Post of 30th August 2021

आज देश की आजादी की 75 वी सालगिरह के जश्न के तसवीर मे पंडित नेहरू नही हैं क्योकि 75 साल मे बूद्धिजिवी और हर पार्टी के नेता मोगल और अंग्रेज के बनाये शहर, रेलवे सटेशन, सड़क और महल का नाम पता बदल कर अतीत के इतिहास को बदल कर या भूला कर वर्तमान का #झूठा इतिहास रचने की आदत लगी है।

वह कौमिन्स्ट हो या कांग्रेसी सेकूलर सब छिप छिपा कर तर्क दे कर अंग्रेजों के बनाये बम्बई, मद्रास और कलकत्ता का नाम बदल कर मुम्बई, चिन्नई और कोलकत्ता कर दिया। उसी मानसिक दिवालियापन वाले परम्परा को आज गति दी जा रही है और आज वही काम जल्दी जल्दी संघीतकार हिन्दुत्वा के नाम पर कर रहे हैं और साथ साथ विश्व गुरू का नारा भी दे रहे हैं।

हम लोग खुश होते हैं, भारतीय डायसपोरा (प्रवासी) विदेश मे बहुत हैं, वह इंग्लैंड और अमेरिका मे देश के लिये लौबिईंग करते हैं। कौन करता है कमला हैरिस जो यहूदी से शादी किये बैठी है।इंग्लैड की प्रीति पटेल जो क्रिस्चन से शादी कर के गृह मंत्री बनी हैं।

कुऑ के मेढक को पता नही है कि वर्तमान में चाहने से अतीत के इतिहास को बदला नहीं जा सकता है।दुनिया मानसिक दिवालिया चरित्र को समझती है और सब याद रखती है।यही वजह है क्रिस्चन यूरोप और अमेरिका ने मिडिल ईस्ट और चीन या रूस को आर्थीक और सैन्य शक्ति बन्ने मे मद्द किया मगर हमारे भारत का गौरवशाली इतिहास रहते हुऐ भी शक्तिशाली देश नही बनाया।

एक उदाहरण देते हैं सभी लोग गौर से सोचये गा। जब यूरोप ने ASEAN बनवाया तो भारत को उस मे शामिल नही किया। जब अमेरिका ने APEC बनाया तो भारत को उस मे नही रखा। क्या हम एशिया के देश नही थे?

मोगलसराये का नाम बदला गया तो रेलवे पर ऐसी मनहूसीयत छाई के तीन लाख को नौकरी देने वाला रेलवे एक लाख को नौकरी देने के हालत मे नही है।चीन अरूनाचल तक हाई स्पीड ट्रेन चला दिया मगर बम्बई के छात्रपति शिवा जी टेरमिनस जो इंगलैड की रानी विक्टोरिया ने बनवाया था वहॉ आज तक हाई स्पीड ट्रेन नही है।

मानसीक दिवालिया जो भारत माता की जय का नारा देता है कि आजादी के 75 साल के जश्न की तसवीर देखये कोई दक्षिण भारत के नेता की तसवीर नही है। आदीबासी के भगवान बिरसा मुंडा की तसवीर नही है।ख़ुशक़िस्मती या बदक़िस्मती कहिये इस मे राजेन्द्र प्रसाद की तसवीर है क्योकि वह पंडित नेहरू के मना करने के बावजूद सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन समारोह मे भाग लिया था।

Kamal Siddiqui

“शानदार एनालिसिस सरASEAN और APEC का सदस्य इसलिए नहीं बनाया हम विश्व गुरु हैं और हमारा डंका बज रहा है”

Kamal Siddiqui साहेब, ASEAN, APEC की यह सब बात हम पढे हुऐ हैं और याद रहता है मगर लिखते नही हैं। आज झिल्ला कर लिख दिया है, फिर भी बहुत सी बात छुपा गये हैं।UAE और सऊदी से मनमोहन सिंह और मोदी के समय का Investment का $50 billion पैसा भी भारत मे आज तक नही आया और न अब दस साल आये गा।