे हैं वह (Indian Diaspora) अब सब को भारत माता की जय बोलवा दें गें।
संघ के मोदी या मोहन जी और जयशंकर को बहुत हिन्दु प्रवासी का घमंड था मगर कोई विदेशी हिन्दु वैकसीन भारत को नही देलवा सका।अभी तो आर्थिक तौर पर और बुरा दिन आने वाला है देखे कौन भारतीय प्रवासी हिन्दु या संघ और मोदी के काम आता है।
अधिकतर भारतीय मुस्लिम भी वही हिन्दु मेंटेलीटी रख कर बोलते हैं। कहॉ थे यह लोग जब बोसनिया मे लाखो को मार दिया गया और औरतों का रेप हुआ (1992-95), सिरिया हुआ, अभी रोहिंगया हुआ, 1918 से नगोरनो कराबाग़ का मस्ला था वगैरह वगैरह।कितने भारतीय मुस्लिम इन मसलों पर चंदा दिया या कितने शहादत के लिये इन मूल्कों मे गये?
आज जो हज़ारों फल्सतीनी ज़ख़्मी हैं उन का ऐलाज केवल मिस्र के हौस्पिटल मे नही हो रहा है ब्लकि यह आले सऊद और तुर्की के अस्पताल मे भी हो रहा है।यह घरेलू मिजाईल बनाने का पैसा और सामान किस ने दिया? कौन गाजा के लोगो को 15 साल से खेला रहा है?
गाली बकना या कोसना है तो यूरोप, इंगलैंड, फ्रांस, अमेरिका को कोसये? सब से बडा ज़ालिम तो ओबामा-बाईडेन है जो 2008, 2014, 2021 करवा कर मुस्लिम और यहूदियों को मरवा रहा है।
भारतीय मुस्लिम मेढक लोग बेगैर कुछ जाने और इस फ़िलस्तीनी-ईसराईली मसले के नज़ाकत को समझे अपने झूठे जज़्बात देखा कर लोगो को गुमराह कर रहे हैं।
#नोट: मुस्लिम समाज खूब पढो और हिन्दु बुद्धजिवियो के तरह थोड़ी तरक्की कर के ज्ज़बाती हो कर विश्व गुरू का सपना नही देखो। अभी बहुत कुछ तरक्की करनी बाक़ी है।