Post of 21 August 2022

बिहार के नीतीश कुमार की leadership qualities unprecedented (अद्वितीय) है।नीतीश कुमार पर IIM/IIT के Management/Social Sciences के छात्रो को शोध करना चाहिये।

नीतीश कुमार ने 10 अगस्त को आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री का शपत लिया है और पहली बार 2000 मे लिया था। इन को अब बिहार के श्रीबाबू के कार्यकाल से भी ज्यादा दिन बिहार के मुख्यमंत्री रहने का सम्मान मिला है।

नीतीश कुमार की राजनीति भारत के उस काल की है जब पूरे भारत मे दक्षिणपंथी राजनीति का दौर दौरा रहा मगर नीतीश कुमार उस के साथ रह कर भी अपनी “एकल निष्पक्ष” सोंच से समझौता नही किया और न अपने ज़हन को “भुजंग” होने दिया।जबकि कांग्रेसी, मायावती, मोलायम यादव वगैरह सब ने रंग बदल दिया और अपनी नेतागीरी को एक मज़ाक़ बना दिया।

#हम एक गुज़ारिश करें गे शोध करने वालो लड़कों को जो “Leadership” पर MPhil, PhD करना चाहते हैं कि नीतीश कुमार पर research कर leadership quality की खोज करें।जिन लड़कों ने मैनेजमेनट मे लिडरशीप पढा होगा या वह शिक्षक जिन्होने लड़कों को पढाया या शोध कराया होगा वह मेरे इस पोस्ट को पढ कर गौर करें। #या,

#नीतीश कुमार हम को ऐजाज़त दे कि हम इन लड़कों मे से किसी एक के साथ तीन दिन “सुबह से लेकर रात सोने तक” उन के साथ रहें और इन को गौर कर के इन को पढे और इन पर एक शोध करवा दें।यकीन मानये यह शोध भारत के भविष्य के लिए एक अनोखा शोध होगा।(इस तरह का शोध हम यूरोप के विश्वविद्यालय मे देख चूके हैं जहॉ किसी कम्पनी के कामयाब CEO के साथ सुबह से रात तक साथ रह कर किया गया है)

आखिर मे एक दोहा का एक लाईन नीतीश कुमार के नज़र, “चंदन विष व्याप्त नाही, लपटेत रहत भुजंग……”

#नोट: मेरे पास छात्रो को पीएचडी गाईड कराने के लिए qualification & experience पर्याप्त है।