प्रतिरोधी ताक़तों के नेता इस्माइल हानिया का क़त्ल ईरान में उन के घर पर कर दिया गया।कल ईरान मे जनाज़ा के नेमाज़ के बाद, उन का जिस्म खाकी क़तर जाये गा जहॉ उन को दफन किया जाये गा।

इस्माइल हानिया इसराइल के साथ अमन की बात करने में एक अहम “वार्ताकार (Interlocutor) थे जो कल ईरान के नये प्रेसिडेंट के इफ़त्तही तक़रीब में शामिल होने तेहरान गये थे। कल ईरान मे 70 मुल्कों के सफ़ीर और वज़ीर भी तक़रीब में शामिल हुऐ थे, जिस मे मिस्र और सुडान के वज़ीर भी आये थे जिन को ईरान से सफारती ताल्लुक़ात नहीं है।

क़तर के प्रधानमंत्री ने कहा है कि “It is a political assassination; how can a mediation succeed when one party assassinates the negotiator on other side?” इस से यह साफ़ ज़ाहिर है कि किस ने यह क़त्ल किया है।

हानिया के क़त्ल से इसराइल मसला अमन से हल होता नज़र नहीं आता है क्यकि ईरान के नये प्रेसिडेंट जो moderate माने जाते थे, वह अब सख़्त हो जायें गें, क्योंकि यह क़त्ल ईरान के High Security Zone मे बाहर से आये मिज़ाईल से हुआ है।अपने इस शर्मिंदगी के अज़ाला के लिए, ईरान अब “Nuclear Test” भी कर सकता है और पश्चिमी ताक़तो के लिए मिडिल ईस्ट में नया प्रोब्लम खड़ा कर इस पूरे खित्ते से अमेरिका को निकाल दे।

हानिया का क़त्ल और पिछले तीन-चार दिन मे लेबनान और बाब-अल-मंदब में जो हुआ है वह यह “मार-काट” को बढ़ा दे गा जिस का नतीजा अमेरिका और यूरोप को इसराइल के प्रति अपनी सोंच को बदलने पर मजबूर कर दे गा क्योंकि रूस-यूक्रेन जंग ने पश्चिमी ताक़तो को WWII के बाद पहली बार कमज़ोर कर दिया है।

#नोट: दुआ किजये अमेरिका (इसराइल) द्वारा दुनिया मे मार-काट का सिलसिला ख़त्म हो और यूक्रेन, फलस्तीन, साउथ चाईना समुद्र में शांति हो।