Post of 5th March 2024

मालदीप जिस की आबादी 5 लाख है, जिस का भारत से बेटी-रोटी और ऐतिहासिक रूप से अच्छे संबंध रहे हैं, जो पिछले साल के चुनावों में चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के “इंडिया आउट” मंच पर सत्ता में आने के बाद खराब हो गए।

मालदीप ऐतिहासिक लंबे समय से Indian Ocean में भारत के प्रभाव क्षेत्र के हिस्से के रूप में रहा है क्योंकि East-West Shipping मार्गों के रास्ते में यह देश रणनीतिक रूप मे बहुत महत्वपूर्ण स्थिति में हमेशा रहा है जैसे अभी यमन का “बाब अल मंदब” है।

मगर आज चीन ने मालदीप से सैनिक समझौता कर हिन्द महासागर में वही अस्थिरता पैदा कर दिया जो अमेरिका Quad बना कर चीन के सागर में अस्थिरता पैदा करना चाहता था। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण तो अब Quad का अर्थी निकल गया मगर चीन ने भारत को एक नई चुनौती दे दिया।

मेरा कहना है कि मालदीप को इस बदले Geopolitics मे भारत का साथ नहीं छोड़ना चाहिये था। मालदीप ऐसे छोटे देश तथा प्रमुख समुद्री मार्ग को तटस्थ (Neutral) रहना चाहिये था, इसी में इस की भलाई थी और है।

#नोट: इस बदली दुनिया मे जहॉ रूस-यूक्रेन लडाई तथा इसराइल- प्रतिरोधी ताक़तों का संघर्ष के कारण दुनिया बदल गई है, वहॉ मालदीप ने चीन से आज सैनिक समझौता कर भारत के लिए तो अच्छा नहीं किया मगर अपने भविष्य के लिए भी बहुत ख़राब निर्णय किया।