Post of FB on 18th December 2021
पंडित जवाहर लाल नेहरू जिन्हे माडर्न भारत का शाहजहॉ कहा जाता था उन की बेटी इंदिरा गॉधी ने 52 साल पहले 1969 मे भारत के चौदह बडे प्राईवेट बैंक को नेशनलाईज किया था।
भारत मे सात साल पहले 27 सरकारी बैंक थे मगर चुनाव लड कर अब सात सरकारी बैंक बचे हैं मगर कोई भी बैंक अंतरराष्ट्रीय लेवल पर कही नजर नही आता है।
आज दुनिया मे दस बडे बैंक मे चीन के चार बैंक हैं जिस की कुल जमा पूजी/Assets $13.7 trillion है।अमेरिका का दो बैंक है JP Morgan और Bank of America जिस का एसेट $4.97 trillion है। फ्रांस का दो बैंक BNP Paribas और Crédit Agricole Group तथा जापान और इंगलैंड का एक एक बैंक है।
हमारे आदरणीय विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक, धारा प्रवाह हिन्दी वाचक मोहन जी कहते हैं हम लोग विश्वगुरू हैं मगर भारत का एक भी बैंक दुनिया के विश्वगुरू के श्रेणी मे नही है. भारत का LIC और दूसरा बैंक चीन के तीन बडे बैंकों से बहुत पहले खूला था मगर कोई विश्वगुरू नही है।
1984 मे चीन का Industrial & Commercial Bank ($3.3 trillion) खूला और Agriculture Bank 1979 में खूला जब हमारे यहॉ गुजरात मॉडेल के प्रधानमंत्री मूराजी देसाई थे जो बैंक नेशनलाईज के खेलाफ थे और 1969 मे कांग्रेस को तोड़ कर INC (O) बनाया था।
भारतीय संतरा लोग फरनांडेज और जय प्रकाश ने 1977 से भारत की बरबादी शुरू किया जिस का उरूज 2014 मे पेंटागौन किशोर ने लाया।इस बीच रूस टूट गया, चीन महाशक्ति हो गया और मिडिल ईस्ट आर्थिक शक्ति हो गया मगर हमारे संतरा ने ख़रबूज़ा का रंग ग्रहण नही किया।
बहुत अफसोस होता है मोगलो का बनाया अखंड भारत 21वी शताबदी मे महाशक्ति और विश्वगुरू नही बन सका।