Post of 26-01-2023

“تو ابھی رہگزر میں ھے، قید مقام سے گزر
مصر و حجاز سے گزر، پارس و شام سے گزر”

मिस्र और मेसोपोटामिया दुनिया की सब से प्राचीन सभ्यता है।प्राचीन मिस्र के भगवान, देवी और देवताओं के मंदिर और मूर्ती आज हजारो हजार साल बाद भी वहॉ सही सलामत नज़र आते हैं।

1945 मे मिस्र मे पॉच अरब देशो ने “Arab League” एक राजनीतिक संस्था बनाया।आज अरब लीग मे 22 अरब देश सदस्य हैं और भारत एक “अतिथि देश” है।

1973 के बाद तो अरब दुनिया बहुत बदल गई है, मगर आज भी मिस्र अरब दुनिया का एक महत्वपूर्ण देश है।मुस्लिम दुनिया मे मिस्र की अल-अज़हर विश्वविधालय पूरी दुनिया मे इस्लाम मे “फतवा” के लिए के एक महत्वपूर्ण संस्था है।

पंडित नेहरू और मिस्र के राष्ट्रपति नासीर की दोस्ती दुनिया मे बहुत मशहूर थी, मगर इंदिरा गॉधी के बंगालादेश (1971) बनाने के बाद मिस्र से वह “एेतिहासिक दोस्ती” ठंडे बस्ते मे चली गई।आज पचास साल बाद प्रधानमंत्री ने ट्विट कर सिसी की यात्रा को “ऐतिहासिक” बताया।

2015 के गणतंत्र दिवस पर बराक ओबामा “मुख्य अतिथि” थे और हम लोगो को विश्वगुरू का सपना देखाया जाने लगा, पूरा भारत आनंदमयिए और गौरवमयिए होने लगा।मगर उस वक्त किसी कथित राष्ट्रवादी महिला या पुरूष ने यह नही सोंचा होगा कि हम लोग आठवें (😎 साल अपने पूर्वज मिस्र के राष्ट्पति को 2023 गणतंत्र दिवस मे मुख्य अतिथि के रूप मे देखें गें।

भारत के कथित राष्ट्रवादी महिला और पुरूष जो मुस्लिम तिरस्कार कर विश्वगुरू बन्ने का सपना देख और देखा रहे थे उन को हम इक़बाल के सौ साल पहले कहे शेर को नज़र कर रहे हैं,

“तु अभी रह गुज़र मे है, क़ैद मुक़ाम से गुज़र
मिस्र व हेजाज़ से गुज़र, पारस व शाम से गुज़र”
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman इक़बाल ने अपन ग़ज़ल मे कहा तो यह शेर मुसलमानो के लिए मगर यह आज दूसरे कथित राष्ट्रवादियों के लिए भी हु-बहु सही है।

26-01-2023
26-01-2015