Post of 26th August 2024
यह हैं पाण्डे जी जिन का नाम PK है, जो अब बिहार मे मुसलमानों को ग़लत क़ुरआन और हदीस कोट कर Sermon दे रहे हैं।
इन का नाम इन के माता-पिता ने प्रशांत किशोर रखा था, मगर अमेरिका जा कर यह Pentagon Kishor हो गये और अब बिहार में आकर आज कल मुफ़्ती पेंटागौन किशोर बनते फिर रहे हैं।
पेंटागौन किशोर कहते हैं कि क़ुरआन का पहला शब्द “एक़रा” है जिस का मतलब है पढ़ो मगर यह मुस्लिम क़ौम अपने बच्चों की पढाई पर ध्यान नहीं देती है।
इस पेंटागौन किशोर ने क़ुरआन कभी देखा नहीं होगा मगर सूरह (९६) “अल-अलक़” (Al-Alaq) को जाहिलों की तरह कोट कर रहे हैं।सूरह अलक़ क़ुरआन की पहली वही है, जो नबी ﷺ पर उतरी, जिस मे कहा गया “एक़रा बिस्मे रब्बेक………….” यानि “Read! In the name of your Lord who has created (all that exists)……..”
इसी सूरह अलक़ में अबू-जेहल के तरफ़ एशारा भी है जो पेंटागौन किशोर खुद हैं, जो बिना पढ़े, समझे क़ुरआन कोट कर रहे हैं।पेंटागौन किशोर हम को आप बताइये कहॉ लिखा है कि “रहनुमा न पहचानो गे तो ज़ालिम हुक्मरान मोस्ल्लत कर दिये जायें गें”
किशोर साहेब आप पढ़ने की बात करते हैं मगर पिछले साल 31 मार्च 2023 मे जब बिहारशरीफ (नालंदा) में 113 साल पुराने मदरसा अज़ीज़िया की लाईब्रेरी जहॉ 4500 नायाब किताबें और क़ुरआन था, उस को #रामनवमी के शोभा-यात्रा के दिन जला दीया गया, जहॉ Adolescent Education Program का मरकज़ भी था, तब आप कहॉ थें (?).
आज जब पाण्डे जी और मिश्रा जी लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के कारण 30 साल (1990) से बिहार मे हाशिये पर आ गये तो यह मुसलमानों की चिंता कर रहे है और क़ुरआन-हदीस ग़लत कोट कर मुस्लिम को गुमराह कर रहे हैं कि “लालटेन” को वोट नहीं दो, मेरे तरह बीजेपी को वोट तो ताकि हम तुम्हारा मकान बुल्डोजड़र से गिरा दें और तुम्हारी लिंचिंग करे और तुम दलित के तरह बन कर मेरी सेवा करते रहो।
मिस्टर किशोर आप को याद नही होगा मगर हम ने अपनी आँखों से लालू प्रसाद यादव को 6 दिसंबर 1992 के वक्त दो दिन-दो रात जागते देखा है ताकि बिहार मे दंगा-फ़साद न हो और मुसलमानों का कत्ल न हो।यह याद रखना मुस्लिम कभी किसी का “एहसान” नही भूलता है।लालू प्रसाद और नीतीश कुमार जब तक ज़िन्दा हैं बिहार का मुस्लिम आप के बहकावे और लझेदार भाषण या साक्षात्कार से गुमराह नहीं होगा।
पाण्डे जी आप लोगों को गुमराह कर अपने को रहनुमा बताना बंद किजये।अब जब बिहार और देश में उच्च जाति का बर्चस्व ख़त्म हो गया तो आप को मुस्लिम की चिंता हो गई।मुस्लिम को अपने हाल पर छोड़ दिजये।1400 साल में इस क़ौम ने दुनिया और भारत मे बहुत उतार-चढ़ाव देखा है क्योंकि यह अपने #आमाल को #शरीयत के रास्ते से दूर ले गया है, जिस के कारण आप जैसे ज़ालिम और अबू-जेहल का उपदेश सुन्ना पड़ रहा है।
नोट: Please, पाण्डे किशोर आप अपनी सियासत में क़ुरआन और हदीस को बीच में नहीं लाईये और एक चीज याद रखना कभी क़ुरआन या हदीस को बेग़ैर पढ़े और समझे या किस संदर्भ में कौन सी बात कही गई जाने बिना कोट करने की ग़लती नही करना।
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