Post of 21st February 2022
आज Aheer S. K. Yadav साहेब ने Kranti Kumar का एक पोस्ट लालू यादव और उन के सामाजिक न्याय के जद्दोजहद पर और चारा घोटाला पर जेल जाने की बात लिखी।
वैसे मेरा मान्ना है लालू यादव निर्दोष हैं।उन को केवल सेकूलर होने के नाते चारा घोटाला मे फँसाय गया क्योकि उन्होने अदवाणी के राम-रथ को रोक कर अदवाणी को हज़ारीबाग़ जेल भेज दिया था और 6 दिसंबर 1992 को तीन दिन जाग कर बिहार मे दंगा नही होने दिया था।
बहुत से लोग को पता नही होगा कि राबड़ी देवी को लालू जी ने 25 जुलाई 1997 को मुख्यमंत्री नही बनाये बलकि उस वक्त के बिहार के राज्यपाल अखलाक़ुर रहमान क़िदवई (14 Aug 1993-26 April 1998) ने मुख्यमंत्री बनाया।जिस की सज़ा किदवई साहेब को मिली के उन को बंगाल ट्रांसफ़र कर दिया गया।
किदवई साहेब लालू जी को बहुत मानते थे।जब वह 24 July 1997 को इस्तीफ़ा जाकर किदवई साहेब को दिया तो वह लालू जी से बोले अब कौन मुख्यमंत्री होगा। लालू जी चुप हो गये, तो किदवई साहेब ने कहा आप की पत्नी Oath ले सकती हैं।लालू जी किदवई साहेब का मूँह देखने लगे। किदवई साहेब ने कहा आप सोंचये, हम Oath देला दें गे।
दूसरे दिन किदवई साहेब ने राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया और लालू जी के दंगा रोकने और शांति बनाये रखने का एहसान उतार दिया।राबड़ी देवी 1997-2005 तक मुख्यमंत्री रहीं।मुसलमान एहसान फ़रामोश नही होता है।
मगर ज़रा राबड़ी देवी का Wikipedia देखये जिस मे A R Kidwai साहेब का कही पर नाम नही है बलकि सुंदर सिंह भंडारी का नाम है।यह विकिपिडया तो RJD के किसी आदमी ने बनाया होगा। क्या इस विकिपिडया को लालू यादव, राबडी देवी या तेजस्वी यादव या किसी secular Yadav ने नही देखा? इस को कहते हैं, एहसान फ़रामोशी।
#नोट: आज हम ने सुबह मे Poisoned mind पर Dilip C Mandal, Ashish Kishanmurhty पर एक पोसट किया था जिस पर सब कौमेंट जा कर पढ लिजये, फिर इस पोस्ट को दोबारा पढ़िये।
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Some comments on the post
Mohammed Seemab Zaman राबड़ी देवी उस वक्त चौका पकाती थी। शपथ के बाद MLC/MLA बनी। यादव लोग मूस्लिम से वोट माँगता है और मुस्लिम का नाम लिखने मे शरम आती है। आप को राबडी देवी के Wikipedia मे कही किदवई साहेब का नाम नही मिले गा क्या इस को किसी Yadav या Backward ने नही देखा।आज जो बिहार मे यादव लोग बडे बडे लिडर बने फिर रहे हैं उन को मुस्लिम का एहसान मान्ना चाहिए कि राबडी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया और वह 2005 तक रह गई वरना उन की कहानी 1997 मे ख़त्म थी। आज तेजस्वी कही नजर नही आते।विकिपिडिया देखने के बाद तो मेरा कहना है कि लालू यादव को तो अब जेल जाना होगा।
- Aheer S. K. Yadav, Mohammed Seemab Zaman चलिए ठीक है ये भी, अब कम से कम अहसान फरामोशी से तो फुर्सत मिलेगी साब.
Vinod Sardana बिल्कुल सही बात है सर, जगन्नाथ मिश्रा के पाप काटने पड़ रहे हैं.. उसी ने फसाया है, खुद निकल गया था.. डॉक्टर बड़ा शातिर निकला.
Zeya Hasan इतनी अंदर की बात पता चल रहा है आपको पढ़कर,धन्य हो गया मैं|
- Mohammed Seemab Zaman हम लालू जी को उस वक्त से जानते हैं जब कोई यादव उन को नही जानता था। तेजस्वी तो बाद मे पैदा हुऐ हैं।
Md Umar Ashraf Kidwai Shab ❤️🩹
- Mohammed Seemab Zaman, Md Umar Ashraf साहेब जाकर राबडी देवी का विकिपिडिया देखये और उस पर मज़मून और पोस्ट किजये ताकि लोगो को इन लोगो की एहसान फ़रामोशी का पता चले।
Kuldeep Singh अंदर तक झकझोरती हुईं पोस्ट सर.
- Mohammed Seemab Zaman देख रहे हैं, यह recent history है जिस को यह लोग झूठ लिख रहे सुंदर सिंह भंडारी। अब आप समझ सकेत हैं यह लोग बाबर, औरंगजेब के इतिहास के बारे मे सच कहते हैं या झूठ। यह तो हम आज गलती से देख लिया।
Mohammad Imran Qadri मुसलमानों को समझने में चूक गया भारतीय समाज
- Mohammed Seemab Zaman भारतीय समाज ने मुस्लिम को समझा नही, यह बहुत बडी भूल कर रहे हैं, वरना यह आज विश्वगुरू होते।
Nooruedeen Shaikh सर हमे यही लगता है की कूए मे जीतना पानी है वही अक्ल है जब आपसा ऐहसानमंद शख्सियत (हम पे) पुरे सात पाताल को खोद के रखता है तब शकून होता हे की सही इतिहास को बताने और जिंदा रखने वाले हयात है वर्ना ये धंटी लौटी चोटी ही थमाते दुनिया को।
सिद्दीक़ी साहब ये वो जानकारियां है जो ज़्यादातर लोगो को नही पता. सीमाब साहब आपने हम सबकी जनरल नॉलेज तो बढ़ाई ही साथ ही आगाह भी कर दिया शुक्रिया.
Aheer S. K. Yadav जी बिलकुल बजा फरमाया आपने, मैं सहमत हुआ साब, वैसे इस एक अहसानफरामोशी का इतना लंबा चौड़ा इल्जाम कि वे जेल चले जाँय आपको कुछ ज्यादा नहीं लगता साब, अब तो बेहतर है कि मुस्लिम खुद अपनी सरकार बनाएं और लालू मुलायम से पहले वाले राजनैतिक समीकरणों पर वापस लौट जाँय तो उन्हें भी सुकून रहेगा और दूसरों को भी.. बेहतर होता अगर आजाद भारत से आज तक अहसानफरामोशी और मुस्लिम अहसानमंदगी का हिसाब किताब हो जाता, इसीलिए मैं कई जगह लिखता हूँ मुस्लिम दर असल वीआईपी मतदाता और नागरिक है इस देश का जैसे थाईलैण्डी बाभन, उसे हर एक चीज अपने पेट में चाहिए और जरा सी छींक पर भी दुनिया का सबसे मशहूर डॉक्टर बुलाया जाना चाहिए सरकार द्वारा, उनकी हर जिद पूरी हो और हर जबरदस्ती का खैरमकदम हो, सारी धर्मांन्धता को दूसरे भी सिर माथे रखें और वाह वाह करें, यहाँ ही देखिए या तो वीआईपी मतदाता हैं या अहीरों के जबरियाँ बैरी बनाए गये वर्ग के लोग हाँ हाँ करने में, अच्छा है कि वापस काँग्रेस या संघ भाजपा आए और सब लोग खुश होकर ईद मनाएं, शुक्रिया साब और मुसलमानों की बेहतरी के लिए तमाम राजनैतिक शुभकामनाएं..,
- Mohammed Seemab Zaman, Aheer S. K. Yadav साहेब, हम लालू जी को उस वक्त से जानते है जब शायद आप भी नही जानता होगें। आप को यकीन नही हो गा हम आज रो दिया राबडी देवी का यह Wikipedia देख कर। उस मे किदवई साहब का कहीं पर नाम नही है। क्या यह लालू जी के किसी परिवार वालो ने नही देखा?
Shambhu Kumar लालू का ज़वाल उसका बाल बच्चा लोग ही किया हैउसकी इंटीग्रिटी क्लीन है
- Mohammed Seemab Zaman, Shambhu Kumar साहेब, मेरा मान्ना है लालू जी का ज़वाल यादव लोगो ने किया है। बिहार का सब यादव समझने लगे की हम भी लालू जी ही हैं। सब समझने लगे यादव के बिना कोई पारटी नही रह सकती है और आधे संधीतकार हो गये और कुछ अपनी दूकान खो ल लिया। हम हमेशा लिखते हैं किसी क़ौम को सौ साल मे “एक लिडर” मिलता है अगर उस क़ौम ने उस को नही पहचाना तो वह बरबाद हो जाती है।
Almaz Jahan Jahan जनाब, बहुत ही शानदार पोस्ट।आपने सब कुछ बिलकुल सच लिखा है। लेकिन जातिवादी बुद्धि जीवी सच को हज्म नहीं कर पा रहे हैं।यही हाल यू पी के मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव काहै।अल्लाह आपको लम्बी उम्र अता फरमाये।
Neeraj Singh इस देश मे आज़ादी के बाद बयार ही ऐसी चली है कि मुस्लिम को हर बार, हर कदम अपनी ईमानदारी का सर्टिफिकेट देना पड़ता है। इसके बावजूद मुसलमान शक की ही नजरों से देखा जाता है.
Kamal Siddiqui इतना इन लोगों को मुस्लिम नाम से एलर्जी है आपके पोस्ट पढ़ने के बाद मालूम हुई।तेजस्वी के साथ जो हो रहा है सही हो रहा है बीजेपी के साथ राज्य सभा का डील भी इनके पिताजी को जेल जाने से नहीं रोक पाया।इनके डील में सिवान का नेता भी था।
Kalam Azmi सर जी जितने नाम नेहाड सेकुलर थे सेकुलरिज्म के नाम पर मुसलमानों का सिर्फ वोट लिया है बदले में उन्हें बेइज्जत किया गया है इसके सेवा मुसलमानों को कुछ नहीं मिला llधन्य हो संघीतकारों का जो बीजेपी को सत्ता में लाएं बीजेपी ने तथाकथित फर्जी सेकुलरो का चोला उतार कर फेंक दीया सबकी पोल खुल गई मुसलमान अब खुद जागरूक हो गया है और राजनीतिक चिंतन करने लगा है अपने अंदर खुद की कयादत लीडरशिप पैदा करने की कोशिश में लगे है आज नहीं तो कल कामयाबी मिलेगी llआपकी पोस्ट पढ़कर इतनी अहम जानकारी प्राप्त हुई है आपका शुक्रिया.
Anish Akhtar साहब आपकी पोस्ट ने निशब्द कर दिया मैं आज भी लालू जी को संघ से टकराने वाला एक मात्र नेता मानता हूँ लेकिन अहसान फरामोशी ने मायूस कर दिया.
Aftab Ahmed بہت اچھی بات مسلمان احسان فراموش نہیں ہوتا