FB Post of 13-12-2020
शुक्रवार को Syed Imran Balkhi साहेब ने किसान टौल्क पर 1906 के पंजाबियों के किसान आंदोलन जो एक साल चला वहॉ से कहानी शुरू किया और 1925 मे गुरुद्वारा मे हिन्दु मैनेजमेण्ट हटा कर सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमीटी (SGPC) के गठन की बात कही।
सिख क़ौम ने 1925 मे अपने धार्मिक स्थल को दूसरे के चंगुल से आजाद करा लिया मगर आज तक महाबोधि मंदिर गया का मैनेजमेंट का अध्यक्ष बौद्ध लोग नही है। शिया-सून्नी के वक़्फ़ बोर्ड का प्रबंधक भी सरकारी मुस्लिम ही है जो बेच बेच कर अपना पेट पाल रहा है।
बल्खी साहेब ने सीख क़ौम के उरूज व ज्वाल का 37 साल का cycle बताया है। हर 37 साल बाद सिख क़ौम अपने क़ौम को बचा ही लेती है क्योकि यह मार्शल क़ौम है। 1947 के बाद 1984 मे अपने को समेट कर फिर पंजाब मे डेरा डाल लिया। 37 साल बाद 2021 मे किसान आंदोलन से पंजाब और सिख क़ौम अगले 37 के लिये इस बार दुनिया मे पहचान बना लेगी।
यह सिख आंदोलन इस बार एक नये “हिन्द” को जन्म देगा जिस मे हिन्दु-मुस्लिम-क्रिस्चन-जन जाति सब “सुपारी कौनट्रेक्ट” गैंग से उत्तर भारत को आजाद कर सौ साल के दंगा और लिंचिंग से नजात दे गे।
नेहरू के बाद पिछला 40 साल “सुपारी गैंग” ने आस्था के नाम पर मुस्लिम क़ौम को दंगा-आगज़नी करा कर आर्थिक तौर पर कमज़ोर करते रहे मगर अंतोगत्वा “हिन्दुस्तान” कमज़ोर हो गया।सात साल मे सुधार के नाम पर नोटबंदी कर दिया, कभी घुसपैठिया के नाम पर एनआरसी का डर पैदा किया, कभी विदेशी निवेश के नाम पर कृषि विरोधी बिल पास कर दिया, अखण्ड भारत का नारा देकर 370 हटा कर चीन को विस्तारवादी बना दिया, कोरोना के नाम पर आत्मनिर्भर का नारा दे दिया।
1986 मे सुपारी कौंटरैक्टर शाह बानो केस और ताला खोल कर मूर्ती बैठा कर चाणक्य बने मगर “सुपर चाणक्य चीन” अरूनाचल मे अपने सीमा का विस्तार कर लिया मगर आस्था के नाम पर सुपारी गैंग चुप रहा। सात साल मे गैंग अपने उरूज पर पहुँचा तो देश 50 साल पिछे हो गया।70 साल मे पहली बार जेनरल नरावने को अरब “तावीज़” के लिये भेज दिया। (नीचे तसवीर कल की अंतर्राष्ट्रीय चैनल की है)
भगवान ने हिन्द की मिट्टी का ख़मीर बहुत अच्छा बनाया है, शाहीन बाग की चंद औरतें और पंजाब के किसान ने देश को नई पहचान दे कर बचा लिया। जय हिन्द।