Post of 26th Jne 2021
आज तुर्की के राषट्रपति तैयब अरदोगान ने कनाल इस्तांबुल के लिये अतातुर्क हवाई अड्डा को जोड़ते हुऐ एक 8-lane के पुल का शिलान्यास रखा। यह शुरूआत है 45 km लम्बा और 21 मीटर गहरा और 275 मीटर चौडा खोदाई कर कनाल इस्तांबूल के बनाने का।
औटोमन एम्पायर के समय मिस्र का सोयूज़ कनाल 1859-69 मे 22 km खोद कर expand कर 120 km लम्बा कनाल बनाया गया था जिस से ऐशिया से यूरोप जाने मे तीन महीना का कम समय लगने लगा।
इस्तांबूल कनाल भी 1886 मे औटोमन एम्पायर ने बनाने की योजना बनाई थी मगर वह नही बन सका जिस की बहुत वजह है मगर खास वजह है यूरोपियन देश नही चाहते थे इस्तांबूल तीन टुकड़े मे बट जाये। फिर औटोमन एम्पायर ख़त्म हुआ और लूज़ान समझौता हुआ जो 2023 मे ख़त्म हो गा। लूज़ान समझौता के ख़त्म होने के बाद तुर्की आजाद है जमीन खोदने और Black Sea (بحر ظلمات) मे तेल और गैस किसी भी गहराई से निकालने मे।
अरदोगान ने इस कनाल को 2011 मे बनाने की योजना बनाई थी मगर ग्रीस, इटली, और अमेरिका के दबाव से नही बन सका। फिर अरदोगान ने 2019 मे जमीन वगैरह अधिग्रहण (acquire) कर बनाने की योजना शुरू किया तो ट्र्म्प ने मना कर दिया और डरा भी दिया।
अब अरदोगान ने बाईडेन से नेटो मे मिल कर, अफगानिस्तान मे अमेरिका की मजबूरी देखते हुऐ फिर इस को पुल बना कर काम शुरू किया है। कनाल इस्तांबूल $15 billion का प्रोजेक्ट है जिस मे चीन पैसा लगा रहा है, जो 2025-26 तक बन कर पूरा हो गा।
अरदोगान वही कर रहे हैं जो अल्लामा इक़बाल ने कहा है,
“दश्त तो दश्त दरिया तक न छोडे हम ने
बहरे ज़ुलमात मे दौड़ा दिये घोड़े हम ने”