Post of 17 May 2022

मिस्र के प्राचीन सभ्यता के भगवान शिव का एक प्रतीक महालिंगम मिस्र के लक्ज़र मंदिर के द्वार पर 1,400 BC मे निर्माण कर स्थापित किया गया था। यह बहुत पवित्र और भाग्यशाली माना जाता था और एक पत्थर से तराश कर बनाया गया है।यह निचे चौडा है और ऊपर जा कर थोडा छोटा हो जाता है (देखे नीचे तस्वीर)

#इसी लक्ज़र मंदिर का दूसरा महालिंगम जो 75 फीट लम्बा है वह आज फ्रांस के पेरिस मे स्थापित है।

#तीसरी तसवीर प्राचीन मिस्र के फेरऔन के समय मे बने महालिंगम को रोमन सम्राट ने तुर्की के इसतांबूल मे 4th AD मे मिस्र से लाकर स्थापित किया था जो आज भी वहॉ मौजूद है।

#चौथी तस्वीर दुनिया का सब से बडा 554 फीट का महलिंगम अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी मे वाईट हाऊस और अमेरिकी संसद के पास 1884 मे बना। यह संगमरमर, गरानाईट तथा फ़िरोज़ा पत्थर से बना है।

#पाचवा सब से छोटा मिस्री लिंगम रूस के Monrepos Park मे 1827 मे निर्माण किया गया।

मिस्र के महालिंगम को अंग्रेजी मे Obelisk कहते हैं और फारसी मे मिनार भी कहते हैं।मिस्री महालिंगम के स्थापना की परम्परा दुनिया को मिस्र सभ्यता की दैन है।
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Some comments on the Post

Sushila Sushila इसमें शिव परिवार नही है?

  • Mohammed Seemab Zaman मिस्र में शिव की पत्नी सकमेत थी। आज सुबह एक पोस्ट किया है उस के विडिव को अन्त तक देखये।

Neeraj Singh सही कहा सर। लेकिन मिस्र हमारे यहां के मिश्रा जी का ननिहाल है, इसलिए वहां जो भी महालिंगम है वह यहां के मिश्राओं के नानाओं ने बनवाए थे। बस इसी हिसाब से हम एक बार फिर विश्वगुरु बन गए। भात माता की जय.

Simantini Ramesh Veluskar, Mohammed Seemab Zaman सर .. वैसे भी वेद में मंदिर जैसी किसी इमारत का कोई ज़िक्र नहीं है और शिव का भी नाम नहीं है .. शिव जैसे एक व्रात्य का वर्णन ज़रूर है अगर उसे शिव की संज्ञा दी जाए तो.

Mohamed Afroz Nemat मिस्रियों ने जो अपने देवता का लिंग यहाँ वहां खड़ा कर पूजा करना शुरू किया इससे उनके पाखंड का साफ़ पता चलता है |

पहली तो ये के वो एक नकली स्थापित लिंग की पूजा कर रहे थे जो उनके देवता की नहीं थी, कियुनके देवता कहीं और लिंग कहीं और ऐसा कैसे हो सकता हैऔर अगर असली थी तो उनका देवता बिना लिंग के रह गया |वो कौम मिट गयी बिना अपने आस्था की सच्चाई को साबित किये हुए |कैसे नासमझ लोग थे मिसरी जिन्हों जे अपने देवता तक की इज्ज़त न रखी और उसके प्राइवेट पार्ट को यहाँ वहां बिखेर दिया – शुक्र है वो पुराना वक़्त था टेक्नोलॉजी नहीं थी कहीं मिस्रियों के पास आज जैसा आधुनिक कैमरा होता तो फोटो खीच कर गली चौराहों पर अपने देवताओं के गुप्तांग की तस्वीरें चिपकवा देते | कोई ज्ञानी हो तो इस बात को मैं समझना चाहता हूँ के इस प्रक्रिया में क्या देवता की इज्ज़त नहीं जाती |

ज़रा सोचिये हम इंसान अपने किसी सगे सम्बन्धी के लिंगो को इस तरह आम नहीं कर सकते देवता तो फिर देवता है |क्या सोच थी उनकी कैसे लोग थे ?

Luxor Temple in Egypt
Place de la Concorde square, Paris, France.
Istanbul, Turkey.
White House in Washington DC.
Park in Russia.