FB Post of 3rd August 2021

यह देखये, यह हैं मशहूर पत्रकार स्वायत्तशासी अस्त्र (autonomous weapon) अभय कुमार दूबे जो छ: साल के बाद फिर मंज़रेआम पर आये हैं “जात-पात” और “हिन्दु-मुस्लिम” करते हुऐ।

इन को लिखना चाहिये था कि चीन कशमीर से लेकर अरूनाचल और सिक्किम तक तांडव कर रहा है मगर यह लेख लिख रहे हैं जातिगत जनगणना पर। मगर फिर वही इस मे “मुस्लिम” शब्द डाल कर यह सेकूलर और बनारस के बूद्धिजिवी बन रहे हैं।

यह प्रोब्लम केवल दूबे जी का नही है यह हर मुद्दे मे मुस्लिम को लाना कम्यूनिसट, आस्तिक, नास्तिक, अर्धनास्तिक, अमबेदकरवादी सभो की आदत है, जो थोडा पढा लिखा है।

दूबे जी मुस्लिम के सही जनगणना को तो आप पचास साल से छाप नही रहे हैं, हिम्मत है तो मुस्लिम मे बैकवर्ड/ पसमांदा के जनगणना करा कर छाप कर देखाईये। हम मुस्लिम तो चाहते हैं मुस्लिम के बैकवर्ड/पसमांदा का जनगणना हो तब हम अपनी क़ौम के तबाही की बात सरकार से करें।

अभय कुमार दूबे जी हम को नही डराई बैकवर्ड के जनगणना से, हमारे मस्जिद के ईमाम और मोअज्जीन यह लोग भी होतें है और करोड़ों मुस्लिम इन के पिछे नेमाज़ पढते हैं। दूबे जी आप के बनारस के पंडित के तरह नही जो किसी राजा को केवल पैर से आशीर्वाद देने को तैयार हो और वह राजा भी ऐसा घटिया हिन्दु जो ब्राह्मण के पैर से आशीर्वाद ले ले। बैक्वर्ड/पसमांदा मुस्लिम ईमाम भी इस्लाम का ज्ञानी और चरित्रवान होता है और उस के दिये प्रवचन को हम लोग हर जुमा को चुप चाप सूनते हैं।

नीचे तस्वीर मे यह वही राजा है जिस के नाम पर लोग मोगल और अंग्रेजों के बनाये महल, रेलवे सटेशन, रोड का नाम-पता रख कर नफरत फैला कर गर्व महसूस कर रहे हैं।

#नोट: कोई बैकवर्ड हिन्दु हम को बता सकता है यह बनारस के कौन बर्हमण हैं और यह कौन बैकवर्ड घटिया राजा है जो पैर से आशीर्वाद ले रहा है और दोनो का क्या नाम था?

392Sandeep Singh, Salimuddin Ansari and 390 others55 comments49 sharesLikeCommentShare