Post of 3rd June 2023
हमारे आदरणीय विश्वप्रख्यात दार्शनिक, धाराप्रवाह हिन्दी वाचक संघ प्रमुख्य डाक्टर मोहन जी अपने हर भाषण मे मुस्लिम आक्रमणकर्ता या स्पेन मे मुस्लिम सल्तनत के ख़त्म होने की बात कर अपने बहुसंखयक समाज को मुस्लिम समाज के खेलाफ ज़हन तैयार करते हैं और अपने को हजारो साल का मज़लूम (victim) बताते रहते हैं।
दो दिन पहले भी नागपुर मे संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह मे तो हद हो गया कि जब उन्होने ने कहा कि “पूरी दुनिया मे मस्तक रखने की जगह नही मिली तो अकेला भारत था जिस ने जगह दिया जा कर पूछये यहूदी और पारसी से…” अब यह यहूदी (Jews) और पारसी (Parsi) का नाम लेकर ज़हन मे ज़हर घोलने लगे।अब इन से कोई पूछे इस इतिहास को क्यो नही लोगो को बताते हैं कि आप कहॉ से भारत मे आये?
उसी भाषण मे फिर स्पेन का नाम लिया और फिर दूसरी जगह कहा कि “जिन की हिम्मत नही हिन्दु कुश के पार के आने कि मगर एक ताँता चला आक्रमणों का परम्परा का…..”
अकसर बोलते हैं कि “हजारो साल से लोग विदेश से आक्रमणकारी आते रहे और हमें पादोभ्रांत करते रहे”, मगर आज़ाद भारत मे 1993 मे बाबरी कांड के बाद नरसिंह राव चीन को अखंड भारत का 350 किलोमीटर हस्ताक्षर कर दे आते हैं, उस का इतिहास यह भूल जाते हैं।
दो दिन पहले अमेरिका मे चीन के आक्रमण के सवाल के जवाब मे राहुल गॉधी ने कहा कि “हॉ, चीन ने पुन: भारत की 1500 वर्ग किलोमीटर ज़मीन कब्जा कर लिया है जो दिल्ली के बराबर है”
मगर हमारे संघ प्रमुख चीन पर चुप्पी साधे हैं, केवल इतना कहते हैं कि “अपने देश की सीमाओं पर, हमारी स्वतंत्रता पर बूरी नज़र वाले शत्रु बैठे हैं, हम उन को नही कुछ कर रहे हैं…..”
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