Post of 30th January 2022

पैंडेमिक के बावजूद यूरोप मे तुर्की का इसतांबूल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से 2021 मे सब से ज्यादा 3.7 करोड (37 million) पैसिंजर ने यात्रा किया।मुम्बई की आबादी 2.3 करोड (23 million) है।

दूसरे नंबर पर रूस के मौस्को का एयरपोर्ट 3.1 करोड और तीसरे नम्बर पर फ्रांस का 2.6 करोड पैसिंजर को हैंडिल किया।

यूरोप का ट्रेवल और टूरिज़म मार्केट तकरीबन 2 billion यात्रियों का था जो 2020 मे 77% कम हो गया।उमीद है इस साल 2022 मे हालत ठीक हो गा मगर कहा जा रहा है यह 2023-24 मे जाकर 2019 का आँकड़ा के बराब एयरपोर्ट पैसिंजर हैंडिल करे गा क्योकि जहाज़ कम हो गई है और तेल के दाम बढ़ने से किराया बढे गा।

इस पैंडेमिक से सब से ज्यादा service sector industry के रोज़गार को नोकसान हुआ।रेलवे, एयरपोर्ट, होटल, ट्रेवल एजेंसी, म्यूज़ियम आदि के रोज़गार पर बहुत खराब असर यूरोप मे पडा है।

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भारत जैसे बडी आबादी वाले देश मे पैंडेमिक के पहले ही अर्थव्यवस्था खराब हो गई थी और पैंडेमिक ने तो अगले पॉच साल के लिए रोज़गार के अवसर को आपदा मे बदल दिया।भारतीय रेलवे के छोटी नौकरी के निकले 35,300 पद के लिए 1.25 करोड बच्चे आवेदन कर रहे हैं।80 करोड को सरकार फ्री राशन पॉच किलो दे रही है।

उप्र मे 69,000 शिक्षक की बहाली कोर्ट के आदेश तक रोक दी गई क्योकि उस मे बैकवर्ड आरक्षण के नियम का पालन नही हुआ।इस तरह से बेरोजगारी को बढा कर अर्थव्यवस्था और सुस्त हो जाये गी।भारत का investment ratings सात साल से BBB (-) है, एसे मे विदेशी निवेश आने की कोई संभावना नही है जो टेकनिकल जौब के लिए अंधकार ही है।

अभी दुनिया राजनीतिक तौर पर स्थिर भी नही है।कभी साऊथ चाईना समुंदर, तो कभी रूस यूकरेन चलता रहे गा जब तक की New World Order मे यह तय न हो जाये कि चीन विश्वगुरू है और अमेरिका तीसरे नम्बर का विश्वगुरू रह गया।यह सब फैसला होने मे दो साल लगे गा जब तक भारत के लिए तबाही ही तबाही है।

भारत मे अभी न कोई दुनिया देखा नेता है न ही कोई बूद्धिजिवी जो इन सब बातों पर ध्यान दे।यहॉ तो चुनाव, मंडल-कमंडल, गाय-गोबर और जिन्ना या पाकिस्तान से आगे सोंचने की बूद्धी ही किसी के पास नही है।न कोई नेता पंडित नेहरू, बिहार केसरी श्री बाबू है या बंगाल के डा० बी सी राय या इंदिरा गॉधी के तरह अगले 10-15 साल मे पैदा होता नजर आ रहा है। बस दुआ है ऊपर वाला रहम करे।

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Some comments on the Post

Parmod Pahwa जनाब गुजरात के वडोदरा हवाई रेल पर इससे भी ज्यादा पैसेंजर आए हैं लेकिन क्या है कि हमारे फकीर चंद गरूर नहीं करते और बताते नहीं 😎

  • Mohammed Seemab Zaman,Parmod Pahwa साहेब, जब पैंडेमिक के कारण 2020 मे पूरी दुनिया मे लौक डाउन था तो उस वक्त भी इसतांबूल हवाई अड्डा सब से ज्यादा 2.34 करोड पैसिंजर ढोया था। यह दूसरा साल है इस नये एयरपोर्ट के रकार्ड का।गुजरात मॉडल तो विश्व प्रसिद्ध मॉडेल है इस मे ज़रूर इस से ज्यादा पैसेंजर आये होगें। याद है न कैसे कैसे बूद्धिजिवी लोग 2014 से लेकर 2017 यूपी चुनाव पर टीवी पर आ कर गुजरात मॉडल का बखान करते थे, अब सब कहॉ गये? आजकल कोई नजर नही आता है।

Sandeep Solanki कोरोना आपदा को देखते हुए इसको अवसर में बदल कर भारत में मज़दूर कानून ही बदल दिया है अब यहां पर खुल के कॉन्टैक्ट जॉब्स से ही काम चलाया जाएगाकोई यूनियन नहीं कोई कोर्ट नही कोई सुनवाई नहीं कंपनी जब चाहे जब GPL दे सकती है किसी भी कर्मचारी कोनियमित सेवा अब खत्म 😁

  • Mohammed Seemab Zaman कहॉ गये ब्रिंदा करात एंव सिताराम यचूरी जो UPA सरकार के वक्त गला फाड फाड कर संसद मे चिल्लाते थे और बाहर निकल कर मुस्कुराते थे। यह लोग आज चुप है, कहॉ गायब हो गये सब? सब लोग यही सरकार चाहते थे और सभो ने बनवा दिया। 2013 के बाद आठ साल मे दुनिया बहुत तेज़ी से बदली है, जो तीस साल मे नही बदली थी मगर भारत मे कोई नही समझ पाया। सब confused हो कर चुप हो गए।आप खुद गौर से सोचये कैसे सात-आठ साल मे तेज़ी से दुनिया बदली है, क्या आप ने महसूस किया?

लोकेश सलारपुरी अमेरिका और चीन में बुनियादी फ़र्क है ,बल्कि अमेरिका और रूस में भी यही फ़र्क है ! मुझे नही लगता कि अमेरिका को अभी कोई वैश्विक ताक़त की गद्दी से हटा सकता है ! वजह ये है कि अमेरिका और उसके पड़ोस में कोई सैन्य हलचल नही है ! यही अमेरिका का प्लस पॉइंट है ! उसके अपने आसपास शांति है ! जबकि चीन ,रूस वगैरह के आसपास अशांति है !

  • Mohammed Seemab Zaman 1988-89 मे कोई भारत मे यह कहने वाला या सोंचने वाला नही था कि 1990-1992 मे USSR अफगानिस्तान के कारण टूट कर बिखर जाये गा। जब होने लगा तो अदवाणी 1990 मे राम जी का झंडा लेकर रोड पर उतरे और आज 32 साल बाद भी हम वही पर हैं जब कि चीन सुपर पावर हो कर विस्तारवादी हो गया यह हम मान्ने को तैयार नही हैं।साऊथ अमेरिका मे दो-चार साल बाद देखये गा, कैसे एक नया अखाड़ा बनता है और एशिया शांत हो गा। यही Trade Hub हो गा। मगर मेरे यहॉ किसी को कुछ समझ मे ही नही आ रहा है 50 लाख का आबादी वाला मूल्क कतर FIFA 2022 कर रहा है, जिस के पास पॉच साल पहले एक स्टेडियम नही था।
  • Mohammed Seemab Zaman वेनेजुला के पास दुनिया का सब से बडा तेल भंडार है 24% क्या हाल है आज लोग लकड़ी पर खाना पका रहा है। अर्जेंटीना 40-50 billion IMF loan ले रहा है। मैक्सिको $350 billion का Export America को करता है मगर अमेरिका दिवार बना दिया। और भी बहुत सी बात है। यह सब मूल्क अब अमेरिका के खेलाफ खुल कर सामने आये गा। वहॉ भी समुंदर है जहॉ से अमेरिका की सामान आता जाता है।
  • लोकेश सलारपुरी  साउथ अमेरिका में क्या हो रहा है सर ??