“भारत ने COP26 मे 2030 तक 50% रिन्यूोएबल एनर्जी की प्रतिज्ञा किया है।भारत मे अभी 134 gigawatts रिन्यूोएबल एनर्जी पैदा होता है और 2030 तक 500 GW तक करने का लक्ष्य है जो असंभव (impossible) है।

भारत मे जो बूद्धिजिवी या टेक्नोकरेट यह कहते हैं कि भारत अगले दस या बीस साल मे तेल और गैस पर निर्भर नही रहे गा वह हम लोगो को बेवक़ूफ़ बनाते हैं।भारत 2030 तक बिजली 50% रिन्यूोएबल क्रिया से पैदा नही कर पाये गा उर्जा की तो बाद छोडये, मेरे पास न पन-बिजली है और न सोलर सेल या विंड ट्रबाईन बनाने की बडी बडी कम्पनी है जैसे चीन के पास है।चीन के पास 24000 dams है तब भी वह 130 करोड को पानी से केवल 20% बिजली दे पाता है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन कतर के अमीर शेख तमीम से सितंबर मे यूएनओ मे मिले और गैस के लिए एक दीर्घकालिक एगरीमेंट की बात किया और आज यह खबर है कि बहुत जल्द यह समझौता होगा क्योकि दुनिया मे भविष्य मे गैस की क़िल्लत बढे गी।पिछले हफ्ता कतर चार बडे टैंकर ब्रिटेन को भेज रहा है (लिंक कौमेंट मे पढें)

कतर दुनिया का सब से बडा LNG सप्लायर है और वह बीस साल का चीन और पाकिस्तान के साथ दीर्घकालिक गैस सप्लाई करने का अनुबंध किये हुआ है।दुनिया का दूसरा बडा गैस सप्लायर आइज़रबाईजान और ट्रकमिनिस्तान है।आइज़रबाईजान तुर्की को पाइपलाईन से गैस बेचता है।

भारत मे जो लोग एलेक्ट्रिक कार आम होने की बात करते हैं क्या वह अगले पॉच साल मे अमेरिका के तरह पूरे देश मे $75 billion खर्च कर Electric Vehicle Charger लगाने की क्षमता या शक्ति रखते हैं?

आज राहुल गॉधी ने कहा है कि देश मे बढते गैस के दाम के कारण 42% लोग गैस छोड कर फिर कोयला और लकड़ी के चूल्हा पर खाना बना रहे हैं।भारत जैसे बडे देश के नेता जो हम को विश्वगुरू का सपना देखते और देखाते है वह कतर से दीर्घकालिक समझौता नही किये हुऐ हैं मगर सपना देखाते हैं।

अगले तीस साल दुनिया और भारत तेल, गैस और ब्लू अमोनिया पर निर्भर रहे गा। वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रीड का नारा जुमला और धोका है।

https://www.ft.com/content/06049722-2f62-4b29-b8e0-8f77fb29f08b?fbclid=IwAR0wn57PiM2xqytFERa23Jc3X_-aL8Ss5cQGPZs4YulghBb3xLtObqEniqE
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Some comments on the Post

Faysal Khan सर क्या वाकई चीन के पास इतने डैम हैं.?

  • Mohammed Seemab Zaman Faysal Khan साहेब, आज ही France24 पर यह 24000 dams वाली बात सूनी है। वह पहाड मे डैम बना रहा है। दुनिया का सब से बडा High Altitude Dam चीन बना रहा है। दुनिया का सब से बडा और महगॉ डैम चीन ने 3 Gorges Dams बनाया है।
  • Faysal Khan  सर ये तो बोहोत बड़ी तादाद है डैमों की, शुक्रिया सर जज़ाकल्लाहो ख़ैर आपसे हमें बोहोत कुछ जान्ने को मिलता है और आप जिस तरह से लिखते हैं उससे बात पूरी तरह समझ में आ जाती है और याद भी रहती है

Skand Kumar Singh सही कहा।मोदी की लफ्फाजी सब समझते हैं

  • Mohammed Seemab Zaman यह #impossible शब्द हम नही लिखा है यह इंगलैड के मैगज़ीन मे छप रहा है, जहॉ COP 26 हो रहा है।

Arvind Srivastva Energy crisis 2030 में इतना होगा कि इससे संभल नही पायेगा। इसका कारण है एक गुजराती जो जोर शोर से इस रिनेबल एनर्जी के क्षेत्र में आया और 70 हजार करोड का पैनेल पीएसयू को बेचकर निकल लिया ।

  • Mohammed Seemab Zaman Arvind Srivastva साहेब, वह अभी भागे नही है, भागने की तैयारी कर रहा है। वह दुबई मे तेल की कम्पनी खोल चूका। वह भी अब टाटा के तरह यहॉ पैसा नही लगाये गा, विदेश मे लगाये गा। मेरा दलीप कुमार वाला पोस्ट एक बार और पढ लिजये।

Shehaab Zafer Aaj khabar hai soft power ranking me bhi neeche aa gaya hai, What are the long term implications of it sir

  • Mohammed Seemab Zaman Shehaab Zafer साहेब, याद है न हम ने दो साल पहले soft power पर लिखा था, उस वक्त लोगों को समझ मे नही आया होगा। आज यह औरगेनाईज़र मे दिवाली को सोफ्ट पावर लिख रहे हैं। ओबामा के कहने पर Hard Nation बनने चले थे दिमाग ढंढा हो गया। यह सब index ranking को विदेशी investment करने मे देखते हैं।

Jamshed Jamshed वाह।।।।।बहुत बहुत लाजवाब हक़ीक़त लिखा है…””भारत के जो बुद्धिजीवी सोचते हैं कि भारत दस बीस साल में तेल गैस पर निर्भर…वो बेवक़ूफ़ बनाते हैं…””ये लाइंस इस पोस्ट का सबसे बड़ा सच हैं…आपकी पोस्ट उनकी आँखों की धूल ज़रूर झाड़ेगी…

  • Mohammed Seemab Zaman यह बात हम अकसर लिख रहे हैं तेल और गैस पर निर्भर रहना है। दुनिया आज भी billions and billions तेल और गैस मे invest कर रहा है। अब तो उसी से ब्लू अमूनिया निकल गया।

Kamal Siddiqui बेहतरीन आर्टिकल सरमतलब जिस तरह भकुटों को सपना दिखाते हैं मोई जी, उसी तरह सारे भारतीयों को भी सपना दिखा रहे हैं।जुमलों में 130 करोड़ को लपेट रहे हैं और पढ़े लिखे लोग भी इनकी बातों पर विश्वास कर रहे हैं।होने का कुछ भी नहीं नाम बरियार खान

Naim AKhtar दरअसल हम भारतीयों से बड़ा खुशफहमी का मरीज दुनियाँ का कोई नागरिक नहीँ है हमे झूठे शबज़्बाग दिखाए जाते हैं और मिडिया उसे दिन रात दिखा दिखा कर सच बना देता है