Post of 27th March 2021
यह बात 2016 से अखबार मे छप रहा था कि ईरान-चीन पचीस साल के स्ट्रैटेजीक समझौता करने वाले हैं जिस मे चीन बेल्ट और रोड योजना के तेहत $280-400 बिलियन ईरान के रोड-रेल-उर्जा क्षेत्र मे निवेश करे गा ( मेरा पूराना पोस्ट 10-09-2019, “25 Years strategic partnership between China & Iran : the deal cold mark seismic shift in the Global oil & gas market” पढें)
चीन के विदेशमंत्री वॉंग ई जो छ: मुस्लिम देश के दोरा पर है ने आज 25 साल का आपसी कोऔपरेशन के योजना पर दस्तखत कर दिया। इस साझा समझौता का पूर्ण विवरण अखबार मे आज नही आया है मगर इस को इमाम खेमेनाई का आशीर्वाद प्राप्त है।
सिरिया और ट्र्म्प के दुनिया की राजनीति बदलने के बाद, मिडिल इस्ट और ईरान की राजनीति और आर्थिक (political and economic) नज़दीकियाँ रूस और चीन के तरफ टिल्ट (tilt) होती रही जो अब बाईडेन के सत्ता मे आने के बाद नजर आने लगा है।
हल्ला था चीन, ईरान का एक जज़िरा लिज़ पर ले गा और नेवी बेस बनाये गा, मगर आज इंकार किया गया है। राषट्रपति हसन रूहानी ने कहा इस समझौता से दोनो देश एक दूसरे के देश मे रोड, बंदरगाह, उर्जा, उद्योग और सर्विस सेक्टर मे निवेश करें गे।
नोट: सेंटरल एशिया के देश खास कर उज़बेकिस्तान, तुर्किमिन्स्तान और किर्गिस्तान के तरक्की के साथ इस बदली दुनिया मे अब पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर भी नज़र रखिये गा।