FB Post of 3rd January 2021

दादा खोंडके की फिल्म “अंघेरी रात मे दिया तेरे हाथ मे” के हर डाईलौग का दो अर्थ था। यही हाल संध के वरिष्ठ लोगो का रहा है, वह जब भी भाषण देते हैं दोहरी बात बोलते हैं।

नव वर्ष पर भागवत जी ने भी गॉधी के किताब के विमोचन पर इसी क़िस्म का दोहरा भाषण दिया ताकि BBC Hindi कुछ और समझा दे और दूसरे हिन्दी मिडिया वाले ओवैसी की बात को लेकर उस को हिन्दु-मुस्लिम बना दें।

भागवत जी का भाषण “गॉधी वैकसीन” को अपना कर भविष्य मे RSS का Syllabus बदलने का प्रयास है। मगर BBC NEWS हिन्दी वाले पत्रकार अभी भी संघ का लबादा ओढ़े भागवत जी के भाषण से ” हिन्दु कभी देश विरोधी नही हो सकता” हेड लाईन दिया।

जब के चितपावन भागवत जी के मूहँ से मोदी जी ने पहली बार गॉधी जी की तारिफ़ करवा दिया। हम हमेशा लिखा मोदी जी मौलवी साहेब लोगो से अपने बडे भाई गुजराती गॉधी जो जाति के बनिया थे उन का बदला ले रहे हैं और यह मौलवी साहेब लोगो का नाक-कान काट कर रहे गें।

भाषण मे भागवत जी का बौडी लैंग्वेज बहुत कमज़ोर दिख रहा था और किताब का नाम तक गलत बोल दिया “Rise of A Hindu Patriot” जब कि किताब का नाम “Making of A Hindu Patriot” है। भागवत जी ने कहा “हिन्दु Patriot को झाड़ पोंछ कर देश भक्त बनाया जाता है” यानी सब मे गुण है मगर वह होते नही है।

अन्त मे भागवत जी ने कहा “हम ने पुस्तक जल्दी जल्दी थोडा सा पढा है” मगर आप लोग पढ़िये “इस को ख़रीदना, पढना, पढ़वाना यह बहुत लाभ करे गा, क्योकि हम को लाभ हुआ”

मोदी जी आप जिन्दा सलामत रहिये और नाक-कान काटते रहिये जब तक गॉधी जी के “स्वराज” का सपना पूरा न हो।