ईजिप्ट के राष्ट्रपति जमाल अबदूल नासीर ने जब 1956 मे मिस्र के आसवान मे नील नदी पर दुनिया का सब से बडा डैम बनाने का काम शुरू किया तो बनाते समय यह पता चला के 7,000 से भी पूराना कुछ संरचना पानी मे चला जाये गा जिस मे सब से “विशाल संरचना” (huge structure) अबू सिम्बेल का मंदिर (Abu Simbel Temple) भी पानी के नज़र हो जाये गा। राष्ट्रपति नासीर ने ग्रीस और मिस्र के इंजीनियर को बोला कर कहा हम हर किमत पर इस को बचाना चाहते हैं। इंजीनियर लोगो ने इस को वहॉ से किसी दूसरी ऊँची जगह पर स्थानांतरित (relocate at higher place) करने की सलाह दी।फिर करोड़ों डॉलर खर्च कर के 1964-68 तक पूरी मंदिर को स्थानांतरित कर दिया गया जो आज भी “विशाल संरचना” के साथ आसवान डैम के करोड़ों विदेशी पर्यटक का मशहूर दार्शनिक जगह है (देखे नीचे पहली दो तसवीर)। मुस्लिम मंदिर 20वी सदी मे भी नही तोडा तो मोग़ल कैसे 17वी शताब्दी मे मंदिर तोड़ता।___________________________
इस्लाम दुनिया मे सातवी (7वी) शताब्दी मे आया। भारत मे सब से पहले मंदिर भी सातवी शताब्दी मे बना जिस मे बोध गया का महा बूद्धी मंदिर बना, जो आज नज़र आता है। अशोक के वक्त का वैशाली विरान है केवल “अशोक के लाट” के और बहुत बाद का नालंदा विश्वविद्यालय के खंढर के।जो भी हिन्दू मंदिर बना जैसे महाराष्ट्रा का अजंता-ऐलोरा (756-773) वह सब आठवीं शताब्दी के आखिर मे।उड़ीसा का कोनार्क या भूनेशवर कर मंदिर जो आज नज़र आता है वह 12वी या 13वी शताब्दी मे बना। मगर आप गुजरात के सोमनाथ का विकिपिडिया देखये तो एक 20वी सदी के अमेरिकन पादरी Gordon Melton का हवाला देकर लिखा है कि यहॉ शिव मंदिर कभी रहा होगा जिस को गुजरात के “Yadav Kings” ने 649 AD मे बनाया जिस को सिंध के अरब गवर्नर अल जूनैद ने 725 AD मे तोड़ दिया। यानी इस्लाम के सौ साल के अंदर भारत मे मुस्लिम हकूमत हो गई, वाह रे झूठ।जब कि भारत मे मुस्लिम हकुमत 10वी शताब्दी से शुरू हुई (सोमनाथ मंदिर का विकिपिडिया लिंक कौमेंट मे देखे)। शाज़िशी दिमाग़ का झूठ यहॉ भी पकड़ा गया। __________________
अब नीचे की तीसरे, चौथे और पॉचवें तसवीर को देखये जो 5,000 साल के पहले सऊदी अरब के उत्तर मे तबूक के पास “बस्ती शोएब” की है जहॉ पहाड़ के अंदर बहुत सारा कमरा है जहॉ पैग़म्बर शोएब अलैहिस्सलाम अपने खांदान के साथ इसी पहाड़ मे रहते थे।इजिप्ट के फिरौन के वक्त मे पैग़म्बर मूसा अलेहिस्सलाम जान बचा कर यहॉ आये थे। शोएब (अ० स०) ने अपनी बेटी की शादी मूसा (अ० स०) से कर दी और वह यहॉ 9-11 साल रहे फिर वापिस मिस्र गये और फिरौन के हकुमत को ख़त्म किया। हम अपने परिवार के साथ “बस्ती शोएब” को अपने ऑंखो से देखा है। वहॉ और भी बहुत कुछ है जैसे मूसा (अ० स०) ने पानी के लिये अपनी लाठी को सात बार जमीन मे पटका तो सात जगह पानी का बूलबूला निकला जो आज हजारो साल बाद भी पानी बूलबूला के शक्ल मे निकल रहा है और हम ने वह पानी पिया है।काश भारत मे कोई भी हम को 6-7 हजार साल पहले का मंदिर या पहाड़ मे बना कमरा देखा दे!
(My Post on Facebook on 30th September 2020)