Post of 10 May 2023

मिस्र की राजधानी क़ाहिरा से लगभग 30 किमी दक्षिण में स्थित 5000 साल प्राचीन सक़्कारा (سقارة, Saqqara) गीज़ा का एक गाँव है, जिसमें प्राचीन मिस्र के राजघराने की कब्रें हैं। सक्कारा में कई पिरामिड शामिल हैं, जिसमें पत्थर से बना प्राचीन Pyramid of Djoser है। 

सक्कारा में 3,500 साल पुराने राय (Ry) और मैया (Maia) की कब्र पर चूना पत्थर पर बंदर के शक्ल और आदमी के शरीर के हनुमान का विवरण मिला है जो एक कुर्सी के नीचे खड़ा दिखाई देता है जिस पर मैया बैठी होती है। यह एक पट्टे से कुर्सी से बंधा हुआ है।यह चित्र राजा तूतनखामुन (Tutankhamen)  के शासनकाल के दौरान लगभग 1336-1327 BC का है।यह टुकड़ा अब जर्मनी के बर्लिन Neues Museum में है। 

राय बोमेन समुदाय के प्रमुख और घोड़ों के देखभाल करते थे। मैया, राय की पत्नी थीं और भगवान  अमुन (God Amun Ra) के लिए नाचने और गाने वाली नर्तकियों में एक नर्तकी थी। 

मिस्र के लोग वानरों से पूर्व-राजवंश काल, लगभग 5300-3000 ईसा पूर्व,  यानि फेरऔन के राजवंश के पहले से परिचित थे और यह वानरों की सेना ऊपरी मिस्र के सरदारों के कायाकल्प अनुष्ठानों और त्योहारों से जुड़े थे। 

बाद में प्रारंभिक राजवंशीय राजाओं के समय लगभग 3000-2686 BC से जुड़े थे। तब से, उन वानरों का मिस्र के धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान था, क्योंकि यह एक पशु रूप था जिसमें देवताओं को रूपांतरित किया जा सकता था।

#नोट: हम को अब तक प्राचीन मिस्री सभ्यता तथा फेरऔन राजवंश में सारे भगवान प्रतीक जैसे सूरज भगवान, शिव, उनकी पत्नी सेकमत, देवी सरस्वती, राम, अन्य देवी देवताओं, पूजनीय कमल का फूल तथा पुजारी समाज के धोती, टीकी, जनेऊ में चित्र मिलें हैं। आज वानर के शक्ल के पूजे जाने वाले वानर भगवान भी मील गये। अभी शोध जारी है, देखये कब हाथी की शक्ल और मनुष्य के शरीर वाले भगवान मिलते हैं। 

हनुमान तो मिल गये, जय बजरंग बली।