Post of 9th July 2022
श्रीलंका के राष्ट्रवाद और सांप्रदायिक माहौल का एक विनाशकारी परिणाम (catastrophic consequences) हम लोगो के सामने है।
राष्ट्रवादी और सांप्रदायिक नेताओं ने दुनिया मे हमेशा अपने देश को बरबाद किया है चाहे वह हिटलर हों, ज़िम्बाब्वे के रौबर्ट मोगाबे, बर्मा के बामर नेता, यूक्रेन के ज़ेलेंसकी या घोर सम्प्रदायिक राष्ट्रवादी नेता गोटाबाया राजपक्षे हों।
आज श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे देश छोड कर भाग गये जो बीस साल से श्रीलंका के राजनीति के रूहेरवॉ रहे थे। बुद्धिष्ठ मौंक इन को अवतार मानने लगे थे क्योकि इन्होने 2009 मे तामिल नेता लिट्टे (LTTE) के प्रभाकरन को मार कर 25 साल से चल रहे मार काट का अन्त किया था।
मगर राजपक्षे के सिंहली बहुसंख्यक प्रभाकरन को मार कर मुस्लिम और क्रिस्चन के खेलाफ महाज़ खोल दिया और सांप्रदायिकता का नशा सर चढ़ कर पढे लिखे लोगो से लेकर ग़रीबों तक पहुँच गया। 2008 तक श्रीलंका के पास $12 billion विदेशी मुद्रा था मगर आज $51 billion विदेशी कर्ज़ है।दवा, तेल, गैस ख़रीदने के लिए विदेशी मुद्रा नही है और न कोई देश मद्द करने को तैयार है।
आज श्रीलंका के प्रधानमंत्री रनिल विक्रामासिंधे के खांदानी मकान को सिंहली लोगों ने जला दिया और वह त्यागपत्र दे कर गायब हो गये।हम को ताजुब है कोई भी देश दो करोड आबादी वाले श्रीलंका को मद्द करने को तैयार क्यों नही है?
श्रीलंका की घटना अभी या भविष्य के राष्ट्रवादी नेता और जनता के लिए ऐतिहासिक उदाहरण है।
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Some comments on the Post
Dr-Asif Masood मुस्लिम देशों ने तो उनके नफरती एजेंडे के सबब सबक सीखा दिया मगर दूसरे देश खास कर यूगांडा वाले विश्वगुरु ने मदद क्यों नहीं की यह बात समझ में नहीं आई।हम इस मोजू पर आप की पोस्ट के मुंतजिर थे।
- Mohammed Seemab Zaman, Dr-Asif Masood साहेब, पढ कर ताजुब हुआ आप इस मोज़ू पर हमारे पोस्ट के मुंतज़िर थे, शुक्रिया।यही तो हम को ताजुब है विश्वगुरू या जापान या थाईलैंड ने क्यों नही मद्द किया?
- Deepak Sharma, Mohammed Seemab Zaman नमस्कार Sir, श्रीलंका पर एक विस्तृत पोस्ट करें
- Ashafaque Alam, Mohammed Seemab Zaman सर सबसे बड़ी बात ये है कि युद्ध लड़ने के लिए यूक्रेन को काफी देश हथियार दे रहे हैं भूख से जूझ रहे श्रीलंका को कोई मानवीय मदद (अनाज वगैरह ) करने को आगे नहीं आ रहा है , जबकि ये देश खुद को इंसानियत के सबसे बड़े ठेकेदार बनते हैं ..
- Dr-Asif Masood, Mohammed Seemab Zaman साहब आप की हर पोस्ट बहुत गौर से पढ़ते हैं माशाल्लाह बहुत मलूमती होती है आप दुनिया भर की खबरों पर नजर रखते हैं और इनसाइड स्टोरी बताते हैं जिस से हम कम अक्लों की मालूमात में इज़ाफा होता है।अल्लाह आप को सेहत और उम्र दराज करे।
Noman Ahmed Farooqui श्रीलंका के प्रकरण से हमे, ये सीख मिलती है कि जब भी कोई नेता या नेता के भक्त राष्ट्रवाद का राग अलापने लगे तो देश की समस्त जनता को होशियार हो जाना चाहिए
- Mohammed Seemab Zaman अभी यूक्रेन का हश्र देखये गा, वहॉ क्या होता है।
Prateek Rao सर ईद-उल-जुहा की बहुत बहुत मुबारकबाद. अब पोस्ट पर- लेकिन वो लोग इस बात पर नजर बनाए होंगे या उन्हें पता है कि यहां ऐसा होना मुश्किल है.क्योंकि वो ऐसे वक्त में धर्म के विरुद्ध धर्म को और जाति के विरुद्ध जाति को खड़ा कर देंगे.
- Mohammed Seemab Zaman आप को भी ईद की बहुत बहुत मुबारकबाद। यहॉ तो राष्ट्रवाद का झूठा नारा दे कर बरबादी हो गई। इस को तो हम लोगो को 20-25 साल भुगतना है। अब तो भारत के भविष्य के नेता (प्रधानमंत्री) को एक युग लग जाये गा विदेश मे साख बनाने मे।
Shalini Rai Rajput ईद मुबारक हो आपको सपरिवार हमारी ओर से