जापान के प्रधान मंत्री किशिदा ने देश कि गिरती जनसंख्या पर चिंता ज़ाहिर करते हुऐ कहा है कि “सरकार जापान मे सामाजिक कार्यों को बनाए रखने में सक्षम नहीं होने के कगार पर है”।किशिदा ने कहा कि वह चाहते हैं कि सरकार बच्चों से संबंधित कार्यक्रमों पर अपने खर्च को दोगुना करे।
जापान की आबादी 12.6 करोड है, मगर इस साल 2022 में केवल 8 लाख बच्चे पैदा हुऐ हैं।लगभग 30% आबादी 65 साल से अधिक की हो गई है और 0-15 साल के बच्चे केवल 11.8% हैं।1994 से जापान की जीडीपी वृद्धि दर 4.9% से घटकर 2019 में 0.3% हो गई।
विशेषज्ञ कम जन्म दर के पीछे कई कारण बताते हैं।शहरो मे मँहगे मकान और बच्चों की देख-भाल या सहायता की कमी के कारण बच्चों को पालना मुश्किल होता जा रहा है, जिस के कारण लोग कम बच्चे पैदा कर रहे हैं।
हाल के वर्षों में विवाह और परिवार शुरू करने के प्रति नौजवानो मे कमी देखा जा रहा है।
सरकार ने पिछले कुछ दशकों में जनसंख्या में गिरावट को दूर करने के लिए कई योजना शुरू किया हैं। बच्चो के देख-भाल की सेवाऐ तथा बच्चों वाले परिवारों के लिए आवास सुविधाओं की नई पहल शुरू किया है।गाँव मे रहने वाले जोड़ों को बच्चे पैदा करने के लिए पैसा दिया जा रहा।
एशिया के अन्य देशो में भी घटती जनसंख्या चिंता का विषय हो गया है।चीन की आबादी 1960 के दशक के बाद पहली बार 2022 में सिकुड़ गई है, जो चीन के लिए चिंता का विषय हो गया है।दक्षिण कोरिया में दुनिया की सबसे कम प्रजनन दर है।कोरियाई महिला अपने जीवनकाल में औसतन 0.79 बच्चे पैदा कर रही हैं जबकि स्थिर जनसंख्या बनाए रखने के लिए 2.1 बच्चे की आवश्यकता है।जापान की प्रजनन दर 1.3 है, जबकि अमेरिका मे प्रजनन दर 1.6 है।