Post of 5th October 2023
बेंगलुरु इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी मे अभी Purple Line और Green Line मेट्रो ट्रेन चल रहा है। Yellow Line तथा दूसरे लाईन के लिए निर्माण कार्य चल रहा है।
बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री यदूरप्पा ने चीन का तुष्टिकरण करते हुए दिसंबर 2019 को येलो लाइन (RV Road-Bommasandra) के लिए चीन की कम्पनी China Railway Rolling Stock Corporation (CRRC) को 216 कोचों की आपूर्ति का ठेका दिया, जिसकी डिलीवरी 173 सप्ताह के भीतर बेंगलुरू मेट्रो को होना था और भारतीय उत्पादन को पूरा करने के लिए कोलकाता स्थित टीटागढ़ रेल को ठेका दिया गया।
बेंगलुरु मेट्रो की येलो लाइन पर सिविल कार्य पूरा होने वाला है और चाइना रेलवे रोलिंग स्टॉक कॉरपोरेशन (CRRC) की पहली दो मेट्रो ट्रेनें 18 अक्टूबर को चीन से रवाना होंगी और एक महीने के भीतर बेंगलुरु पहुंचने की उम्मीद है।इसके अलावा, CRRC द्वारा निर्मित मेट्रो ट्रेनों के लिए दो कार बॉडी वर्तमान में चीन से कोलकाता के उत्तरपारा में टीटागढ़ अगले दो सप्ताह में आ जाएंगी।
टीटागढ उत्पादन में प्रोटोटाइप को अंतिम रूप देने के लिए भारतीय और चीनी इंजीनियर को एक साथ बैठकर इसे तैयार करना था मगर चीनी इंजीनियर को विज़ा मिलने में देरी के कारण यह लाइन देरी से शुरू होगा।
#Note: हम हमेशा लिखते हैं कि संघ की सरकार ने चीन का तुष्टिकरण जितना किया उस का चार आना मुस्लिम तुष्टिकरण करता तो आज भारत विश्वगुरु होता। नीचे देखये आज भारतीय तेल Indian Basket का दाम लगभग $92 है जबकि दुनिया मे WTI ($84) Brent ($86), Dubai Murban ($88) के तेल का दाम 8-4 डालर कम है।
#बाबरी दहशत और मुस्लिम तिरस्कार का नतीजा है कि भारत 1993 से मंहगा तेल और गैस ख़रीद रहा है जिस कारण विकास नहीं पैदा हो रहा है, न शौचालय है, न रोज़गार, न स्वास्थ्य, न दवा, न उच्चस्तरीय शिक्षा जब कि आज़ादी के बाद पंडित नेहरू और मौलाना आज़ाद ने IIT, AIMS, Coach Factory आदि इत्यादि देश को 70 साल पहले देकर चले गये थे।
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman जो लोग यूट्यूबर के कल पकड़े जाने पर रो रहे थे, उन के लिए आज यह सरकार के चीनी तुष्टिकरण का पोस्ट है।लोग कहॉ था जब 2019 मे संघ की सरकार को 48% वोट मिला था? आज लोग यूट्यूबर के पकड़े जाने पर मातम कर रहे हैं। सरकार सही कर रही है, अब सब भुगते।
- सौबान रजा, Mohammed Seemab Zaman बहुत सही कहा सर जी आपने हमें तो आशा है कि ये लोग सब बीजेपी को ही वोट करते होंगे मुसलमान के घृणा में.
عبد الحسیب चीन को लाल आंख दिखाकर सिर्फ पिचकारी और झालर का ही बायकॉट होता है , बाकी बड़ी बड़ी डील चीन से सरकार करती ही है , और चीन के बगैर देश का अर्थ वेवस्था स्टेबल हो ही नही सकता , यहां तक कि अमरीका भी चीन के प्रोडक्ट का मोहताज है , खैर क्या करें ,, सरकार अभी कनाडा के ऊपर बीजी है.
Ambuj Gupta Bhartiya चीन से आयात पहले से बहुत अधिक हो रहा। क्या हम चीन को शक्तिशाली करने का काम नहीं कर रहे और पकड़ रहे हैं उनको जिनके ग्रुप्स में थोड़ा पैसा बाहर से निवेश होता है कि कमाओ फिर हमको भी वापस करो। कारोबार में ये दो तरीके की नीतियां कैसे ?
- Mohammed Seemab Zaman, Ambuj Gupta Bhartiya साहेब, इसी से ख़ास कर यह पोस्ट डाला है ताकि लोगो को पता चले की थोड़े पैसा वाले को पकड लिया मगर बडे बडे लोग सरकार मे हैं।जब मनमोहन सिंह 2014 मे सत्ता छोड कर गये थे तो व्यापार चीन के साथ $34 billion का था और सभी Public sectors काम कर रहा था, आज चीन से व्यापार $130 billion सालाना हो गया, सारा Public Sectors घाटा मे है, सब के शेयर का दाम 2014 मे जो था उस का आधा भी नही है।
- Ambuj Gupta Bhartiya, Mohammed Seemab Zaman ये चीन को किसकी कीमत पर मजबूत कर रहे हैं सर ? आखिर नुकसान किसका हो रहा ? लोगों को सवाल पूछना चाहिए या दुश्मनी बंद करो ताकि झालर वगैरा का शोर भी न हो.
Zeenat Khan मार्केट में भारतीय उत्पाद मिलना मुश्किल हो गया है शायद ही कोई चीज़ मेड इन इंडिया हो.. पिछले दिनों बेटी के लिए क्राफ्ट का सामान लेने गए scissors stencil knife gluegun glue etc जो भी सामान लिया सब मेड इन चाइना था.. पेमेंट के बाद हमने दुकानदार से कहा ये मेक इन इंडिया वाला कैलेंडर उतार कर फेंक दो सामान तो सारा मेड इन चाइना बेच रहे खुद भी बेवक़ूफ़ बन रहे दूसरों को भी बना रहे.
Mohammad Amir, Mohammed Seemab Zaman सर 2014 से पहले की सरकारों में चीनी समानों की खूब होली जलाई जाती थी जिन माताओं बहनों को सजने संवरने की जरूरत महसूस होती थी क्रीम पाउडर लिपिस्टिक इत्यादि सब के सब पूछती थी ये चाइना के प्रोडक्ट्स तो नही है न लेकिन आज कॉस्मेटिक मार्केट, ऑनलाइन कंपनिया धड्डल्ले से चाइना का कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स बेच रही है और माताओं बहनों का राष्ट्र प्रेम चाइना के मेकअप के पीछे कही लुप्त हो गया है अन्य लोगो का रुझान भी चाइना के प्रोडक्ट्स की तरफ है क्योंकि सस्ता है इलेक्ट्रिक लाइट की बाजार हो या डेकोरेटिव आइटम या फिर मोबाइल एक्सेसरीज इन सभी के बाजारे चाइना के आइटम से भरी पड़ी है लेकिन पता नही क्यों पिछली सरकार में जो राष्ट्रवाद चाइना का माल जला कर उत्साहित करता था देशभक्ति प्रकट करने के लिए वो ही राष्ट्रवाद अन्ना की तरह कही खो गया है अब ये तब जागता है जब किसी कांड में कोई मुस्लिम नाम आ जाए अन्यथा न कोई आया ना कोई घुसा के स्लोगन के साथ सब अन्ना की कुंभकर्णी नींद के मजे ले रहे है खैर कॉमेंट बहुत बड़ा हो जायेगा मुझे तो लगता है अमेरिका और चीन मिल कर एक पपेट को अपने इशारों पर नचा रहे है एक हथियार बेचे पड़ा है दूसरा सस्ता माल टिकाए दे रहा है.
Rashid Saif दिल्ली के चावड़ी बाज़ार जाओ या पहाड़ गंज और तो और किसी भी लाइन का सामान लेने जाओ सब जगह यही हाल चीन से इंपोर्टेड.
Tur Khan चीन तो इनके जीन में कई दशकों से है साहेब । अभी जनता को इस बारे में केवल लगभग दस प्रतिशत ही पता चल पाया है।इनके लिए मुस्लिम तुष्टिकरण ऐसा है जैसे चारे (bait) को शिकार के मुकाबले ज्यादा तरजीह देना।मुस्लिमों को टार्गेट करने की खबरें अब भी खूब आ रही है अभी वो लोग मौजूद हैं जो दो हजार रुपये लीटर पैट्रोल और पाँच हजार का सिलेंडर खरीदने की बातें करते हैं.
Aabid Sheikh भारत को पूरी तरह चीन पर निर्भर करने के बाद नटवरलाल ने नारा दिया है आत्मनिर्भर भारत, लगभग 85% भारतीयों के हाथ मे चीन से निकला मोबाइल है लेकिन बायकॉट सिर्फ दीवाली की झालर का करना है.
Shamimul Haque सर, आने वाले कई वर्षों तक चीन से आयात में कमी होने की संभावना नजर नहीं आ रही है.
Maninder Singh China ki economy ab downtrend mai hai ab banking sector aur real estate sector down ho rahe hai ab waha ke political establishment ka perception ab capitalism se socialist economy ka ban raha hai ab.
- Mohammed Seemab Zaman, Maninder Singh साहेब, यह सब the Western Media का narrative है चीन के बारे मे। मेरा analysis है कि चीन बहुत ज्यादा, बहुत तेज़ी से तरक्की कर गया था जिस की वजह कर यह correction होना जरूरी था। अगले साल से फिर चीन का growth शुरू होगा।
- सौबान रजा Once more amritka