इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी रविवार को पॉच दिन के दौरा पर चीन पहुँची जहॉ चीन के प्रधानमंत्री ने उन का स्वागत किया।
कल वह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बीजिंग मे मिली और चीन को एक ”अच्छा वार्ताकार” (Good Interlocutor) कहा और रूस-यूक्रेन लड़ाई खत्म करने मे शी जिनपिंग को भविष्य का “Key Player” कहा।
मेलोनी का अक्टूबर 2022 में प्रधानमंत्री बन्ने के बाद यह चीन का पहला दौरा है जिस का मुख्य प्राथमिकता अमेरिकी चुनाव से उपजी “जियोपोलिटिक्ल अनिश्चितताएँ” शामिल हैं। चीन भी “ट्रम्प-कमला” के अमेरिकी चुनाव से यूरोपीयन देशों मे उत्पन्न डर को exploit कर यूरोप-चीन के संबंधों मे लचीलापन लाना चाहता है।
यह वही मेलोनी हैं जो धुर-दक्षिणपंथी और इस्लामोफोबिक नेता रही हैं।चुनाव मे नारा दिया था “I am Giorgia, I am a woman, I am a mother, I am Italian, I am Christian” मगर प्रधानमंत्री बन्ने के बाद लिबिया तेल और गैस के लिए पहुँच गई और फ़्रांस के मैकरोन को उत्तरी अफ़्रीका-यूरोप के संबंधों को ख़राब करने का ज़िम्मेदार कहा।
मेलोनी 2008 मे इटली की युवा मंत्री के रूप मे चीन ओलंपिक (2008) में इटली को भाग लेने से मना किया था क्योंकि वहॉ मानवाधिकार नहीं है। मेलोनी 2022 अक्टूबर में प्रधानमंत्री बन्ने के बाद चीन के $1 trillion बेल्ट-एंव-रोड योजना जिस का पार्टनर इटली 2019 में बना था उस को दिसंबर 2023 में ख़त्म कर दिया था।
मेलोनी ने कल चीन में कहा कि BRI योजना से हटना उन की बहुत बड़ी गलती थी, और उन्होंने बीजिंग मे इटली के सय्याह और कूटनीतिज्ञ Marco Polo (1254-1324) पर एक Exhibition का उद्घाटन किया और इटली-चीन के 700 साल पुराने संबंध को याद कर चीन-इटली की पुराने व्यापारिक, सांस्कृतिक संबंधों को मज़बूत करने को कहा।
कल मेलोनी ने चीन-इटली के बीच पॉच समझौता किया जिस में व्यापार को बढ़ाने, Fiat कार का चीन के EV कम्पनी से पार्टनरशिप कर इटली में कार एसेंबल करना तथा साईस और टेक्नोलॉजी मे सहयोग शामिल है।
#नोट: रूस-यूक्रेन युद्ध और इसराइल-प्रतिरोधी ताक़तो के मार-काट के कारण यूरोप की अर्थव्यवस्था को द्वितीय विश्वयुद्ध (WWII) के बाद पहली बार गहरी चोट लगी है और अब इस का फ़ायदा चीन को हो रहा।