Post of 9-12-2020
हम ने सुरक्षा कौंफेरेंस, IISS Manama Dialogue पर लिखा था GCC ने बाईडेन को ख़बरदार किया है कि भविष्य मे ईरान नूक्यूलियर डील (JCPOA) के समझौता मे GCC को भी शामिल किया जाना चाहिये वरना GCC अलग क़दम उठाये गा, यानि रूस या चीन।
कल ईरान के विदेशमंत्री जवाद ज़रीफ ने अरब देशो को अपने खित्ते मे अमन के लिये आपस मे बात कर के मसला हल करने को कहा। उन्होने कहा
“Dear neighbours why ask US/European countries for inclusion in talks with Iran”.
इघर पिछले छ: महीना मे शाह सलमान ने दो बार ईरान का नाम लेकर खित्ते मे अमन बहाल कर ईरान को दस साल के सैंगशन्स से बाहर आने को कहा।हम को ताजुब होता था यह क्यो बोल रहे हैं? तीस (30) साल बाद सऊदी अरब ने अपना अरार से इराक़ का बोडर खोल दिया है और सऊदी अरब का डेलिगेशन कल इराक़ रिश्ता बनाने गया है।
ईरान के राष्ट्रपति रूहानी कल सिरिया के नये विदेशमंत्री से ईरान मे मिले और दो साल के बाद “आसताना कौंफ्रेंस” जो कजाकिस्तान के राजधानी आसताना मे रूस-तुर्की-ईरान के बीच सिरिया मे नया संविधान बना कर चुनाव करा कर अमन का समझौता हुआ था कि हिमायत किया और कहा यही सिरिया के लडाई को ख़त्म करे गा। दो साल से ईरान इस मसले को लटका कर रखे हुआ था और इसी बीच लेबनान मे धमाका हुआ और हेज़बूल्लाह अकेला रह गया।
खबर यह भी है सऊदी अरब यमन मे दोनो ग्रुप यानी हूथी से भी बात कर रही है। हम दो साल से लिख रहे हैं अभी शाह सलमान ज़िंदा है और ईरान अरदोगान से मिल कर सारी रंजिश ख़त्म कर ले वरना बाद मे बहुत मोशकिल हो जाये गा। शाह सलमान किसी को देने लेने मे मायूस नही करते हैं वह रूहानी और अरदोगान की बात मान ले गें।
अब तो एक नया कामयाब और पैसा वाला नेता आईजरबाईजान के राष्ट्रपति एलहाम अलीयाव पैदा हो गये। अगले साल इन पर और इन की बीवी मेहरिबान अलीयाव पर नज़र रखिये गा।