Post of 15 March 2021

चंडीगढ़ के मॉसोल देहात मे बहुत दिनो से भारतीय और फ्रांस के पुरातत्व विभाग के लोग आदमी के रहने और बसने की खोज कर रहे हैं।

उसी खोज मे भारतीय पुरातत्ववेत्ता मुकेश सिंह को एक नोकिला पत्थर मिला जो वह कहते हैं कि अफ्रिका से आया 25 लाख (2.5 million) साल पूराना चौपर (chopper) मिला है। जिस को हौलॉंड के पुरातत्ववेत्ता माने मे झिझक रहे हैं क्यकि यह सब 2016 से बहुत तेज़ी से खोज कर कुछ साबित करने की कोशिश है।

स्पेन के पुरातत्ववेत्ता Mark Sier said ” it would be extraordinary claims also need extraordinary evidence”.

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खैर हम को इस से कोई बहस नही है यह खोज सच है या गलत क्यकि सब से पूराना 28 लाख Homo lineage अफ्रिका के इथोपिया मे शायद पाया गया था, वल्लाहो आलम!

मगर मेरा कहना की चितपावनी अफ्रिका से आये हैं। हम को इस शोध से साबित करने मे बल मिलता है कि यह लोग वहॉ से जेब मे पत्थर ला कर हिमालय के पहाड़ मे फेंक दिया जो मुकेश सिंह को नज़र पड गया।

खैर निचे उस पत्थर (tool) की तस्वीर देखये। दूसरी तस्वीर देवी आईसिस (Goddess Isis) के गले मे लगे सर्प देवता नॉग की देखये। तीसरा सोने मे नॉग देवता की मूर्ती है जिस मे सर लाजवरत पत्थर से बना है और आँख काले गरानाईट पत्थर से बना है, यह पिरामिड मे मिला है।

चौथी तस्वीर गणेश जी की सवारी चूहा जो इजिप्ट के सभ्यता मे पूजा जाता उस की अँगूठी है जो पिरामिड मे मिला है।

This stone article is published in New scientist magazine, London. Issue 13th March 2021
Goddess Isis. She’s the wife and sister of God Osiris.
Golden Uraeus: The roaring cobra was a symbol of royalty, worn at the forehead. The Golden Uraeus is of solid gold, 6.7 cm (2.6 in), black eyes of granite, a snake head of deep ultramarine Lapis Lazuli.
Gold ring, embellished with a tiny mouse, corresponds to Tutmosis III. He was the sixth pharaoh and one of the most important monarchs 1479-1425 BC.