Post of 24 August 2023
देख लिजये अब कांग्रसी नेता कहने लगे प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव बीजेपी (संघ की पार्टी) के भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे, वाजपेयी नही थे।
सूनते हैं नरसिम्हा राव 18 ज़बान जानते थे मगर ताजुब है उन को भारत का भूगोल और इतिहास नही पता था।दो घंटा मे बाबरी मस्जिद की आलीशान ईमारत को बम से उडा कर जमीन दोज़ करा दिया और पूजा करवा दिया।मीडिल ईस्ट के तेल उत्पादक देशो ने भारत को subsidised oil की आपूर्ति बंद कर दिया।भारत दुनिया मे open market से तेल ख़रीदने लगा और आज तीस साल बाद भी भारत तेल की मार झेल रहा है।
नरसिम्हा राव पैनिक मे आ गये और चीन का तुष्टीकरण शुरू कर दिया।अगस्त 1993 मे बेजिंग जाकर चीन को 350 km जमीन लिख कर दे दिया और LOC को LAC बना दिया।
नरसिम्हा राव आज़ाद भारत के पहले anti national प्रधानमंत्री थे जिस ने peace time मे जमीन का सौदा कर LAC बना दिया और चीन को भारत से बडी अर्थव्यवस्था बना दिया।
आज फिर 9 साल से देश मे संघ (बीजेपी) की सरकार है और चीन का तुष्टिकरण कर $130 billion का चीन से आयात करती है मगर चीन फिर गलवान मे विस्तारवादी हो गया और अरूनाचल का नाम-पता बदल कर भूगोलिक नाम Zangnan रख दिया।
#नोट: नरसिम्हा राव ने बाबरी शहीद करा कर बहुत बडी बेवक़ूफ़ी किया और चीन को महाशक्ति बन्ने और विस्तारवादी होने का अवसर दे दिया, वरना आज भारत चीन से बडी आर्थिक और सैन्य शक्ति होता, क्योकि भारत 1992 तक चीन से हर क्षेत्र मे आगे था।
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Post of 27 August 2023
यह पोस्ट चार साल पहले 27 अगस्त का है जिस मे हम ने नरसिम्हा राव द्वारा बाबरी की शहादत की बात लिखी थी।
मगर कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर जो पूर्व मे केन्द्र में मंत्री भी रहे थे उन को तीस साल लगा यह बात कहने में की नरसिम्हा राव “बीजेपी (संघ की पार्टी) के पहले प्रधानमंत्री थे, वाजपेयी नहीं थे”
चिंता न करें जो हुआ वह सही हुआ वरना आज दुनिया 1878 के 150 साल बाद इस शताब्दी मे तेज़ी से नहीं बदलती। हम ने हमेशा लिखा ‘संघ से मुस्लिम को नुक़सान कम है, फ़ायदा ज़्यादा है और हिन्दु समाज को फ़ायदा कम, नुक़सान ज़्यादा है’।मणिशंकर अय्यर को 30 साल बाद नुक़सान दिखने लगा तो यह नरसिम्हा राव का नाम लिया।
#नोट: मणिशंकर साहेब ने बहुत देर कर दी यह बोलने और लिखने मे, अब भारत को इस ग़लती का “सदक़ा” देना होगा।—————————
Post of 27 August 2019
“ग़ैरते-युसूफ़ है ये वक़्त ऐ अजीज़
‘मीर’ इस को रायेग़ां खोता है क्या” – Shambhu Kumar
कल से हम देख रहे हैं कि भारत के बुद्धिजीवी लोग आर बी आई द्वारा क़रीब $25 billion (1.78 lakh crore रूपया) भारत सरकार को दिये जाने पर अमेरिका के फाईनेनशियल पोस्ट और विभिन्न अर्थशास्त्री लोगो का हवाला देकर रोना पिटना किये हुऐ हैं।
यह वही लोग हैं जो 2013 से गरोह द्वारा देखाये “हिन्दू राष्ट्र/विश्व गुरू” का सपना दिल मे लेकर मुहँ मे “पेठा” लिये थे।यह वैसे ही लोग हैं जो बाबरी के शहादत को पब्लिक के सामने बूरा भला कहते थे मगर 6 दिसम्बर 1992 के जाड़े वाली रात को शाम मे नहा-धो कर पूजा कर के टिका लगा कर नरसिमहा राव को प्रधानमंत्री निवास पर मुबारकबाद देने गये थे।
हम को कोई बताये यह लोग कहॉं थे जब बैंक से लोन दिया जा रहा था और सरकार चुनाव लड़ रही थी और जीत रही थी और लोन लेने वाले देश से भाग रहे थे। यही लोग कह रहे थे पब्लिक के वोट से सरकार यूपी और केन्द्र मैजोरूटी लाई है।
यह लोग कहॉं थे जब छ: साल मे 10 बैंक बन्द/मर्ज हो गया, IDBI को LIC ने हड़प लिया। जब Tata Group के चेयरमैन ने कहा की टाटा की 28 listed company मे जो घाटे मे है को मर्ज कर के 18 company बनाये गें, तो यह बुद्धजिवी खुश थे कि रत्न टाटा नागपुर जाते हैं।
यह लोग कहॉं थे जब लिनचींग और कश्मीर जला कर वोट का ध्रुवीकर्ण हो रहा था मगर मुहँ मे पेठा रखे थे कि राज्य सभा मे मैजोरूटी हो जाये तो तीन तिलाक और 370 पास करे गें।
मेरा कहना है यह कश्मीर/लिनचींग का “सदक़ा” है जो RBI ने भारत सरकार को दिया है।ज्यादा रोने की ज़रूरत नही है।देशभक्ति के लिए ऑसू बचा कर रखो इस से भी बूरा दिन आने वाला है।
Anish Akhtar इनका सदका लेगा कौन?
- Mohammed Seemab Zaman, Anish Akhtar साहेब, बहुत अच्छा सवाल है सदक़ा ले गा कौन? यह कौन लेगा यह बात मणिशंकर अय्यर को पता चल गया है। हम-आप को भी पता है सदक़ा ले गा कौन?सोचये हम ने उस वक्त कशमीर/लिंचिंग को जोड कर “सदक़ा” लव्ज लिखा था जब कोई सोंच भी नही सकता था, इस जुमला को। अब रोने से भी कुछ नही होगा, सदक़ा देना ही होगा, वक्त जो लगे।
Kamal Siddiqui शानदार पोस्ट, बिल्कुल सही लिखा है सर. मैं तो कहता हूं जो हुआ है और जो होगा बहुत ही भारत के लिए मायने रखता है।हम विश्व गुरु तो नहीं बन पाए लेकिन दुनियां से कट ज़रूर गए। अब हमारी कोई नहीं सुनता है और ना भविष्य में सुनेगा। अच्छा हुआ अब ये दशकों नहीं सदियों तक शान्त रहेंगे।टूटेंगे सारे भ्रम धीरे धीरे.
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Some comments on the Post
Turab Qureshi सर आप हमेशा इन महाशय को कोट करते आये है आज मनी जी ने मुहर लगा दी. लाजवाब हो सर
- Mohammed Seemab Zaman नरसिम्हा राव ने 21वी सदी भारत का नही होना दिया। 1998 मे सोवियत संघ के टूटने के दौरान अमेरिका ने चीन मे democracy के नाम पर Tiananmen Square करवाया जिस को चीन ने कुचल दिया और भारत के नेताओ ने बाबरी किया मगर वह यहॉ तोड कर फेल कर गये। अगर नरसिम्हा राव उस को बचा लेते तो पूरी दुनिया भारत की तरफ दौड़ पड़ती और चीन को भूल जाती।नरसिम्हा राव का दिल अंधा था भारत का भूगोल और इतिहास नही पढा था। अब तो तीस साल मे सब को नजर आने लगा और अब अय्यर साहेब ने भी बोल दिया और किताब मे लिख दिया। अब तो यह documented हो गया।
Jitendra Singh नेहरू से ले के राजीव तक सब छुपे संघी थे। नेहरू थोड़े कम थे पर बाकी लोग बाबा, पंचांग, रुद्राक्ष वगैरह के फेर में रहते थे। ताला राजीव ने खुलवाया था। संजय हिंदुत्व की तरफ झुकाव वाला था, इंदिरा तंत्र मंत्र ज्योतिष, बाबा, रुद्राक्ष, पंचांग के फेर में रहती थी, आरएसएस से भी छुपे लिंक थे।
Dr-Asif Masood मणिशंकर अय्यर ही नहीं अब तो सारे कांग्रेसी यह बात समझ चुके हैं,इसी लिए आज कांग्रेस में नरसिम्हा राव का नाम लेवा कोई नहीं,बी जे पी राव का गुणगान करती है और जिन नेहरू,इंदिरा और मनमोहन ने भारत को बनाया उसका विरोध,वैसे मणिशंकर जी समझदार इंसान हैं।
Kamal Siddiqui Mohammed Seemab Zaman सर देर से ही सही पर इसने सच कहा है, और जब ये उस समय पर नहीं बोला इसका मतलब इसका भी समर्थन था। नरसिम्हा राव को बैठाया ही इसलिए गया था ताकि बाबरी और lac जैसा काम को अंजाम दे।
Kadar Khan कांग्रेस में आधे से ज्यादा संघी भरे पड़े हैं आज भी हैं इसलिए राहुल गांधी पैदल यात्रा कर रहा है लेकिन जब तक पूरी सफाई नहीं होती कमोबेश कांग्रेस का यही हाल रहने वाला है और जहां तक मुस्लिम की बात है कांग्रेस शासित राज्यों में आज भी माब लिचिंग जारी है। जो कांग्रेस अपने ही सांसद अहसान जाफरी को न्याय नहीं दिला सकी वो आगे भी कुछ बेहतर और बड़ा कर सकती है इसमें आज भी शक है। कुछ और राज्यों में भले ही सरकार बनेगी लेकिन केंद्र में आने में अभी और भी देर लगेगी।
- Mohammed Seemab Zaman, Kadar Khan साहेब, इंदिरा के बाद कांग्रेसी लोगो ने हमेशा दो नॉव की सवारी की जिस का नतीजा है कि देश Super Power नहीं बन सका और न अगले पचास साल बने गा।लोग या कांग्रेसी गल्तफहमी मे है कि कांग्रेस आ जाये गी को फिर दुनिया भारत को अपना ले गी। अब भारत को बहुत मुश्किल है दुनिया को समझाना की हम Multi-religious, multi-dimensional progressive country हैं क्योकि अब सब कुछ दुनिया ने देख लिया।
सौबान रजा Sir, जिसका आपने अपने कयी लेखों में उल्लेख किया है कि नरसिम्हा राव के एक ग़लत फैसले (बाबरी मस्जिद को शहीद कराना) के कारण आज भारत बहुत पीछे छूट गया है विश्वपटल पर उसका आज रहस्योद्घाटन एक कांग्रेसी वरिष्ठ नेता ने कर दिया है। आपके दूरगामी दृष्टिकोण को मैं सलाम करता हूं सर। अल्लाह पाक आपको सलामत रखे.. आमीन
- Saheel Shaikh, सौबान रजा जी, आमीन.
Zeenat Khan 12 मार्च 93 ने रही सही कसर पूरी करदी थी मुंबई जहाँ बड़े बड़े अरब शेख़ डेरा डाले रहते थे उन्हीं ने अपना पैसा यूरोप चाइना में invest कर दिया और दुबई दुनिया के नक़शे पे उभर आया..
- Aftab Yousufzai, Zeenat Khan मुंबई दंगो की चर्चा नही होती जबकि बॉम्बे ब्लास्ट का राग हर चौराहे पर गाया जाता है.. ये है इनकी असलियत.
Imtiyaz Khan Mansoori 70 के दशक में नरसिम्हा राव ने एक विवादित बयान दिया था कि जो भी पाकिस्तान रेडियो सुनेगा उनके कानों में गर्म तेल डाल दिया जाएगा.
Joginder Ranga और भी बहुत सारे संघी ( हिंदुत्व के पैरोकार) भरे पड़े हैं कांग्रेस में।
Faisal Mohammad Ali Yet Narasimha Rao never gets mentioned when BJP attacks Congress. They only name Nehru for the fiasco. Mani’s one last comment for which he was sidelined now often gets quoted.
Aftab Yousufzai अय्यर साहब, अब पछताए का होत जब चिड़िया चुग गयी खेत.. अब रामराज के मजे लीजिये..
Salman Ahmed जो हुआ अच्छा ही हुआ। सोचता हूँ कि अभी अगर ये हाल है इसपर मुसलमानों के साथ ये बर्ताव हो रहा है अगर चीन से ज़्यादा तरक़्क़ी हो गयी होती और अर्थव्यवस्था चीन से बड़ी होती तो शायद अब तक हर मुस्लिम मुहल्ले को मणिपुर बना दिया गया होता।
- Mohammed Seemab Zaman सोचये अय्यर साहेब तो हम लोगो से ज्यादा चीज अपने आँखों से देखा हो गा क्योकि यह सरकारी नौकर रहे हैं और दस साल से ज्यादा केन्द्र मे मंत्री रहे हैं।आज बहुत मजबूर हो कर अय्यर साहेब ने यह बात कह दिया क्योकि इन को पता है बहुत बडी बरबादी नरसिम्हा राव ने कर दिया।
- Aftab Yousufzai, Mohammed Seemab Zaman सर, ये decide नही कर पाए कि आखिर इनको क्या चाहिए.. वरना बिना इनके खेल के कुछ भी मुमकिन ही नही था.. लेकिन आज इन्होंने जो खोया है उसका ज्यादा मलाल है बा निस्बत पाने के.
- Mohammed Seemab Zaman10-15 साल बाद इस बदली दुनिया को देख कर इन्हे और दूसरो को और भी मलाल
Anish Akhtar शानदार…कभी कभी किसी BJP के मित्र से नरसिम्हा राव की बात करे तो वो नरसिम्हा राव की बहुत तारीफ करते है तो वहम होता है जो अब सही नज़र आने लगा
- Mohammed Seemab Zaman कल तो आप ने ही BRICS in South Africa की तस्वीर डाली है जिस मे 40 नेता खडे हैं। क्या भारत ने 1992 के बाद कोई इतना बडा Event भारत मे किया जिस मे UNO के Guterres से लेकर South America, Asia और Africa के इतने नेता कभी एक जगह जमा हुऐ हों गें?G20 मे भी शायद ही 40 नेता या मंत्री आयें।