Post of 30 October 2023

इसराइल को प्रतिरोधी ताक़तों के साथ युद्ध में कठिन विकल्पों का सामना करना पड़ रहा है।

लेबनान से प्रतिरोधी ताक़तें उत्तर इसराइल में मिज़ाईल छोड़ रहे हैं जिस से वहाँ पर रह रहे लोग तेल अवीव पलायन कर आ गये हैं।तेल अवीव के होटलों में जगह नहीं है कि विस्थापित लोगों को शरण दिया जा सके।

दोहरी नागरिकता वाले सैकड़ों इसराइली लोग पलायन कर Cruise ship से दूसरे देश जा रहे हैं, कुछ लोग हवाई जहाज़ से पलायन कर रुस जा रहे हैं।उसी क्रम में रुस के एक मुस्लिम बाहुल्य राज्य दागेस्तान में कल रात एयरपोर्ट पर लोगों ने तेल अवीव से आये हवाई जहाज़ पर हमला बोल दिया और 29 लोग घायल हो गये।

दागेस्तान के मुफ़्ती ने टीवी पर आकर लोगों को शांति बनाये रखने की अपील किया है और शरणार्थियों को सुरक्षा देने की माँग किया है।इसराइली प्रधानमंत्री ने रुस सरकार को इसराइली नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने की उन के ज़िम्मेदारी को याद दिलाया है।जबकि रूस के विदेश मंत्रालय का कहना है कि दागेस्तान में अशांति फैलाने में यूक्रेन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है ताकि रुस के समाज में अशांति फैले।

आज प्रतिरोधी ताक़तों ने तीन इसराइली बंधक औरतों का विडियो रिलीज़ किया है जिस में बंधक औरतें इसराइली सरकार से कह रही हैं कि हम लोग सरकार की राजनीति, सुरक्षा तथा सैन्य शक्ति के असफलता के कारण बंधक बनाये गये हैं।सरकार हम लोगो को छुड़ाने का कोई प्रयास नहीं कर रही है।हम लोग इसराइल के मासूम नागरिक है जो सरकार को टैक्स देते हैं मगर सरकार ने सुरक्षा प्रदान नहीं किया।

#नोट: नीचे पिछले सप्ताह का विडियो देखें जिस में प्रतिरोधी ताक्तों ने दो बूढ़ी औरत को रहा किया था जिस मे एक औरत जाते समय प्रतिरोधी ताक़त के सैनिक जो उन को लेकर छोडने आय थे उस से हाथ मिलाया और “शलोम” (सलाम) यानि सलामत रहो, कह कर Red Cross के गाडी में बैठने को गई।

Please pray for peace and keep your comments respectful.
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Some comments on the Post

Md Umar Ashraf मतलब जंग पिछली बार के 51 रोज़ से आगे जाने वाली है।

Arham Zuberi आख़िरकार भ्रम ख़त्म हुआ .?

सौबान रजा सर आपके लेखों का मुझे बहुत बेसब्री से इंतज़ार रहता है, क्योंकि आप बहुत सधे हुए अंदाज और शब्दों में अपने विचार हम लोगों के सामने रखते हो, सर एक महत्वपूर्ण सवाल हमारे दिमाग में मौजूद है कि आज इजराइल हमास के बीच ये युद्ध 23 दिन पूरा हो गया है, अभी तक माशाअल्लाह हमास जंगजू जिस तरह से एक बड़ी आधुनिक देश के सामने पूरी ताकत के साथ लड़ रहे हैं और अपने विरोधी इजराइल को भारी पैमाने पर आर्थिक और जान-माल का नुक़सान उठाना पड़ रहा है तो मैं आपसे जानना चाहता हूं कि क्या उम्मीद रखूं सीजफायर होगा या फिर ये लड़ाई भी युक्रेन रसिया जैसा लंबा चलेगा.?

  • Mohammed Seemab Zaman, सौबान रजा साहेब, यह लड़ाई तो बहुत दिन से चल रहीं हैं। पहले वह रोज़ एक-दो आदमी मारते थे और अब सैकड़ों की तादाद में मार रहे है।सीज़फायर हो गा, यह यूक्रेन के तरह लम्बा नहीं चले गा। यह प्रतिरोधी ताक़तो को ख़त्म नहीं कर सकते है। याद रखिये गा, यह लड़ाई दुनिया और Middle East को बदल दे गा।

Mohammad Ishteyaque इजराइल और उसके एजेंसियों का जो हवा निकला है. विश्व पटल पर को ये नंगा हुए है. उसके damage control में ये बौखलाए हुए है. Havoc और इज्जत दोनो दाव पर है और जब औलाद नालायक होता है बूढ़ा बाप को भी झक मार कर परिवार के अस्मिता के खातिर अपने औलाद का साथ देना पड़ता है …!! अमेरिकी आवाम के भावनाओं के विरूद्ध ये युद्ध प्रेमी बाइडेन अमेरिका के सामरिक और आर्थिक हैसियत को रसातल में मिला के ही दम लेगा …!! इन दोनो के लिए एग्जिट का दवाजा मुस्कील लग रहा है ….इसलिए ये रिजल्ट ले कर ही रुकने का मन बनाए बैठे है. इज्जत जो शाख पर है, पर कुदरत को कुछ और ही मंजूर लग रहा है. अब ये देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि इसराइल – फिलिस्तीन जंग में बिछाए के शतरंज के बिसात पर से …..”शतरंज का खिलाड़ी” बन कर कौन उभरता है…ईरान – रशिया – तुर्की , मिडिल ईस्ट और चाइना….या फिर से वही बूढ़ा इंग्लैंड – अमेरिका – इजराइल और यूरोपीय यूनियन …! ##अघोषित वर्ल्ड वार _ का नतीजा सुखद ही होगा ….. भले ही हजारों बेगुनाह और मासूमों के जान के दम पर ही सही…!! और दुनिया बदलेगी…!!

  • Mohammed Seemab Zaman चीन भूतकाल का सोवियत संघ नहीं है। सोवियत संघ को तोड़ने में वेस्ट के साथ सऊदी अरब 1938 से काम कर रहा था मगर चीन के बर्बादी में मिडिल ईस्ट साथ नहीं दे गा। क्योंकि बेल्ट और रोड (BRI) से चीन बहुत बड़ी ताक़त बन कर सामने आ गया है।

Sandeep Solanki क्या हम लोग ww 3 की और जा रहे है ? क्या आगाज़ हो गया है WW3 का ? … Mohammed Seemab Zaman साहब बताएं?

  • Mohammed Seemab Zaman, Sandeep Solanki साहेब हम पिछले पोस्ट में लिख चूकें हैं कि WWIII नहीं होगा। अगर किसी को हथियार का घमंड है तो कोई तेल और गैस को हथियार बना दे गा।बहुत जल्द इसराइल Exit policy पर काम करें गा वरना अमेरिका के लिए बहुत मुश्किल हो जाये गा।

Anish Akhtar 70 साल का नरेटिव ध्वस्त हो चुका है दागिस्तान की घटना ये बता रही है कि यहूदी लोगो के बारे में दुनिया क्या सोच रही है मैरे हिसाब से जो बहुत गलत ओर बहुत खतरनाक है