Post of 28th March 2022
बहुत अफसोस होता है आज के बदली दुनिया मे भी ईरान अपनी ज़िद्द पर अडा है।हर मुस्लिम देश मे “प्रौकसी” कर 1979 से आतंक फैला कर पूरे मिडील ईस्ट की सयासत को अंधकार मे ले जाने की ज़िद पर अडा है।
पिछले चालीस साल मे जहॉ जहॉ अमेरिका ने मिडिल ईस्ट मे आग लगाया वहॉ ईरान पहुँच कर अमन नही होने दिया चाहे वह इराक़ हो या सिरिय, लेबनान हो या यमन, या सूमालिया, नाईजेरिया या नाईजेर हो।
ईरान चालीस साल से अमेरिका और इस्राईल को कोसता रहा मगर अमेरिका का दोस्त बना हर मुस्लिम देश मे आतंक फैलाता रहा।आज तक सिरिया मे संविधान नही बनने दिया और पॉच महीना चुनाव के बाद भी इराक़ मे सरकार नही बनने दे रहा है।सऊदी और बहरैन मे बग़ावत/आतंक फैला कर सैकडो लोगो को फॉसी पर चढ़वा दिया और अपने को मुसलमानो का रहबर कहता है (कम लिखा है)
आखिर मे मिडिल ईस्ट के देश अमेरिका के 51 राज्य इस्राइल के पास जा कर ईरान के आतंक को ख़त्म करने को कहा।कितने शरम की बात है कि यूऐई, बहरैन, मिस्र, मोरौक्को के विदेश मंत्री आज पहली बार इस्राइल मे जा कर ईरान के खेलाफ महाज़ बनाने लगे (निचे तस्वीर देखें).
अगर ईरान मिडिल ईस्ट से सुलह कर ले तो क्या ज़रूरत है कि यह लोग इस्राईल जा कर जेसीपिओ के खेलाफ ब्लिंकन का हाथ पैर जोड़े।
दुआ किजये राष्ट्रपति रईसी साहेब इस न्यू वर्ल्ड ऑडर की बदली दुनिया को समझें और ईरान को दुनिया मे अलग थलग होने से बचा लें।