Post of 3rd March 2022

कल यूएनओ मे यूक्रेन-रूस ड्रामा पर तीन दिन बहस के बाद वोट हुआ।दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह वेस्टर्न पावर्स का एक बहुत बडा इमतेहान/परिक्षा था, जिस मे इस बदली दुनिया मे बहुत कुछ सामने आ गया।

141 ने रूस के खेलाफ वोट दिया और चार (4) देश ने रूस के favour मे वोट दिया उस मे नौर्थ कोरिया, सिरिया, बेलोरूस, ईरिटेरिया था।हम को बहुत ताजुब हुआ Eritaria जो Horn of Africa का महत्वपूर्ण देश है, जहॉ से सारा तेल या सामान का जहाज़ जाता है वह अब अमेरिका का खूल कर विरोधी हो गया।लोगो को याद होगा बाईडेन के सत्ता मे आने के बाद इन लोगो ने ईथोपिया के टिगरई राज्य मे राषट्रपति अबे अहमद के खेलाफ बग़ावत करवाया था जिस को ईरिटेरिया-ईथोपिया ने असफल कर दिया (हम ने इस पर कोई पोस्ट नही किया था).

#दूसरा 35 abstentions था जिस मे चौंकाने वाली बात अफ्रिका का माली देश था जिस ने फ्रांस के फौज और राजदूत को माली से पिछले महीना निकाला था।

35 देशो मे बंगलादेश ने भी वोट न देकर रोहिंगया पर अमरिका के चुप्पी का जवाब दिया, मगर चौंकाने वाली बात है कि म्यान्मार ने favour मे वोट दे कर रूस के खेलाफ खडा नज़र आया।

चौथी चौंकाने वाली बात पाकिस्तान और श्रीलंका ने भी अमेरिका की बात नही मानी और कोई वोट नही किया।यानी पाकिस्तान-भारत-श्रीलंका-बंगलादेश (175 करोड आबादी) अमेरिका के double role से आजिज़ आकर साथ छोड दिया।

#भारत का वोट न देना इस बरबाद विदेशनीति का जिता जागता नमूना है, इस मे कोई चौंकने की बात नही है। मेरे एनेलेसिस से सिकूरिटी कौंसिल मे भारत ने यूऐई के तरह दो बार वोट नही किया वह सही किया।

मगर कल भारत, 140 करोड आबादी के मूल्क को सब के साथ यूऐनओ मे रूस के खेलाफ वोट करना चाहिए था ताकि दुनिया के साथ एक solidarity/unity बनी रहती।

भारत ने कल वोट न देकर एक बलंडर किया है।अब जब चीन हिमालय मे बर्फ पिघलाये गा तो दुनिया का कोई देश मेरे साथ खडा नही रहे गा और न तावीज़ देगा क्योकि मेरी देश-विदेश दोनो नीति बरबाद है।

भारत इस बदलते न्यू वर्ल्ड ऑडर मे एक #तिलाक़_शुदह के तरह खडा है।
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Some Comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman यह जो सैंगशन्स रूस पर लग रहा है इस मे भारत सब से ज्यादा बरबाद होगा। भारत रूस से लडाई का सामान भी नही खरीद सकता है और न तेल/गैस लेगा। चीन का तॉंडव जब हो गा तो रूस चुप हो जाये गा क्योकि भारत बहुत पैंतरा आठ साल मे बराक-ट्र्मप कर बदल चूका।भारत मे तेल के दाम से महगाई बढे गी, हिमालय का बर्फ पिघले गा, पैंडेमिक से शिक्षा पर बूरा असर पडा है जिस से Quality educated students की कमी होगी, वगैरह वगैरह…..

Parmod Pahwa आज क्वाड की मीटिंग में साहब की क्लास ली जाएगी और अगर घुटने नही टेके तो kaasta की पाबंदी लगाई जा सकती है

  • Mohammed Seemab Zaman, Parmod Pahwa साहेब, क्वॉड तो एक नौटंकी है जो जापान के अबे शिंज़ो के हटते लँगड़ा हो गया। अब जिस दिन औसट्रलिया का प्रघानमंत्री हटे गा उस दिन दोनो पैर कट जाये गा। फिर भारत कहॉ खडा रहे गा?हम ने आज तक क्वाड पर कुछ नही लिखा है क्योकि यह सफल नही होना है जबतक कि साऊथ इस्ट के सभी देश चीन के खेलाफ न खडे हो जायें, उस के पहले हिमालय मे बर्फ पिघल जाये गी।
  • Parmod Pahwa, Mohammed Seemab Zaman सर ये भारत पर दबाव बनाने और फसाने का जुगाड है जिसे हमारे परम बुद्धिमान अपने वीजा और सैर सपाटे के चक्कर मे समझ नहीं पाए।ये भी गले की हड्डी बनेगा लेकिन हमारी और आप जैसे कम समझ वालो की सुनता कौन है.

Anish Akhtar शानदार आंकलन..लेकिन म्यामांर का अमेरिका के पक्ष में बात समझ नही आई क्योकि चाइना का जबरदस्त प्रभाव है म्यामांर पर..

  • Mohammed Seemab Zaman म्यान्मार का देख कर हम ताजुब मे पड गये यह कैसे करवट बदल लिया। कुछ दिन इंतजार करना होगा इस बात के नतीजा को देखने के लिए।

Javid Ikbal Nehru ki videsh niti Gutnirpekshta safal thi. AAajnki gutnirpekshata failure of vdesh niti hai…

  • Mohammed Seemab Zaman जब यह देश के अंदर ही गुटनिरपेक्ष नही हैं तो बाहर कैसे रहते। यह तो खुद देश को #गुट/गरोह मे बॉट कर रख रहे हैं तो बाहर कैसे एक रहते।

Majid Ali Khan बड़े दुख की बात है, हमारे देश की स्थिति ऐसी नहीं होनी चाहिए