FB Post of 21st May 2021
सूनते हैं, महाबली अकबर ने बिरबल को बोला कर भरे दरबार मे कहा कि तुम हम को भारत मे “आदमी रूपी रोता मगरमच्छ” खोज कर देखाव वरना हम तुम्हारा सर क़लम कर दें गें। बिरबल ने फ़ौरन कहा हम ला दें गे अगर आप हम को दस घोडा, बीस आदमी और हजार सोने की अशरफ़ी दें तो।अकबर ने हुकम दिया, बिरबल जो मॉग रहा है शाही ख़ज़ाने से दिया जाये।
बिरबल सब कुछ लेकर महल से निकल कर दिल्ली होते हुऐ, बनारस, पटना, कलकत्ता, मद्रास, हैदराबाद गया मगर उस को “आदमी रूपी रोता मगरमच्छ” कहीं नही मिला। वह बहुत निराश होकर आखरी पडाव गुजरात के अहमदाबाद पहुचॉ। वहॉ भी नही मिला मगर वह गुजरात मे हर चीज मे मीठा खा कर आजिज़ हो गया था।
एक दिन उस की नजर अहमदाबाद मे एक “बनारस होटल” पर पड़ी और वह बहुत खुश होकर वहॉ उत्तर भारत का खाना खाने चला गया।वह तो निराश था ही मगर देखा के एक आदमी आया और “सू छ” बोला तो बेरा ने कुछ कहा तो वह सर हिला दिया और थोड़ी देर मे बेरा ने खाना परोस दिया। उस ने खाना शुरू किया और जैसे ही “#पटनीया जिया मिर्ची और #असमिया भूत झलोटा की चटनी” ख़ाया उस का गला चोक्ड हो गया और ऑख से ऑसू गिरने लगा।
बिरबल खुशी से उछल पडा और बोला “मिल गया मिल गया”. वह अपने आदमी को बोला इस को पिंजड़ा मे बंद करो और ले चलो महाबली अकबर के पास। कुछ दिन बाद बिरबल अकबर के दरबार पहुचॉ और बीच दरबार मे पिंजड़ा को ढक कर रखवा दिया और अपने आदमी को कहा जैसे महाबली आयें इस को चटनी चटा देना।
महाबली के बैठते ही एक डंडा पिंजड़ा मे मारा तो अंदर से आवाज आई “सू छे”. बिरबल ने अकबर को कहा जहाँपनाह आवाज़ सूना।फिर परदा हटवाया तो उस के ऑख से आँसू बहते देखा।
महाबली सम्राट अकबर और दरबार मे मौजूद जनता और दरबारी “आदमी रूपी रोता मगरमच्छ” देख कर बहुत खुश हो गये।