Post of 25th May 2021
माली अफ्रिका का मूल्क है जो 1905 से 1960 तक फ्रांस की कौलोनी था। यहॉ की आबादी दो करोड के लगभग है और 95% मुस्लिम आबादी है। यह कौटन का सब से बडा और सोना का तीसरा बडा उत्पादक अफ्रिका मे है।
पिछले साल यहॉ अगस्त मे फ्रांस से सहानुभूति रखने वाले राषट्रपति इिब्राहिम किता को हटा कर फौज ने एक सरकार बनवाई थी जिस मे फौज के दो आदमी रक्षा मंत्री और सुरक्षा मंत्री थे और राषट्रपति और प्रघानमंत्री आम नेता थे। दो साल बाद 2022 अगस्त मे चुनाव होना है।
मगर राषट्रपति बाह डाव पेरिस से अफ्रिकन समीट से लौट कर दो दिन पहले रक्षा और सुरक्षा मंत्री को हटा दिया क्योकि यह दोनो रूस के साथ फौजी दोस्ती कर सैकडो साल से मौजूद फ्रांस की फौज को माली से हटाने की बात कह रहे थे।
कल रात मे उप राष्ट्रपति फौज के कर्नल असीमी ने राषट्रपति और प्रघानमंत्री को कंटौंमेन्ट मे बोला कर क़ैद कर लिया और खूद को आज सत्ता का राषट्पति डिकलेयर कर लिया।
कल से फ्रांस, यूरोप और अमेरिका पुराने सरकार को बहाल करने का मॉग कर रहे हैं।
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कल सुबह का मेरा पोस्ट याद होगा जिस मे हम ने लिखा था चीन, फ्रांस, तुर्की, रूस और अमेरिका मे होड़ लगी है अफ्रिका को दोस्त बनाने की।
अभी दो तीन साल अफ्रिका का मूल्क अस्थिर (unstable) रहे गा मगर चीन, रूस और तुर्की फ्रांस को अफ्रिका से निकाल दे गें।
तुर्की सब से बडा मेलेटरी बेस लिबिया मे बना रहा है और Red Sea का देश सूडान, जिबूटी, मिस्र, ईरिटेरिया, ईथोपिया वगैरह सऊदी अरब, यूऐई और कतर के क़रीबी रहे गें।