Post of 12 September 2023

9/11 को 22 साल हो गया और जिस ने भी मुस्लिम दुनिया तुर्की से इंडोनेशिया तक की बर्बादी और कतले आम की यह साज़िश रची थी वह 23 जनवरी 2015 को शाह सलमान के सऊदी अरब के बादशाह बन्ने के बाद खुद और उन के दोस्त बर्बाद हो रहे हैं।

शाह सलमान के 2015 मे सऊदी अरब के बादशाह बन्ने के बाद दुनिया जिस तेज़ी से बदली है वह एक मोएज्ज़ा से कम नहीं है।

शाह सलमान के पहले अब्दुल्लाह सऊदी अरब के बादशाह 2005-2014 तक थे।अब्दुल्ला बादशाह बन्ने के बाद 2006 जनवरी मे चीन का दो दिन का दौर किया और चीन में सऊदी निवेश शुरू किया और अमेरिका तथा यूरोप में निवेश कम करने लगे।

2007 मे अमेरिका में मंदी शुरू हुई और 2008 मे बराक ओबामा राष्ट्रपति बने, बैंक डूबा और अमेरिका की बर्बादी नज़र आने लगी।अमेरिका ने नोट छापना शुरू किया, अर्थव्यवस्था ठीक हुई मगर फिर ओबामा ने अरब दुनिया की बर्बादी का चक्र “अरब स्प्रिंग” के नाम पर शुरू किया और आतंकी संगठन आईएसआईएस वजूद में लाये।

9/11 के बाद मार काट का सिलसिला अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, इराक़ में चलता है और ओबामा के अरब स्प्रिंग के बाद मार-काट पूरे अरब में शुरू हो गया और दुनिया मे इसलामोफोबिया उरूज पर आ गया, ओबामा ने 2014 मे भारत मे संघ की सरकार बनवा दी।

2015 में शाह सलमान सऊदी अरब के बादशाह बने तो वह 2015 अगस्त में रूस को सीरिया मे बोला लिया और ओपेक का सदस्य बना लिया। 2017 मे चीन, जापान, मलेशिया और इंडोनेशिया का दौरा किया और उसी दौरा मे चीन, मलेशिया और इंडोनेशिया मे $25 billion का निवेश कर दिया। चीन सऊदी अरब का सब से बड़ा तेल आयतक देश बन गया और दोनों देश तरक़्क़ी की ऊँचाई को छूने लगे।

2017 मे मोहम्मद बिन सलमान को क्राउन प्रिंस बनाया गया और वह सऊदी अरब मे एक बहुत बड़ा बदलाव ले आये।उन्होंने नया शहर, रोड, हाई स्पिड ट्रेन, स्टेडियम, रेगिस्तान मे गोल्फ कोर्स वग़ैरह बनाना शुरू किया। 2019 मे सऊदी अरब मे एकोनोमिक फ़ोरम शुरू किया, दुनिया के लोगों को बोलाया (नीचे 2019 का वीडियो सूनें).

भरी सभा में प्रिंस मोहम्मद ने कहा “मेरा मानना है कि मध्य पूर्व तरक़्क़ी कर नया यूरोप होगा।यह सऊदी युद्ध है।यह मेरा युद्ध है।मैं मरने से पहले मध्य पूर्व को दुनिया के शीर्ष पर देखना चाहता हूं”

#नोट:प्रिंस मोहम्मद के तीन दिन के भारत दौरा को भारतीय नेता, बुद्धिजीवी, पत्रकार इस को एक ऐतिहासिक दौरा समझें और इस का फ़ायदा चीन के तरह उठाये, वरना अब कोई दूसरा रास्ता विश्वगुरू बन्ने का नहीं है। जय अल हिन्द।
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Some comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman इस पोस्ट को हर भारतीय को पढ़ना चाहिये और सोंचे हम लोगों ने पिछले 30-40 साल में सौ साल की सोंच को परवान चढ़ा कर क्या खोया और क्या पाया।
हम हमेशा लिखा संघ से मुस्लिम को फायदा ज़्यादा है, नुक़सान कम है। जिस तरह से एशिया या मिडिल ईस्ट या अफ़्रीका बदल रहा है वह किसी ने नहीं सोंचा होगा। संघ ने मलेशिया से अमेरिका तक जो जाल फैलाया है, उस का नतीजा है कि चीन विस्तारवादी हो गया।

  • Jamshaid Alam, Mohammed Seemab ZamanSir sangh walon ko lagta heIsrael ko saport karo wo musalmaan ko mita degaIn logon ko lagta he tel khatam hone se arab bhoke ho JayaengeMuslimon ko ye mita dena chahte heinIslamophoia in ke dimagh mein Favicool se chipka diya gaya heAb kon is ko mitayega ye dekhna he
  • Vahab Khatik, Mohammed Seemab Zaman सर मैं तो कहता हूं कि सिर्फ फायदा ही फायदा है मुसलमान के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है.

Gafoor Hussain, Mohammed Seemab Zaman सर पूरे व्हाट्सएप ग्रुप में आपकी पोस्ट को फैला दिया हूं.

Saheel Shaikh

Mohammed Seemab Zaman साहब, मेरा मानना हैं कि मुसलमान अपनी तालीम, तरबियत, तिज़ारत पे ध्यान दें हुनरमंद बने राजनीति अभी संघियों को करने दें।

  • Mohammed Seemab Zaman, Saheel Shaikh साहेब, बहुत सही लिखा है। मेरे वालिद साहेब यही कहते थे, हजार साल यह तुम्हारे लीडरशीप और सयासत मे रहे, हम सौ साल तो इन के सयासत मे रह लें, फिर मेरा जमाना आये गा।मगर भारतीय मुस्लिम मे न अदब है, न अखलाक़, वह समझ ही नहीं पा रहा है।
  • Saheel Shaikh, Mohammed Seemab Zaman साहब, भारतीय मुस्लिम सियासत नही बल्कि नास्ते पानी, दरी बिछाने का ठेका लेना चाहता अपनी कौम के सौदे के एवज में और नाम उसका वो सियासत देना चाहता है यहां का मुसलमान अगर सियासत छोड़कर गैर सियासी अधिकारों को लेकर अपना काम खामोशी से करें तो जो मुसलमानों पे सियासी ग़ैर सियासी हमले बंद हो जाएंगे उनके पास सभी मुद्दे ख़त्म हो जाएंगे कई सियासी पार्टियों की दुकानें बंद हो जाएंगी क्योंकि उन्हें मालूम हैं कि मुसलमान भारतीय राजनीति में वीटो पावर हैं बस मुसलमान अगले 30 साल अपना वीटो पावर बचा ले कामयाब हो जाएगा।

Kamil Khan हमको ये यक़ीन नहीं है के भारत सरकार अरब के हिसाब से खुद को ढाल पायेगी, बदलाव करने वालों के तेवर ही अलग होते हैं, दो साल मे अफगान लोगो ने जो तरक़्क़ी की वो आज दिख रही है, यहाँ 8 साल से बुलेट ट्रेन का सपना ही दिखाया जा रहा है, पर सामने कुछ नज़र नहीं आ रहा है.

कुलदीप सिंह सर मुझको यकीन नहीं है , कि संघ की सरकार अरब के हिसाब से घरेलू राजनीति को चेंज करेगी क्योंकि करने वाले के तेवर अलग ही बया कर देते हैं।।।

  • Mohammed Seemab Zaman सही कहा करने वाले के तेवर अलग होते हैं। संघ की सरकार देश को विश्वगुरू बनाना ही नही चाहती है, सिर्फ इस को नारा तक रखना चाहती है। आज इसी पर एक पोस्ट करें गें।

Javed Hasan सर इसी लिए एमबीएस की शान में नेताओ से लेकर मीडिया तक कसीदे पढ़े जा रहे है एमबीएस के दौरे का फायदा उठाने के लिए विदेश से घरेलू राजनीति में परिवर्तन करना होगा। ये शाह सलमान का ही इकबाल है आज तुर्की से लेकर ईरान तक को एक साथ ले आए। 2019 की इस वीडियो में देखा जा सकता है अरबों ने कैसे जज्बात में आकर क्राउन प्रिंस की बातों का तालियों की गूंज के साथ खड़े होकर इस्तकबाल किया.

सौबान रजा सर 9/11 वाले प्रीपलांड हादसे के बाद जो स्थिति पैदा हो गई थी उसके बाद के जनरल परवेज मुशर्रफ मरहूम साहब के रणनीत से मैं सहमत हूं वरना कुछ देश इसी फिराक में थे कि किसी भी प्रकार से पाकिस्तान को दोषी ठहरा करके इन्हीं के ऊपर चौतरफा हमला किया जाए।

चौधरी ज़ैद इस पोस्ट में बहुत चीजों का सवाल मेरे मन में था आज पता चल गया है सर. एक जैसे आईएसआईएस को। किसने बनाया

  • Mohammed Seemab Zaman आईएसआईएस क्लिंटन ने बनाया था मगर जब Yugoslavia टूट गया तो वह बंद कर दिया गया, जिस को ओबामा ने फिर ज़िंदा किया।