Post of 19 Nov. 2023

सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने कहा कि अरब और मुस्लिम देशों के मंत्री मिडिल ईस्ट नरसंहार को समाप्त करने के उद्देश्य से सोमवार को चीन का दौरा करे गें।

मंत्री फ़ैसल ने कहा कि “चीन का दौरा इस महीने रियाद में अरब-इस्लामिक (OIC) शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णयों का पहला कदम होगा।”

तुर्की के विदेश मंत्री फ़िदान ने कल अलजज़ीरा टीवी पर एक साक्षात्कार मे कहा कि उन्होंने अमेरिकी विदेशमंत्री ब्लिंकन को चेतावनी दी कि अगर अमेरिका गाजा में लगातार बमबारी और नरसंहार का समर्थन करना जारी रखता है, तो एक नया वैश्विक संकट (international crisis) सामने आएगा।”

दूसरे विश्वयुद्ध (WWII) के बाद मिडिल इस्ट मे 6 अक्टूबर से शुरू नरसंहार ने अमेरिका को नेतृत्व को दुनिय मे खत्म करने और मिडिल ईस्ट तथा चीन के विश्व पटल पर उभरने की शुरूआत के रूप में देखा जा रहा है। दुनिया में पहली बार एशिया, अफ़्रीका और यूरोप के औपनिवेशिक देश (colonial countries) पश्चिमी ताक़तों के खिलाफ बोलते नज़र आ रहे है।

इसराइल के कारण पश्चिमी देशों ख़ास कर अमेरिका की राजनीतिक आईसीयू में अपनी आख़री साँस ले रही है।अमेरिका के राष्ट्रपति बाईडेन ने अपनी 50 साल की राजनीतिक आयु में कभी यह नही सोंचा होगा कि इन्हीं के राष्ट्रपति काल में अमेरिका सब कुछ रहते हुए आईसीयू (ICU) में चला जाये गा और मिडिल ईस्ट, ईरान, तुर्की, चीन और रूस इन के पचास साल के मार-काट का जवाब इन को देगा।
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Some comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman बहुत छोटा पोस्ट है।इस को दो साल बाद एक बार दोबारह खोज कर लोग पढ़े गें। अमेरिका को एशिया या अफ़्रीका के देशों को भूलना मुश्किल नहीं होगा क्योंकि अमेरिका बहुत दूर है और एशिया में चीन BRI से सब मूल्कों को जोड़ कर अपनी आबादी का फ़ायदा उठा कर दुनिया का महत्वपूर्ण देश बन जाये गा।

Abdul Bari यह आखिरी सांस है इनको यह जंग अपने सिर पर नही लेना था बाइडेन ने यूक्रेन की तरह इस जंग को own करके फंस चुके है

  • Mohammed Seemab Zaman इस मार-काट को तो इन को सपोर्ट करना मजबूरी हैं, यह मुस्लिम देशो को मालूम है मगर इस की वजह कर पश्चिमी ताक़त कमजोर होती जा रही है और चाह कर के भी यह मिडिल ईस्ट और चीन को नहीं छोड़ सकते हैं। यह अपने ही बिछाये जाल में फँसते जा रहे हैं। वक्त आये गा जब यह यूक्रेन की तरह इन को भी छोड़ दे गे.
    • Salimuddin Ansari, Mohammed Seemab Zaman जनाब कुछ नहीं होने वाला। अब अमेरिका एक और अरब स्प्रिंग लाएगा। वहाँ के अव्वाम को हुक्मरानों से ब्द कर दिया है।

Mohammad Ishteyaque जो लोग हल्ला मचा रहे है कि मुस्लिम वर्ल्ड कुछ नही बोल रहा है…. उन्हे ये समझने की जरूरत है कि कूटनीतिक मार कभी कभी दर्जनों जंग जीतने या शुरू करने से ज्यादा मारक क्षमता रखता है । कम बोलना या नहीं बोलना ….और अंदरखाने मामले को वैश्विक स्तर पर बदल कर रख देना ….. अपने विरोधियों को महत्वहीन कर आइसोलेट कर देना…..सामरिक युद्ध पर कूटनीतिक युद्ध से विजयश्री प्राप्त करना ही असल “जीत” है । अभी “स्थापित सुपर पावर ” को युद्धरत रहने दिया जाय और दुनिया में ये और मार काट मचाए …..!! दो चार साल का और इंतजार है ….यही दुनिया इन्हे उठा कर पटकेंगी ।

  • Mohammed Seemab Zaman आप ने ग़ौर किया कि इस बार पहली बार अमेरिका के विदेश मंत्री 6 हफ्ता में दो बार मिडिल ईस्ट का दौरा कर चूके मगर कोई आदमी अमेरिका या यूरोप नहीं गया।लोग अब चीन जाने लगा, किसी ने नही सोंचा होगा कि लोग अब चीन जाये गा, कल देखये कौन कौन चीन जाता है?

Jitendra Singh इजरायल को, यूरोप को तीन चार महीने तेल गैस की सप्लाई अरब देश क्यों नही रोक रहे, चीन के दरवाजे जाने के बजाय ओआईसी, क्यों नहीं खुद कुछ करता। कान पकड़ने के लिए चीन के हाथों की क्या जरूरत है? अपनी ताकत का मुजाहरा करेंगे तभी तो दुनिया झुकेगी। जगत सेठ भी अंग्रेजों ने लूट लिया था, तो पैसों की ताकत हरदम काम नही आती है।

May be an image of 1 person and text that says "Gideon Rachman China, Russia, Iran and the prospect of American retreat"