Post of 22 May 2023
डा॰ हेनरी किसिंजर जो 20वीं सदी के कूटनीति के विद्वान कहे जाते हैं, वह 27 मई को 100 वर्ष के हो जाएंगे।वे कहते हैं कि “यह इतिहास में एक महान क्षण नहीं है, हम महान-शक्ति टकराव के रास्ते पर हैं”
अप्रैल 2023 के अंत मे The Economist, London ने डा॰ किसिंजर के साथ दो दिनों में आठ घंटे से अधिक बातचीत किया, जिस का पूर्ण वार्तालाप द इकोनॉमिस्ट में छपा है।
बातचीत मे किसिंजर ने कहा कि वह “चीनी प्रणाली को मार्क्सवादी से अधिक कन्फ्यूशियस (Confucius) के रूप में देखते हैं।कन्फ़्यूशियज़्म चीनी नेताओं को सिखाता है कि अपनी उपलब्धियों के लिए सम्मान पाने की कोशिश करें और इस के लिए वे अधिकतम ताकत हासिल करें।” चीनी नेता चाहते हैं कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था मे अंतिम न्यायाधीश के रूप में पहचाना जाए, जिस के लिए उन का देश सक्षम है।
किसिंजर ने कहा “यूक्रेन अब एक प्रमुख राज्य है और ज़ेलेंस्की ने अपने को एक असाधारण नेता साबित किया है।” चीनी यूक्रेन से संयुक्त संबंध बनाने चाहते है, इस कारण चीन रूस-यूक्रेन मे शांति कूटनीति करना चाहता है।
किसिंजर कहते हैं कि जापान हमेशा चीन के शक्ति संबंधों को लेकर चिंतित रहता है। यही कारण है कि जापान हमेशा अमेरिका के क़रीब रहना चाहता है और वह अगले पांच साल में परमाणु शक्ति बनने की ओर बढ़ रहा है।मगर किसिंजर ईरान को परमाणु शक्ति देखना नहीं चाहते हैं। वह कहते हैं कि अगर ईरान हथियार-श्रेणी की सामग्री बना लेता है तो वह इस्राईल को ख़तरा है।
किसिंजर भारतीय विदेशमंत्री को अपने विचारों से काफ़ी क़रीब मानते है।किसिंजर कहते हैं कि “वह भारत के साथ अमेरिकी घनिष्ठ संबंधों को लेकर बहुत उत्साहित हैं।चीन के साथ अपने संघर्ष के संबंध में भारत को सैन्य रूप से मजबूत करने के लिए सहमत हैं।”
#नोट: मेरा कहना है कि किसिंजर साहेब यह 21वी सदी है।आप 1970 के दशक में महान-शक्ति (सोवियत संघ-अमेरिकी) के टकराव के डर से चीन को महा-शक्ति बना कर बेवक़ूफ़ी कर गये।चीन या अमेरिका ने सोवियत संघ को नहीं तोड़ा (1979-1989) बल्कि अफ़ग़ानिस्तान-पाकिय़स्तान और मीडिल ईस्ट के तेल के पैसा ने तोड़ा।डेढ़ सौ साल (1878) के बाद अब फिर वह ताक़त दुनिया मे उभर गई है जो दुनिया की जियोइकोनोमिक्स बदल चुकी है।
किसिंजर साहेब चीन इस सदी का महान-शक्ति बना रहे गा और यूक्रेन रूस को नहीं तोड़े गा बल्कि डर है कहीं यूरोप में न फिर तीसरी जंग (WWIII) हो जाये।ख़ुदा हाफ़िज़।