4th July 2021 Post

“ब्राह्मी नजर जरा मोशकील से पैदा होती है
हवस छुप छुप के सिनों मे बना लेती हैं तस्वीरें” (इक़बाल)

अरब दुनिया मे यह बहुत मशहूर कहावत है कि “आदमी वक्त से डरता है, मगर वक्त पिरामिड से डरता है”

अरब और मिस्री कहते हैं पिरामिड खूलने से दुनिया की बहुत सारी प्राचीन कहे जाने वाले सभ्यता और उन के भगवान और देवी-देवताओं का राज़ फ़ाश होने लगे गा क्योकि सभी मिस्री फेरौनिक और मेसोपोटामिया सभ्यता की उपज हैं।

दो हजार साल बाद पहली बार वैटिकन के कोई पोप पैग़म्बर इब्राहिम अलैहिसल्लाम के मेसोपोटामिया (Ur) आये और “ब्राह्मी नज़म” (Brahimi Rhyme) पढा, लोग झूम गये। इस साल हजारो लोग दुनिया से “Brahimi pilgrimage” के लिये Ur (उर) आ रहे हैं। इकबाल ने इन्ही ब्राह्मी इस्तलाह से सौ साल पहले मिसर-य-सानी कहा था कि देखये कैसे “इब्राहीमी नजर” जो इब्राहीम के ईमान का ख़ासा था वह दिल मे कोई और तस्वीर बना लेती है।

#पहली तसवीर मिस्र मे मर्द और औरत सर पर बर्तन (Jar) मे माखन और ख़ुशबू लेकर मंदिर मे चढ़ावा ले कर जा रहे हैं। यह तसवीर 3,500 साल पुरानी पिरामिड के दिवार की है (1479 BC).

#दूसरी तस्वीर 2450 BC यानी 4,500 पहले मिस्र मे सक़्क़ारा शहर (Saqqara Necropolis) मे दुग्ध से बने पदार्थ माखन या चीज़ की है जो आज क़ाहेरा के मयूज़ियम मे रखा है।

#तीसरी तस्वीर है सक़्क़ारा शहर (2345-2333 BC) मे यदुवंशी समाज के मिस्री किसान पशुपालन व्यवसाय करते दुध दुहते हुऐ देखे जा सकते हैं।

#चौथी तस्वीर मंदिर मे बने तस्वीर की है जहॉ लोग बांसूरी बजा रहे हैं।

#पाचवॉ चित्र भारत के माखन मिश्री-माखनचोर के पसंदीदा भोग का है।

Butter/Cheese