Post of 7th August 2023
पाकिस्तान में अभी एक मशहूर मौलाना हैं तारीक़ जमील जो दुनिया के 500 प्रभावशाली मुस्लिम मे शुमार किये जाते है।यह “तबलीग़ी जमात” में काफ़ी मशगूल रहते हैं और अक्सर विदेश मे तबलीग़ मे रहते हैं।एक बार हम विदेश मे इन से मिले हैं।
इन का कहना है कि वह पृथ्वीराज चौहान के वंशज हैं जिन को मोहम्मद ग़ौरी ने 1192 में हरा कर कत्ल कर दिया था।
जमील साहेब कहते हैं कि पृथ्वीराज चौहान का एक बेटा था जिस का नाम राम देव चौहान था वह मुसलमान हो गया और उसी के वंश से तारीक़ जमील हैं।यानि के पृथ्वीराज का वंश आज हज़ार साल बाद भी मौजूद है।
पटना के शेर शाह सूरी ने अपने दौर हुकूमत मे राम देव चौहान के परिवार को बहुत ज़मीन जायदाद दान दिया।
Md Umar Ashraf (محمد عمر أشرف) साहेब लिखते हैं कि पटना वाले कर्नल महबूब की धर्मपत्नी भी राम देव की वंशज से थी।
#नोट: हम भारतीय बहुत भाग्यशाली हैं कि हमारे पूर्वजों का वंश आज भी हज़ारों साल बाद भारत और पाकिस्तान में मौजूद हैं और पृथ्वीराज चौहान के वंश का नाम रौशन कर रहे है।जय अल हिन्द।
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Some comments on the Post
Salim Khan अभी भी मुकमल तौर पर दाखिल नहीं हुए लगते हैं और ये तो सुरक्षित हैं ,फिर किसे साधना (खुश करना)चाहते हैं
- Arif Kamal, Salim Khan बेहद शानदार कॉमेंट।अभी तक दाखिल नही हुए।
एम एम हयात जिनके गोत्र ज्ञात न हों उन्हें कश्यपगोत्रीय माना जाता है. ऐसा इसलिए होता क्योंकि कश्यप ऋषि के एकाधिक विवाह हुए थे और उनके अनेक पुत्र थे. अनेक पुत्र होने के कारण ही जिन्हें अपने गोत्र का पता नहीं है, कश्यप ऋषि के ऋषिकुल से संबंधित मान लिया जाता है. जिसे भी घर वापसी करनी हो वह कर सकता है क्योंकि अब यहीं रह गया ढूंढ ढूंढ कर बताओ कि आप पहले हिंदू थे.
Arham Zuberi मैं कांबोज हूं।
Joginder Ranga सर ये तो जाहिर सी बात है कि भारत का कभी बंटवारा हुआ नहीं। पंजाब और बांग्लादेश अलग हुए हैं। बाकी सब तो मिले-जुले हैं।
- Joginder Ranga इस मामले पर मैंने एक पोस्ट करी भी थी।
- Mohammed Qasim हमारे ननिहाल और ददिहाल में आज से 20 बरस पहले तक एक खास हिन्दू क़ौम के लोग हमारे गांव में आया करते थे जिन्हें हम जागा कहते थे।वे लोग सिर्फ खानदानों के लेख जोखा रखने का काम किया करते थे अपनी लैंग्वेज में ।उनके पास हमारे खानदान कब से मुस्लिम हुआ व्व सारी जानकारी साथ ही परदादों के नाम उनके भाइयों के नाम बहुत कुछ होता था कौन कब कहाँ से कहाँ जा के बसा ये सब रहता था। साल में एक बार उन्हें इनाम और बहुत सी चीजें दे कर विदा करते तब लेकिन अब आना बंद हो गया है
- Nooruedeen ShaikhMohammed Qasim हम उन्हे भाट या चारन कहते हे जो नसबनामे पढा करते थे और उनके पास पुराने सबूत भी रहते इनके.
- Mohammed Qasim, Zuber Mansuri हमारे पास बना हुआ है एक ग्राफ काफी पिछली पीढ़ियों तक.
- Mohammad Saleem, Zuber Mansuri राजस्थान में उन्हें भाट कहते ह,हम कायमखानी राजपूतो से ही कन्वर्ट हुए है।हमारे भी भाट है जो साल में एक बार आते है उनके पास सब डिटेल होती है।एक किस्सा मशहूर ह उनके बारे में की पहले कायमखानी और राजपूतो में रिश्ते आम बात थी, लेकिन कायमखानी बेटी नही देते थे,गंगा सिंह जिन्होंने गंगानगर बसाया के वक़्त उन्होंने एक बार कायमखनियो से कहा कि अब आप की संख्या काफी ह तो अब आप भी अपनी बेतिया हमे दे,लेकिन कायमखानी सरदारों ने मना कर दिया, तो गंगासिंह ने आदेश दिया कि भाट कि बही में कंही भी ये ज़िक्र हैं कि राजपूतो ने अपनी बेटियों को कायमखनियो को दिया है वो बही जलादि जाए,तो भाट लोगो ने कहा ये भाट कि बही है इसमें जो एक बार लिख दिया वो मिटता नही है।
- Zuber Mansuri, Mohammed Qasim सहाब उनको ढूंढ़ो और कोशिश करें कि data को digital करें .
- Nooruedeen Shaikh, Zuber Mansuri अभीभी वो जोधपुर जयपुर के आसपास के ईलाको मे रहते है जो बहुत जईफ है और उनकी औलाद ने इस पेशे को नही अपनाया और पुरानी कीताबोको दीमकों ने खत्म कर दिया है ऐसा जो है वो बताते है.
سیف راجپوت हम पृथ्वीराज चौहान के भतीजे बरियार शाह के वंशज हैं
- Mohammed Seemab Zaman यानि भतीजा भी इस्लाम कबूल कर लिया था।
Md Umar Ashraf कुछ देर पहले मेरे साथ एहतेशाम ख़ान थे बनारस वाले। ख़ुद को श्रीराम की औलाद यानी रघुवंशी राजपूत बोल रहे थे।
- سیف راجپوت, Md Umar Ashraf पूर्वी उत्तर प्रदेश में बजगोती खानजादा खुद को श्रीराम का ही वंशज बताते हैं. पृथ्वीराज चौहान को भी श्रीराम के वंश से ही जोड़ा जाता है.
- Banda Islamuddin, Md Umar Ashraf bhai pata nahi hoga koi kisi ki nasal se hum to adam ki nasal se he.
Nayab Farhat Afaque अब इन राजपूतों से पूछे कोई की किस पृथ्वीराज चौहान के वंशज का रोना रोता है सब.
- Mohammed Seemab Zaman कल आप का पोस्ट देखा तो हम भी यही सोंच रहे हैं कि इन राजपूतों से लोग पूछे किस पृथ्वीराज का रोना रो रहे हो। मुग़लों की हकुमत जब 1857 मे खत्म हुई तो उस के बाद भी राजिस्थान और हरियाणा के लाखो लाख राजपूत मुस्लिम हुऐ।
- Dr Wahid Khan, Mohammed Seemab Zaman ji sir me haryana se hu or pehle rajput the Hamare yaha haryana mewat me zyadatar Rajput Muslim hn… 1100-1200 ke something converted.
- Mehmood Hussain, Mohammed Seemab Zaman मेरे खुद के पास हमारे खानदान का खानदानी नामा पत्र मौजूद है जो की आठ पीढ़ी यानी लगभग 180 साल पहले धर्मपरिवर्तन हुआ तब तो विशुद्ध रूप से अंग्रेजी हुकूमत थी…..ये मस अला समझ नही आया आजतक मुझे की आखिर मेरे पूर्वजों ने किस के हाथ पर और क्यों बेत की। जबकि बताया जाता है किसी बुजुर्ग फकीर की वजह से दाखिला हुआ न की किसी लालच से डर से।
- Mohammed Seemab Zaman, Mehmood Hussain साहेब, ज्यादा तर लोग अपने धर्म से आजिज़ हो कर बुज़ुर्ग फकीर से मील कर मुस्लिम हुऐ, न की ज़ोर जबरद्सती से।यही मेरा कहना है कि मुग़ल के हकूमत ख़त्म होने के बाद 1857 के बाद भी सैकडो गॉव और लाखो लोग इस्लाम मे दाख़िल हुऐ। राम देव चौहान कोई एक मिसाल नही है।
- Mudassar Jogilkar, Mohammed Seemab Zaman नबी मुहम्मद अलैहिसलाम के वक्त से केरल के राजा चेरामल के इस्लाम स्विकार करने के साथ तामिळनाडू,गुजरात के समुद्री तटिय इलाको मे इस्लाम स्थापित होता गया.दस्वी सदि गझनवी एम्पायर के बाद आऊलीया इकराम के जरिये यह सिलसिला चलता रहा है lख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती र.अ.हजरत बखतियार काकी र.अ. [पैदाईश ई. स.११७३यह आज के कीरगीस्तान के शहर से हिजरत कर आये हैं]निजामुद्दीन औलिया, बाबा फरीद गंज शक्कर र.अ.महाराष्ट्र के कोकण के तटिय इलको मे ७०० साल पुरानी कब्रे मौजुद है lयहा की समाज व्यवस्था चार वर्ण मे थी जैसे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य,शूद्र जिसमे असमानता थी l इस्लाम अपनी समानता, बंधुता और एकता जैसी लिबरल सोच की वजह से यहा प्रस्थापित हुआ न के तलवार के बल पर l
- Reyaz Ahmad Khan, Mohammed Seemab Zaman sb. हकीकत यही है इतना कर्मकाण्ड और पाखंड फैला था, कि वाकई लोग आजिज़ थे…ठीक वैसा ही सूरते हाल वर्तमान में कुछ कथित इस्लाम वादियों द्वारा दीन के नाम पर किया जा रहा है जिसमें ये वाले तारीक और इनके जैसे बहुतेरे लोग शामिल हैं।
Mozaffar Haque तक़रीबन एक साल पहले मैं ने ललनटॉप पर एक प्रोग्राम देख था जो की सीरीज़ होती है उनकी, इतिहास से संबंधित। उसमें वह प्रताप गढ़ के एक मुस्लिम परिवार से मिलवा रहे थे और उस परिवार के मुखिया का कहना था कि वह राणा प्रताप के वंशज हैं, शायद क्लेम यह था कि उनके बेटे ने इस्लाम क़ुबूल किया था… मैं ने वह वीडियो FB पर सेव भी की थी, लेकिन बाद में मुझे वह वीडियो नहीं मिली, सेव्ड वीडियोज़ में कई डिलेटेड थीं … जब कोई वीडियो सोर्स से डिलीट हो जाती है तो सेव्ड से भी डिलीट हो जाती है … मैं ने ललनटॉप के आर्काइव में भी सर्च किया मगर वह वीडियो नहीं मिला .
- Mohammed Seemab Zaman इस मे ताजुब्ब की कौन बात है। सब से ज्यादा राजपूत कन्वर्ट हुऐ और फिर कायस्त वगैरह। 1857 के बाद भी राजा लोग कन्वर्ट हुऐ तो उन की पूरा समाज कन्वर्ट हो गया। एक्का दुक्का खानदान तो बहुत इस्लाम कबूल किया। मौलाना शिबली नूमानी के वालिद, जिन्नाह के वालिद (राजपूत) वगैरह।
- Nayab Farhat Afaque, Mohammed Seemab Zaman सर जिन्ना गाँधी जी के रिश्तेदार थे.
- Nayab Farhat Afaque, Mohammed Seemab Zaman जिन्ना के पूर्वज गुजरात में राजकोट जिले के पानेली मोटी गांव के रहने वाले थे।जिन्ना के पिता का नाम जेनाभाई ठक्कर और दादा का नाम पूंजाभाई ठक्कर था। पिता एक समृद्ध व्यापारी थे। जिन्ना की माता का नाम मीठीबाई था।
- Mohammed Seemab Zaman, Nayab Farhat Afaque साहेबा, जिन्नाह गॉधी के रिश्तेदार नही थे। जिन्नाह के वालिद राजपूत थे और गॉधी बनिया थे। जब उन्होने ने इस्लाम क़बूल किया तो जिन्नाह और उनके भाई सब पैदा हो चूके थे। इन का पूरा धर इस्लाम मे दाख़िल हो गया।मेरा कई साल पहले एक पोस्ट है इस पर।
- Salim Khan एक चौधरी साहब (मुस्लिम )एक बार बता रहे थे एक समय UP में कई गाँव के गाँव एक साथ इस्लाम मे दाखिल हो गए थे जिनमें त्यागी, राजपूत और गूजरों के गाँवों के विषय में बता रहे थे। काफी जानकार और जईफ़ थे, किसी रिश्ते के सिलसिले में मुलाकात हुई थी।
Jamshed Jamshed तक़रीबन डेढ़ दो महीने पहले तारिक़ जमील की ये वीडियो मुझे मेरे एक दोस्त ने दिखाई थी.
- Mohammed Seemab Zaman, Jamshed Jamshed साहेब, यह पोस्ट पृथ्वीराज चौहान के वंशज पर है न की तारीक जमील के शख़्सियत पर। हम ने हेडलाईन मे ही लिखा है कि “Ghar Wapsi?”हमारे मोहन जी “घर वापसी” की बात करते हैं मगर पूरी दुनिया मे दूसरे मजहब को छोड कर लोग 1400 साल मे इस्लाम मे दाख़िल हुऐ मगर कहॉ कोई “घर वापसी” का नारा लगा रहा है।
- Jamshed Jamshed, Mohammed Seemab Zaman भाईजान…ये हक़ीक़त है…मोहन जी एंड कम्पनी एडवरटाइजिंग में ज़्यादा बिलीव रखती है…ये लोग साइकोलॉजी के सबसे निचले पायदान पर हैं. ख़ैर इनके कहने से हक़ीक़त नहीं बदलेगी. निचले पायदान की सौ साला सोच ने तो तबाह कर ही दिया है. मैंने कमेन्ट एडिट कर दिया है. शुक्रिया आपका.
- Mudassar Jogilkar, Mohammed Seemab Zaman डॉक्टर साहब बर्रे सगीर के जज्बाती मुसलमानो का एक बडा तबका अब तक कोई मौजू के दो रूख समझने और समझाने मॅचुअर नाही हुवा है l राई का पहाड बना देते है.
Misbah Siddiki अगर अल्लामा इक़बाल इस वक्त आपकी पोस्ट के सारे कमेंट्स पढ़ते तो, शायद अपना लिखा ही दोहराते
“यूँ तो सय्यद भी हो मिर्ज़ा भी हो अफ़्ग़ान भी हो,
तुम सभी कुछ हो बताओ तो मुसलमान भी हो।”
सभी अज़ीज़गिरामी दोस्तों से माज़रत, मेरे कमेंट को दिल पे ना लें, बस कमेंट्स पढ़ने के बाद अल्लामा याद आ गए।बेशक हमें हमारी खानदानी निस्बत वा सिलसिला जानने का पूरा हक़ है और ये बहुत फितरी बात भी है, और हमें हमारे अजदाद का पता भी होना चाहिए।लेकिन ऐसा लग रहा है जैसे आज के कमेंट्स पोस्ट के मुद्दे से भटक गए हैं।
- Mohammed Seemab Zaman, Misbah Siddiki साहेब, सब से शांदार कौमेंट आप का इस पोस्ट पर है। इकबाल इस पोस्ट पर पढ कर सही कहा अपना शेर दोहराते:”यूँ तो सय्यद भी हो मिर्ज़ा भी हो अफ़्ग़ान भी हो,तुम सभी कुछ हो बताओ तो मुसलमान भी हो।”हम ने कल से बहुत सारा कौमेंट डीलिट किया है।पोस्ट कुछ और था और लोग आदम से शुरू हो कर कुरआन, हदीस पर आ गये। अपने खांदान और नस्ब को जान्ना सब को चाहिये। हाल ही मे हम ने एक पोस्ट किया था कि खांदान हाशमी था, पले-बढे क़ुरैश के साथ, नानीहाल बनु ज़ोहरा था. यह सब पढ कर भी लोग भूल गया और उस पोस्ट से ज्यादा यह पोस्ट शेयर हो गया।
- Alam Mozammil, Mohammed Seemab Zaman Sir log ye kyun bhool jate hai ki hum Adam ki aulad hai yahin akar sari batein Khatam ho jati hai.
Shagufta Chauhan हर ज़ात का इंसान जगह और हालात के हिसाब से अपने जीन बदलता है। इंसान की मौजूदा ज़ात मालूम करनी है तो उसका Sir name नहीं उसका किरदार देखो।
Mohammed Seemab Zaman, Hasan Rajput साहेब, please पोस्ट पर तबलीग़ नही किजये, करना है तो तारीक जमील के तरह रोड पर निकल कर तबलीग़ किजये।आप का दो ID है क्या?
- Hasan Rajput, Mohammed Seemab Zaman सर हम तो रोड पर निकल के तबलीग भी करते हैं और ज़ुल्म के खिलाफ़ आवाज़ भी उठाते हैं, ख़ाली सोशल मीडिया पर ही नहीं रहते हैं!!लेकिन कोई अगर हादिसो का ही साफ मुनकीर हो कभी नमाज़ को , गड़ी हुई बात कहे कभी हूरों वाली हदीस को अश्लील कहे, तो हम उसे नज़र अंदाज़ नहीं करेंगे, साहेब।।यह raffzi से भी बत्तरीन लोग मुनाफिक हैं।
Kamal Siddiqui शुक्र है अभी शेख,सिद्दीकी लोगों ने किसी का वंशज नहीं बताया है।
- Saheel Shaikh, Kamal Siddiqui साहब, शेख, सिद्दीकी अरबी मूल के हैं जिनके कबीले ईराक़, मिस्र, यमन, शाम, ईरान अफ़ग़ानिस्तान और हिंदुस्तान की तरफ़ निकले थे कोई व्यापार के लिए कोई मंगोलो और हमलों से बचने के लिए बिल्कुल तुर्कों की तरह माइग्रेट हुए।
Zuber Mansuri में मन्सूरी समाज से हूँ। 910ई में हमारे 3 पूर्वज (हटे सिंह, मोती सिंह, रतन सिंह) थे। जो मुसलमान हुये। हम राजस्थान के चंदेरी के रहने वाले है। राजस्थान से हम काफिले कि सूरत में 750 बैलगाड़ी से निकले MP में मन्दसौर होते हुए, फ़तेहाबाद, चन्द्रावती गंज आये। मेरे पड़ दादा देवास जिले के राजोदा गाँव में आ गए। मेरे पिताजी देवास। चंदेरी गाँव के होने के कारण हम चेन्द्रवाल भी कहलाते है। मंसूरी लगाने के पीछे अलग कहानी है।
- Mohammed Salim Khan ChouhanZuber Mansuri मंसूरी तो लुहार होवे है सायेद.
Shalini Rai Rajput मोहन भागवत यही कहते हैं , सारे भारतीय मुस्लिम हिन्दू ही हैं.
- Mohammed Seemab Zaman मोहन भागवत कौन सी नई बात कहते हैं कि सभी भारतीय मुस्लिम हिन्दु ही थे। इस का मतलब यह नही है अब 1400 साल के बाद “घर वापसी” हो।1400 साल पहले कोई यहूदी था, क्रिसचन था, पारसी था, ला मज़हब था, मगर वहॉ के लोग कहॉ कह रहे हैं कि “घर वापसी” करो।
- Shalini Rai Rajput सहमत.
Suhaib Sherwani यह शोध का विषय है, केवल एक दो लोगों के कह देने से नहीं माना जा सकता।
- Mohammed Seemab Zaman शोध का विषय तो मिस्र से पलायन कर लोग जो भारत में आ कर बसे उन का होना चाहिये।जहॉ तक तारीक जमील के वंश का सवाल है तो इस पर भी ज़रूर शोध होना चाहिये।मगर मेरे कहना है कि यह सच होगा क्योंकि 1857 के बाद भी लोग इस्लाम क़बूल करते रहे। यह सिलसिला तो तक़रीबन 700 AD से भारत में चल रहा है। यह कोई नई बात तो है नहीं। राजिस्थान मे आज भी हो रहा है।
- Zuber Mansuri, Mohammed Seemab Zaman sahab मैने ऐक news paper में पड़ा था जो ऐक हिंदुत्व नेता के माध्यम से थी कि भारत मे हर साल 8 लाख लोग हिंदू धर्म से इस्लाम औऱ ईसाई धर्म मे आते है।
Chandra Shekhar जो लोग इस्लाम लाने से पहले तालीम याफ्ता और दौलत मंद थे वही लोग इस्लाम में आने के बाद भी तालीम याफता और दौलत मंद है
- Mohammed Seemab Zaman यह कोई ज़रूरी नहीं है। जिन्नाह के पिता तो बहुत पैसे वाले नहीं थे मगर जिन्नाह एक केस का 1500 रूपया लेते थे और बहुत अमीर आदमी बन गये। इक़बाल के पूर्वज भी बहुत पैसे वाले नहीं थे।
Aftab Yousufzai Alhamdulillah I’m pashtun.
- Usman Khan Raja, Aftab Yousufzai सर शजरा संभाल कर रखना , I am Yousufzai.
- Mohammed Seemab Zaman, Aftab Yousufzai साहेब, आप पशतून नही हैं, आप लोग तो इस्राईल से आये और अफगानिस्तान मे बस गये।हम तो यही जानते हैं कि Yousefzai तो बहुत मशहूर ट्राईब्स है।
Kashif Khan हम तो काकड़ है साहेब.
- Azaz SiddiquiKashif Khan sir ये काकड़ कौन होते है?
- Kashif Khan, Azaz Siddiqui काकड़ (पश्तो) एक पठान नस्ल है, जो अफ़गानिस्तान, ईरान के कुछ हिस्सों, पाकिस्तान के उत्तरी बलूचिस्तान में रहती है।
- Ravindra Singh Basera Dev, Azaz Siddiqui काकड़ या काकन पेशावर के आस पास के क्षत्रिय यानि राजपूत थे जो अफगानिस्तान के हिंदू शाही के सामंत थे। गजनवी की फौज में भी सरदार थे, बाद में उत्तर प्रदेश पूर्वांचल तक माईग्रेट हुए।
Salim Qidwai सही बात है भारत मे जो भी मुस्लिम बड़ी जात से हो या छोटी जात से सारे हिन्दुओ से ही कनवर्टेड है…और उसी के हिसाब से इनकी जात भी है।
Mohammad Ahmed Tasleem सर जी अपने बालो में इनमें कोई फर्क नहीं है यह कुछ भी कह सकते हैं.
Fareed Shaan हम लोग मुस्लिम जोगी हैं हमारे पुरखे जोगी जयपाल सिंह जोगी अजयपाल सिंह हैं जो ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह के दौर में उनसे मुतासिर होकर मुस्लिम हुए थे।
Mohammed Salim Khan Chouhan यही सिजरा हमारा है राजस्थान में.
Dheeraj Mitra सर माफ़ी चाहता हूं पर एक ख्याल आया…..जैसा आप ने लिखा धर्म परिवर्तन किया हिन्दू धर्म को मानने वाले एक इंसान ने ऐसा अचानक से तो नहीं किया होगा कोई चीज जरूर प्रभावित की ही होगी तभी ऐसा फैसला लिया होगा उस दौर में ऐसा कोई फैसला मुस्लिम समुदाय के किसी इंसान ने नही किया जो हिन्दू बन गया हो प्रभावित होकर…
Shambhu Kumar Le इक़बाल, सनम-ख़ाने में आबाद किया
Abdul Raheem हमारी तरफ भी मुसलमानों के क़रीब 50 गांव का cluster है, जिसके लोग ख़ुदको चौहान वंशज बताते हैं. “जय अल हिंद”
Mohammad Waris बेहतरीन पोस्ट.
सौबान रजा बहुत शानदार पोस्ट सर.
Turab Qureshi बेहतरीन सर.
Akram Khan बेहतरीन.
Izhar Ahmad Behtareen post sir.
Saheel Shaikh मेरे शहर में मेरे दोस्त हैं उनका पूरा नसबनामा हैं वो लोग भी पृथ्वीराज चौहान के वंशज है
ख़ुर्शीद खाँ रतनगढ़ #गोगाजी चौहान की 16वी पीढी में राव मोटेराव #चौहान ददरेवा के शासक हुये। जिनके पुत्र राव कुवँर कर्म सिंह को फ़िरोजशाह तुग़लक अपने साथ ले गये और उनको शिक्षा दीक्षा दी। बाद में राव कुवँर कर्म सिंह ने इस्लाम अपना लिया और नवाब कायम खाँ कहलाये, आज उनकी संतानो को #कायमखानी कहा जाता है ।
Javed Ansari बाकी सब तो आदम की नस्ल है शायद यह मौलाना पृथ्वीराज चौहान का नस्ल है.
- DrWahid Khan, Javed Ansari bhai prithvi raj bhi to Adam ki aulad hua naa ??
Parvez Alam Khan वेसे हम भी राजपूतों में पृथ्वीराज चौहान के वंशजों में से निकले हुये है जो कुतुबुद्दीन ऐबक के समकालीन थे कायम सिंह जी चौहान अब हम (कायमखानी) कहलाते है.
- ख़ुर्शीद खाँ रतनगढ़, Parvez Alam Khan, Mohammed Seemab Zaman #गोगाजी चौहान की 16वी पीढी में राव मोटेराव #चौहान ददरेवा के शासक हुये। जिनके पुत्र राव कुवँर कर्म सिंह को फ़िरोजशाह तुग़लक अपने साथ ले गये और उनको शिक्षा दीक्षा दी। बाद में राव कुवँर कर्म सिंह ने इस्लाम अपना लिया और नवाब कायम खाँ कहलाये, आज उनकी संतानो को #कायमखानी कहा जाता है ।
Dilawar Khan जितने भी लोग यहाँ उलजलूल गोत्र कमेंट कर रहे हैं। वो एक बात ध्यान से सुने दुनियाँ का हर इंसान बनी आदम है। यानि सभी लोगों का शिजरा आदम अलेहिस्लाम पे जाकर खत्म होता है। जिनके ईमान कमजोर होते हैं। वही लोग इस तरह की घटिया दलील देते हैं।
Mohammed Seemab Zaman इस पोस्ट पर हमारे एक उर्दु नाम वाले दोस्त ने कौमेंट किया है जो भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद के रिश्तेदार हैं। राजेन्द्र प्रसाद के च्चा ने इस्लाम कबूल कर लिया था और कौमेंट कर्ता उन्ही के परिवार से हैं।
कौमेंट कर्ता की बहन मेरे एक अच्छे दोस्त की धर्मपत्नी भी हैं।
- Mozaffar Haque, Mohammed Seemab Zaman भाई, लीलाधार प्रसाद साहब ने इस्लाम क़ुबूल किया था उनका मुस्लिम नाम मोहम्मद अब्दुर रहमान था …