Post of 27th May 2021

रूस और तुर्की द्वारा फ्रांस का बर्चस्व अफ्रिका के मुस्लिम देशो मे बहुत तेज़ी से ख़त्म किये जाने के कारण मैकरौन अब दक्षिण अफ्रिका के देशो मे दोड लगाने लगे।यूरोप के स्पेन का भी मोरोको से पुराना रिश्ता 2016 से ख़त्म होता जा रहा है।

चीन ने बेल्ट और रोड के माध्यम से एशिया और अफ्रिका के देशो मे अपनी गहरी पहचान लम्बे समय के लिये बना ली है जिस के चलते अब यूरोप की जमीन दुनिया मे तकरीबन 150 साल बाद सूकड कर बहुत छोटी हो गई है।

यही कारण है कि आज मैकरौन ने 1994 मे रवाण्डा के नरसंहार की जवाबदेही स्वीकार कर ली और कल साऊथ अफ्रिका जा कर जैकब ज़ूमा को 1999 मे $10 billion के हथियार ख़रीदने मे फ्रांस की Thint & Thales Company के घुस देने की माफी मॉगें गें ताकि फ्रांस यूरोप का विकसित देश बना रहे।
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देखये दुनिया कैसे 2015 से 2021 तक तेज़ी से बदली है! आज फ्रांस और अमेरिका कैसे अफ्रिका और मिडिल इस्ट मे घुटना टेक रहा है।

70 साल से कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बामपंथी, बीजेपी और संघ उत्तर प्रदेश, बिहार, कशमीर, गुजरात एंव भारत के अन्य प्रांतों मे सम्प्रदायिक हिंसा, विशेष वर्ग की नस्ल कुशी और दंगा द्वारा आर्थिक बरबादी कराकर विशेष वर्ग को वंचित ही नही रखा ब्लकि पूरे भारत को प्रगति के डगर से हटा कर बरबादी के मार्ग पर चला कर देश को विश्व पटल से ही हटा दिया।

अब समय आ गया है फ्रांस और अमेरिका के तरह भारत के सभी राजनैतिक दल के मुखिया भाजपा से लेकर संघ तक और मुलायम, मायावती से लेकर सिताराम यचूरी तक देश और अल्पसंख्यक वर्गो से हाथ जोड कर माफी मॉंगे और पापों का प्राश्चित करे तब ही देश बचे गा नही तो भारत का भविष्य अंधकार मे डूबा रहे गा।

न समझो गे तो मिट जाओ गे ऐ हिन्दुस्तॉ वालों
तुम्हारी दास्तॉ तक भी न होगी दास्तानों मे।