FB Post of 1st April 2021
यह पोस्ट Shyam Meera Singh का तीन दिन से देख रहे हैं, जिस को Manish Singh Reborn साहेब ने भी पोस्ट किया था, “तो आओ कभी खतना करा कर बकरीद पर बकरा और भैंसे का निहारी कोरमा खाने, रमजान के तीसों रोजे रख कर चलो कभी ईद की नमाज पढ़ने और दूर (साबित) करो अपनी धार्मिक कट्टरता, या शीघ्रपतन यूँ ही चालू रहे गा!”
शायद Shyam Meera Singh या Manish Singh साहेब को यह पता नही है कि #खतना बक़रीद और भैंस के निहारी के पहले से पुराने मिस्री सभ्यता मे होता था। लोग यह भी भूल जाता है कि जन्म भूमी के चक्कर मे फैलाये धार्मिक कट्टरता के चलते अब एक ब्राह्मण दूसरे ब्राह्मण का “ख़तना गोत्र” बताने लगा है।
ज़रा पोस्ट लिखने के पहले पूरी जानकारी इतिहास और सभ्यता की रखा किजये और सेकूलर बनने के चक्कर मे “धार्मिक उन्माद” नही फैलाईये और दूसरे का मज़ाक़ नही उड़ाइये।
नीचे तस्वीर देखये जहॉ ख़तना की तस्वीर मिस्र के पिरामिड मे पत्थर पर कुरेदी हुई मिली है, जो शायद 5,000 साल पुरानी है। वहॉ पुजारी और इलिट्स (Elites) लोगो का ख़तना होता था ताकि वह साफ रहें, छोटे लोगो का खतना नही होता था। यह तस्वीर हमारे पास बहुत दिन से थी मगर पोस्ट नही किया था।
आज मजबूरन यह तस्वीर डाल रहे हैं ताकि लोगो को पता चले हमारे बूद्धिजिवी श्याम मिरा सिंह या ब्रह्मण गिरिराज सिंह किस हद तक गिर गये हैं।