Post of 6th May 2023

चीन 2000 मे World Trade Organisation (WTO) का सदस्य बना और 21वीं शताब्दी के ग्लोबलाइज़ेशन ने चीन को आर्थिक और सैन्य शक्ति बना दिया।

ग्लोबलाइज़ेशन के वजह कर एशिया के देश तथा सोवियत संघ से आज़ाद सेंट्रल एशिया के देशों ने भी तरक़्क़ी किया मगर करोना पैंड़ेमिक तथा रूस-यूक्रेन लड़ाई ने Fragmented World (दुनिया को तोड़) बना दिया और ग्लोबलाइज़ेशन का नशा ख़त्म होने लगा। मगर चीन के अर्थव्यवस्था पर इस फरैगमेंटेड़ वर्ल्ड का असर कम होगा क्योंकि उस ने 2013 से Belt and Road Initiative (BRI) से बहुत से देशों से रिश्ता तथा ट्रेड संबंध बना लिया है।

सैकड़ो साल बाद चीन की आबादी के कम होने का अनुमान है।चीन के 1.4 अरब लोगों में केवल 10 लाख (0.1%) लोग विदेशी मूल के अप्रवासी हैं। चीन के तुलना मे जापान मे 2%, अमेरिका में 15%, जर्मनी में 19% और ऑस्ट्रेलिया में 30% अप्रवासी हैं।

अप्रैल 2023 मे भारत की आबादी चीन से 30 लाख ज़्यादा हो गई और अनुमान है कि यह 2029 तक 1.5 billion हो जाये गी और बढ़ते बढ़ते 2050-60 में सब से अधिक 1.75-1.8 billion हो जाये गी, जो भारत के लिए शुभ खबर नहीं हैं, क्योंकि भारत ने चीन के तरह अपनी आबादी का फ़ायदा (Population Dividends) कभी नहीं उठाया, दंगा करा करा कर देश की GDP जलाता रहा जब की चीन शांति से तरक़्क़ी करता गया।

भारत कृषि प्रधान देश रहा है, मगर सरकार अब “Smart City” के नाम पर शहरीकरण कर रही है।Deepak Sharma ने दैनिक ट्रिब्यून में छपे अपने लेख मे लिखा है कि “जल निकायों की गणना को लेकर जो आँकड़े आये हैं वह चौंकाने वाले हैं।भारत में क़रीब 24 लाख से अधिक जल निकाय है, इस मे 97% ग्रामीण क्षेत्र में है और केवल 3% शहरी एलाक़ो में है।” दीपक शर्मा साहेब लिखते हैं कि 2018 में नीति आयोग की रिपोर्ट कहती है कि भारत अपने इतिहास के सब से भीषण जल संकट से जूझ रहा है।रिपोर्ट के अनुसार आबादी बढ़ने के कारण 2030 तक पानी की मांग आपूर्ति से दुगनी हो जाये गी।

अभी भारत की आबादी 1.4 billion है और अर्थव्यवस्था लगभग $3 trillion की है और चीन की अर्थव्यवस्था $18 trillion है।आज चीन मे 1.4billion आबादी मे कोई ग़रीब नहीं है जबकि भारत में अभी 80 करोड़ जनता गरीब है और सरकार 5 किलो अनाज तथा आधा लीटर दूध देकर ग़रीबो की मद्द कर रही है।

भारत में औरतों की आबादी गर्भपात करा करा कर मर्दों के अनुपात में कम हो गई है जिस कारण मर्दों में बेरोज़गारी तथा बलात्कार बढ़ता जा रहा है।बेरोज़गारी के कारण भारतीय दुबई, सऊदी अरब, क़तर, ओमान के इंफ़्रास्ट्रक्चर और सूडान के ईख के खेत में मज़दूरी तथा मलेशिया-सिंगापुर में सफ़ाई कर्मी का काम कर रहे हैं।

सवाल यह है कि 2050-60 तक जब भारत की आबादी दुनिया में सब से ज़्यादा हो जाये गी और पानी का संकट अपने चर्म पर होगा तो चीन मे 4-5 करोड़ सफ़ाई तथा शौचालय कर्मी की ज़रूरत को कौन पूरा करे गा?

#नोट: अगर आप हिन्दुस्तान के ग़द्दार नहीं हैं, भारत से मोहब्बत करते हैं और देशभक्त हैं तो इस पोस्ट को खूब शेयर किजये।

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Some comments on the Post

Deepak Sharma नमस्कार Sir, मेरा सौभाग्य है कि आपने अपनी पोस्ट में मेरे लेख का जिक्र किया। बहुत-बहुत शुक्रिया आपका Sir

Mohammed Seemab Zaman जनाब, आप ने बहुत शानदार लेख लिखा है।आप उस को अंग्रेज़ी मे अनुवाद किजये और English Magazine में छपवाइये। यह ग्राफ़ तो मेरे पास बहुत दिन से था मगर आप का लेख पढ़ कर हम ने सोंचा अब एक पोस्ट लिखें गें, आज लिख दिया।