Post of 20th November 2023

बर्मा मे रोहिंगया का कत्ल आम 2017 के अगस्त में हुआ और लाखों लोग बांग्लादेश में आकर शरणार्थी हो गये।बर्मा में सेना ने फ़रवरी 2021 में सत्ता पर क़ब्ज़ा किया और वहॉ विपक्षी लड़ाकों ने स्वायत्ता या आज़दी की माँग का आंदोलन तेज़ कर दिया।आज कल बर्मा की सेना आश्चर्यजनक तौर पर इन विपक्षीयों से हार रही है।

*बर्मा में अभी उत्तर में चीन से सटे सीमा पर काचीन (Kachin) जहॉ क्रिसचन हैं वह स्वतंत्र राज्य की लड़ाई ज़ोर शोर से चल रही है।

*पश्चिम में चिन (Chin) राज्य में, एक विद्रोही सेना ने भारत के साथ म्यांमार की पहाड़ी सीमा पर चौकियों पर कब्ज़ा कर लिया है और स्वायत्ता का एलान कर दिया है।बर्मा से हज़ारों लोग भारत के मणिपुर और मिज़ोरम मे आ गये हैं क्योंकि उन लोगों का बेटी-रोटी का रिश्ता है।

*दक्षिण-पूर्व में कायिन राज्य जो थाईलैण्ड की सीमा से सटा है वहॉ करेन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ने स्थानीय सैन्य मुख्यालय पर हमला किया है और 20,000 से ज़्यादा लोग थाईलैण्ड भाग कर शरणार्थी बन गये है।

*रखाइन राज्य जहॉ रोहिंगया मुस्लिम को 70 साल से निकाला जाता रहा है वहॉ भी एक नया मोर्चा फिर से खुल गया है।इसका मुख्य विद्रोही समूह, अराकान आर्मी, उत्तर की ओर थ्री ब्रदरहुड एलायंस के सदस्य के रूप में लड़ रहा है, लेकिन अब उसने रखाइन में युद्धविराम का उल्लंघन कर बर्मी सेना पर हमले फिर से शुरू कर दिये है।

म्यांमार के सेना अध्यक्ष ने कहा है कि कुछ राज्यों को विद्रोहियों ने क़ब्ज़ा कर लिया है और वहॉ बर्मी सेना का कोई आदमी नहीं बचा है।

कहा जा रहा है कि चीन जो बर्मीज़ आर्मी का समर्थक रहा है वह भी अब दूरी बना रहा है क्योंकि बर्मा के विघटन से उस को कोई परेशानी नहीं है।पश्चिमी देशों के मानवाधिकार के ठेकेदार लोग वहॉ हस्तक्षेप करने की माँग कर रहे हैं।

#नोट: यह पोस्ट छोटा है मगर सब लोग बर्मा और भारत के नार्थ इस्ट पर नज़र रखिये गा क्योंकि अरुणाचल प्रदेश की सीमा चीन से मिलता है और वहॉ चीन घुसपैठ कर चुका है।

जब 2017 में बर्मा मे रोहिंगया का कतल आम कर के निकाला गया तो हम ने पोस्ट किया था कि अब यह रोहिंगया का आख़री विस्थापन है और रखाइन राज्य बन्ने की संभावना बढ़ जाये गी।