Post of 9th October 2023

शनिवार से अचानक मिडिल ईस्ट मे उत्पन्न सैन्य संघर्ष दुनिया के अर्थव्यवस्था के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती पैदा करने की क्षमता रखता है।

तीन दिन से चल रहे 75 साल पुराने संघर्ष ने वैश्विक स्थिरता मे एक नया मोड़ ला दिया है, क्योंकि द्वितीय विश्वयुद्ध (WWII) के बाद पहली बार यूरोप में यूक्रेन जंग भी शुरू है।

रूस-यूक्रेन लड़ाई के कारण लाखों लोग यूरोप में शरणार्थी बन कर आ गये हैं तथा तेल और गैस के बढ़े दाम से यूरोप, अमेरिका तथा अन्य देश मुद्रास्फीति के कारण महंगाई से जूझ रहा है।

कोरोना महामारी और रूस के 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण से तबाह दुनिया अभी संभली नहीं थी कि मिडिल ईस्ट के इस संघर्ष ने पूरे दुनिया को लम्बे आर्थिक संकट मे डाल दिया है।

लोग मिडिल ईस्ट के इस संघर्ष को अपने विचारधारा के अनुसार पक्ष और विपक्ष से तर्क दे रहे हैं।नैरेटिव और काऊंटर नैरेटिव बना कर सच को झूठ और झूठ को सच साबित कर रहे हैं, मगर लोग यह नहीं समझ रहा है कि यह संघर्ष अगर लम्बा चला और फिर कहीं पचास साल पहले वाला तेल संकट पैदा हो गया तो यूरोप और एशिया के बड़ी आबादी वाले देश की अर्थव्यवस्था अगले 10-20 साल संकट में पड़ जाये गी।

#नोट: सब लोग दुआ किजये के मिडिल ईस्ट की लड़ाई “शांतिपूर्वक” तरीक़े से ख़त्म हो जाये और मार-काट का सिलसिला बंद हो वरना तेल और गैस तथा आर्थिक संकट सब को ले डूबे गा और चीन एक बहुत बड़ी वैश्विक ताक़त बन कर हमारे सामने खड़ा हो जाये गा।

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